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CWG 2018 : 19 पदकों के साथ तीसरे पायदान पर भारत

भारतीय बैडमिंटन टीम ने रचा इतिहास, CWG में पहली बार जीता गोल्ड

भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की बदौलत भारतीय बैडमिंटन मिक्स्ड टीम ने मलेशिया को 3-1 से हराकर कॉमनवेल्थ के इतिहास में पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। साइना ने चौथे सिंग्ल्स मुकाबले में मलेशिया की सोनिया चियाह को 21-11,19-21 और 21-9 से हराया और इसी के साथ भारतीय बैडमिंटन मिक्स्ड टीम गोल्ड मेडल जीतने में सफल रही। बता दें कि इस गोल्ड के साथ भारत के नाम कुल 19 मेडल हो गए हैं, जिसमें 10 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 कांस्य पदक शामिल है। कॉमनवेल्थ गेम्स का पांचवा दिन भारत के लिए बेहद खास रहा। इस दिन भारत ने 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।

गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन भारत कई बड़ी उठा-पटक से घिरा रहा। पांचवें दिन तक भारत के खाते में अब दस गोल्ड मेडल आ चुके हैं। पांचवें दिन भारत की शुरुआत पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में जीतू राय के गोल्ड मेडल से हुई। इसी स्पर्धा में भारत के ओम मिथरवाल को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। आइए जानते हैं पांचवें दिन कॉमनवेल्थ में कैसा रहा भारत का प्रदर्शन।

भारत का विजयी आगाज, शूटिंग में जीतू ने गोल्ड और एयर पिस्टल में मेहूली ने जीता सिल्वर

21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन भारत का विजय आगाज हुआ। सोमवार को गोल्ड कोस्ट के करारा स्टेडियम में खेले जा रहे शूटिंग इवेंट में भारतीय शूटर जीतू राय ने गोल्ड मेडल जीता है। जीतू राय ने 10 मीटर एयर पिस्टल के इवेंट में कुल 235.1 अंक हासिल करते हुए गोल्ड मेडल जीता है।

पांचवें दिन मेडल्स की बौछार, टेबल टेनिस में भारत ने जीता गोल्ड

21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पाचवें दिन भारतीय पुरुष टेबल टेनिस की टीम ने नाइजीरिया को 3-0 से मात देकर गोल्ड मेडल जीता। गोल्ड कोस्ट के करारा स्टेडियम मे खेले जाने वाले पहले मैच में भारत के अचंता शरत ने नाइजीरिया के खिलाड़ी को 4-11,11-5, 11-4 और 11-9 से हराया।

महिला 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में मेहुली ने सिल्वर, अपूर्वी ने जीता ब्रॉन्ज

21वें कॉमनवेल्भाथ गेम्स में सोमवार को भारतीय महिला निशानेबाज मेहुली घोष ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सिल्वर तो अपूर्वी चंदेला ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। मेहुली घोष ने आखिरी शॉट में 9.9 पॉइंट का निशाना लगाकर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। हालांकि, घोष गोल्ड मेडल की दावेदार थी। एक समय दोनों का मुकाबल बराबर हो गया था, लेकिन आखिरी शॉट में वह सिंगापुर के शूटर से पिछड़ गई।

5वें दिन भी भारत को मिली स्वर्णिम सफलता, जीतू ने गोल्ड तो मिथारवल ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

भारत के अनुभवी निशानेबाज जीतू राय ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पांचवें दिन सोमवार को पुरुषों की 10 मीयर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता है। जीतू में भारत को पांचवे दिन 8वां गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने 235.1 अंकों से साथ गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया।

मुक्केबाज गौरव सोलंकी-मनीष कौशिक अंतिम आठ में, तैराक श्रीहरि नटराज हुए बाहर

मुक्केबाजों ने भी रिंग में अपना विजय अभियान जारी रखा है। पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे गौरव सौलंकी (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (60 किग्रा) अपने-अपने मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए।

फाइनल में तेजस्विन शंकर, एक और पदक के करीब भारत

21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में राष्ट्रीय रिकॉर्डधारक तेजस्विन शंकर ने हाई जंप के फाइनल में प्रवेश कर पदक की उम्मीद कायम रखी है। युवा राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता दिल्ली के शंकर ने 2.21 मीटर की छलांग लगाकर फाइनल का टिकट कटाया।

जूरी के फैसले से वेटलिफ्टिंग में भारत को बड़ा नुकसान, हाथ से फिसले दो गोल्ड मेडल

एक ओर अनुभवहीनता और दूसरी ओर जूरी के कड़े फैसले के चलते कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के हाथ में आए दो गोल्ड मेडल फिसल गए। 105 किलोभार वर्ग में प्रदीप कुमार की दूसरी क्लीन एंड जर्क लिफ्ट को जजों ने पास करार दिया, लेकिन जूरी ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर उनकी इस लिफ्ट को नकार दिया।

मुंबई से गोवा का सफर हुवा दिलचस्प भारत की पहली शीशे की छत वाली ट्रेन हुई शुरू


किसी जगह की ट्रिप का मजा और भी दुगुना हो जाता है, जब सफर सुकूनभरा होता है. पिछले एक दशक से यात्रियों के सफर को सुकूनभरा बनाने के लिए सरकार काफी कदम उठा रही है. देश भर के शहरों को छोटे कस्बे और गांवों से जोड़ने का काम तेजी से हो रहा है. होली और दिवाली जैसे कई त्योहारों पर स्पेशल ट्रेन और बस चलाई जाती है. इसी तरह अब मुंबई से गोवा का सफर और भी दिलचस्प हो जाएगा. 18 सितंबर से दादर और मडगांव के बीच चलने वाली जन शताब्दीट एक्सलप्रेस में एक विस्टािडोम (ग्लास-टॉप) कोच शुरू किया जाएगा.
इसमें मनोरंजन के लिए हैंगिंग एलसीडी टीवी भी है.  एसी विस्टाडोम ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री इस विशेष कोच में रोटेटेबल कुर्सियों पर बैठेंगे. साथ ही इसमें मनोरंजन के लिए हैंगिंग एलसीडी टीवी भी है. 40 सीटों वाले इस कोच की लागत 3.38 करोड़ रुपये है. इस ट्रेन में 360 डिग्री पर घूमने वाली चौड़ी सीटें हैं, जिससे सफर में बाहर के नजारों का बेहतरीन अनुभव मिलेगा.
 
कितने दिन चलेगी ट्रेन?
इस खास कोच को सितंबर के पहले हफ्ते में केंद्रीय रेलवे ने अपने मुख्यालय छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर रिसीव किया था. जानकारी के अनुसार मॉनसून में यह ट्रेन सप्तामह में तीन दिन चलेगी और मॉनसून खत्म होने के बाद सप्ताह में पांच दिन चलेगी. जन शताब्दी एक्सप्रेस के दादर से चलने का समय सुबह 5.25 बजे है और यह उसी दिन शाम 4 बजे तक मडगांव पहुंच जाती है.

एक्जीक्यूटिव क्लास जितना किराया

विस्टाडोम कोचों को चेन्नई की द इंटीग्रल कोच फैक्ट्री  में बनाया गया है. इन कोचों का किराया शताब्दी एक्सप्रेस के एक्जीयक्यूटिव क्लास जितना होगा. मूल किराए के अतिरिक्त रिजर्वेशन चार्ज, जीएसटी और कोई अन्य‍ चार्ज जोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा, 'इसमें कोई कंसेशन (छूट) नहीं मिलेगा और सभी यात्रियों को पूरा किराया देना होगा. इसकी न्यूनतम यात्रा दूरी 50 किलोमीटर होगी.'

पर्यटन को बढ़ाने के लिए उठाया गया कदम 
विस्टाडोम कोच देश में पहली बार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किए जा रहे हैं. जिससे मुंबई या गोवा घूमने के अलावा लोग इस ट्रेन का सफर भी यात्रियों को दिलचस्प लग सके.

आगरा के दर्शनीय स्थल

 
आगरा शहर को सिकंदर लोदी ने सन् 1506 ई. में बसाया था। आगरा मुगल साम्राजय की चहेती जगह थी। आगरा 1526 से 1658 तक मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रहा। आज भी आगरा मुग़लकालीन इमारतों जैसे - ताज महल, लाल किला, फ़तेहपुर सीकरी आदि की वजह से एक विख्यात पर्यटन-स्थल है। बाबर (मुग़ल साम्राज्य का जनक) ने यहाँ चौकोर (आयताकार एवं वर्गाकार) बाग़ों का निर्माण कराया।

ताजमहल 
आगरे का ताजमहल, शाहजहाँ की प्रिय बेगम मुमताज महल का मकबरा, विश्व की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। यह विश्व के नये ७ अजूबों में से एक है और आगरा की तीन विश्व सांस्कृतिक धरोहरों में से एक है। 
1653 में इसका निर्माण पूरा हुआ था। यह मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था। पूरे श्वेत संगमर्मर में तराशा हुआ। यह मुगल शैली के चार बाग के साथ स्थित है। फारसी वास्तुकार उस्ताद ईसा खां के दिशा निर्देश में इसे यमुना नदी के किनारे पर बनवाया गया। यह सममिति का आदर्श नमूना है, जो कि कुछ दूरी से देखने पर हवा में तैरता हुआ प्रतीत होता है। इसके मुख्य द्वार पर कुरआन की आयतें खुदी हुई हैं। उसके ऊपर बाइस छोटे गुम्बद हैं, जो कि इसके निर्माण के वर्षों की संख्या बताते हैं। ताज को एक लालबलुआ पत्थर के चबूतरे पर बने श्वेत संगमर्मर के चबूतरे पर बनाया गया है। 
खुलने का समय : 6 प्रातः से 7:3० साँयः (शुक्रवार बन्द)
आगरा का किला
यह आगरा का एक प्रधान निर्माण है, जो शहर के बीचों बीच है। इसे कभी कभार लाल किला भी कहा जाता है। यह अकबर द्वारा 1565 में बनवाया गया था। बाद में शाहजहां द्वारा इस किले का पुनरोद्धार लाल बलुआ पत्थर से करवाया गया, व इसे किले से प्रासाद में बदला गया। यहां संगमर्मर और पीट्रा ड्यूरा नक्काशी का क्महीन कार्य किया गया है। इस किले की मुख्य इमारतों में मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहाँगीर महल, खास महल, शीश महल एवं मुसम्मन बुर्ज आते हैं। इस दीवार में छोटे अंतरालों पर बुर्जियां हैं, जिनपर रक्षा छतरियां बनीं हैं। इस दीवार को ओएक 9 मीटर चौड़ी व 10 मीटर गहरी खाई घेरे हुए है।

फतेहपुर सीकरी
मुगल सम्राट अकबर ने फतेहपुर सीकरी बसाई, व अपनी राजधानी वहां स्थानांतरित की। यह आगरा से 35 कि॰मी॰ दूर है। यहां अनेकों भव्य इमारतें बनवायीं। यहां भी बुलंद दरवाजा, एक विश्व धरोहर स्थल है। बुलंद दरवाजा या 'उदात्त प्रवेश द्वार' मुगल सम्राट द्वारा बनाया गया था । 

एतमादुद्दौला का मकबरा
सम्राज्ञी नूरजहां ने एतमादुद्दौला का मकबरा बनवाया था। यह उसके पिता घियास-उद-दीन बेग़, जो जहाँगीर के दरबार में मंत्री भी थे, की याद में बनवाया गया था। मुगल काल के अन्य मकबरों से अपेक्षाकृत छोटा होने से, इसे कई बार श्रंगारदान भी कहा जाता है। यहां के बाग, पीट्रा ड्यूरा पच्चीकारी, व कई घटक ताजमहल से मिलते हुए हैं।

जामा मस्जिद
जामा मस्जिद एक विशाल मस्जिद है, जो शाहजहाँ की पुत्री, शाहजा़दी जहाँआरा बेगम़ को समर्पित है। इसका निर्माण १६४८ में हुआ था और यह अपने मीनार रहित ढाँचे तथा विशेष प्रकार के गुम्बद के लिये जानी जाती है।

चीनी का रोजा
चीनी का रोजा शाहजहाँ के मंत्री, अल्लामा अफज़ल खान शकरउल्ला शिराज़, को समर्पित है और अपने पारसी शिल्पकारी वाले चमकीले नीले रंग के गुम्बद के लिये दर्शनीय है।

मेहताब बाग
भारत का सबसे पुराना मुग़ल उद्यान, रामबाग, मुग़ल शासक बाबर ने सन् १५२८ में बनवाया था। यह उद्यान ताजम़हल से २.३४ किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में स्थित है।

स्वामी बाग
स्वामीबाग समाधि हुजूर स्वामी महाराज (श्री शिव दयाल सिंह सेठ) का स्मारक/ समाधि है। यह नगर के बाहरी क्षेत्र में है, जिसे स्वामी बाग कहते हैं। वे राधास्वामी मत के संस्थापक थे। उनकी समाधि उनके अनुयाइयों के लिये पवित्र है। इसका निर्माण 1908 में आरम्भ हुआ था और कहते हैं कि यह कभी समाप्त नहीं होगा। इसमें भी श्वेत संगमर्मर का प्रयोग हुआ है। साथ ही नक्काशी व बेलबूटों के लिये रंगीन संगमर्मर व कुछ अन्य रंगीन पत्थरों का प्रयोग किया गया है। यह नक्काशी व बेल बूटे एकदम जीवंत लगते हैं। यह भारत भर में कहीं नहीं दिखते हैं। पूर्ण होने पर इस समाधि पर एक नक्काशीकृत गुम्बद शिखर के साथ एक महाद्वार होगा। इसे कभी कभार दूसरा ताज भी कहा जाता है।

सिकंदरा (अकबर का मकबरा)
आगरा किला से मात्र १३ किलोमीटर की दूरी पर, सिकंदरा में महान मुगल सम्राट अकबर का मकबरा है। यह मकबरा उसके व्यक्तित्व की पूर्णता को दर्शाता है। सुंदर वृत्तखंड के आकार में, लाल बलुआ-पत्थर से निर्मित यह विशाल मकबरा हरे भरे उद्यान के बीच स्थित है। अकबर ने स्वयं ही अपने मकबरे की रूपरेखा तैयार करवाई थी । अकबर के पुत्र जहाँगीऱ ने इस मकबरे का निर्माण कार्य १६१३ में संपन्न कराया।

मरियम मकबरा
मरियम मकबरा, अकबर की ईसाई बेग़म का मकबरा है, जो आगरा और सिकन्दरा के बीच में है।

मेहताब बाग
मेहताब बाग, यमुना के ताजमहल से विपरीत दूसरे किनारे पर है।

आवागमन 
आगरा शहर प्रमुख शहर दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, हरिद्वार, देहरादून एवं जयपुर आदि शहरों से सीधे रेल एवम् सड़क मार्ग द्वारा चौबीसों घंटे जुड़ा हुआ है। दिल्ली-मुम्बई एवम् दिल्ली-चेन्नई के लिए मध्य-पश्चिम एवम् मध्य-दक्षिण रेलवे नेटवर्क है। दिल्ली से आगरा के लिये रा.राजमार्ग-2 है जिसकी दूरी 200 कि॰मी॰ है जो कि लगभग 4 घंटे में तय की जाती है।
हवाई अड्डा एवम् प्रमुख रेलवे स्टेशन 
खेरिया हवाई अड्डा।
आगरा छावनी रेलवे स्टेशन
आगरा क़िला रेलवे स्टेशन
आगरा शहर रेलवे स्टेशन
राजा की मण्डी रेलवे स्टेशन
ईदगाह रेलवे स्टेशन।

मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय

आजकल की दौड़भाग भरी ज़िन्दगी में लोग रोज़ी-रोटी के चक्कर में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपनी सेहत पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाते, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की स्वास्थ संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इनमें सबसे आम और भयानक रूप लेने वाली समस्या है मोटापा। यह न केवल आपकी पर्सनालिटी को खराब करता है बल्कि हार्ट संबंधी रोग, थायरॉइड, लीवर आदि जैसी बड़ी बीमारियों की भी एक बड़ी वजह है। मोटापा आपको केवल शारीरिक तौर पर हीं प्रभावित नहीं करता बल्कि आपको मानसिक रूप से भी क्षति पहुँचाता है क्यूंकि ज्यादा मोटापा बढ़ने से लोग धीरे-धीरे अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस खो देते हैं और हर वक़्त उनके दिमाग में यह सवाल घूमते रहता है कि मोटापा कैसे कम करें?

इसलिए बेहतर होगा कि आप मोटापे को शुरूआती दौर में हीं बढ़ने से रोक दें तथा कमर और पेट कम करने के उपाय अपनाएँ। हममें से बहुत से लोग मोटापा कम करने के लिए बाज़ार में उपलब्ध कई तरह के महँगे सप्लीमेंट्स और मोटापा कम करने की दवा आदि का इस्तेमाल करते हैं जिसका सेवन हमारे स्वास्थ के लिए बहुत हीं नुक़सानदेह होता है।

           मोटापे के कारण

    1. अधिक मसालेदार एवं तेल युक्त भोजन का सेवन
    2. स्थिर जीवनशैली
    3. पर्याप्त नींद ना लेना
    4. आनुवांशिकता
    5. पूर्व चिकित्सा संबंधी समस्या
    6. शारीरिक परिश्रम न करना (निष्क्रिय रहना)
    7. मानसिक तनाव
    8. हार्मोन का असंतुलन
    9. मेटाबॉलिज़्म कम होना
    10. मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय
किसी भी बीमारी में आयुर्वेदिक उपचार सबसे कारगर और अच्छा माना जाता है। आयुर्वेदिक उपचार की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इससे आपको किसी भी तरह का साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता। कई आयुर्वेदिक उपाय मसलन जीरा और मोटापा आदि काफ़ी असरदार माने जाते हैं। 

मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय –

  • अजवाइन का पानी- अजवाइन का पानी न केवल मोटापा कम करता है बल्कि हमारे  शरीर की पाचन क्रिया को भी तंदरुस्त रखता है। मोटापे की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप 2 चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो कर रात भर छोड़ दें. अगली सुबह इस पानी को छान लें और उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पी जाएं। नियमित रूप से ऐसा करने से आपको जल्द लाभ मिलेगा।
  • दालचीनी और शहद – मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय में दालचीनी शहद का मिश्रण बेहद कारगर है। दालचीनी एक ऐसा हर्ब है जो हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य कर वजन कम करने में मदद करता है। यह मिश्रण तैयार करने के लिए एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी मिलाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। आधे घंटे बाद इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। सुबह के समय खाली पेट इसका आधा कप पी जाएं और शेष बचे पानी को फ्रीज में रख दें। रात को बिस्तर पर जाने से पहले बचे हुए पानी को पी जाएं।
  • नींबू का रस –  मोटापा कम करने के घरेलू उपाय में नींबू सबसे आसान और बाहर हीं असरदार है। नींबू हमारे पाचन में सुधार कर, शरीर से अत्यधिक चर्बी को खत्म करता है। इस उपाय को करने के लिए एक गिलास पानी में 3 चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद और आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिला लें। सुबह खाली पेट इसे पिएं, नियमित रूप  से इसका उपयोग करें जल्द लाभ मिलेगा।
  • करी पत्त्ता – करी पत्त्ता हमारे शरीर के अत्यधिक चर्बी को खत्म करने के साथ-साथ कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। मोटापा घटाने के घरेलू उपाय के लिए आप रोज़ाना सुबह अपने भोजन में कम से कम 10 करी पत्त्ता जरूर शामिल करें।
  • ग्रीन टी – अनेक पोषक तत्वों से भरपूर ग्रीन टी मोटापा कम करने के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। रोज़ाना 3-4 कप ग्रीन टी का सेवन आपके लिए असरदार उपाय रहेगा।
  • जीरा और मोटापा – मोटापा कम करने के घरेलू नुस्खों में जीरा एक बहुत हीं बेहतरीन विकल्प है। जीरा हमारे शरीर से फालतू चर्बी खत्म करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाता है। जीरे का उपाय करने के लिए आप सबसे पहले एक लीटर  पानी लें और उसमेँ 2 चम्मच जीरा डालें। अब रात भर इसे ऐसे हीं छोड़ दें। अगली सुबह पानी छान कर पी जाएं। या फिर आप दही के साथ भी जीरा पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
  • Sab kuch

    माँ पर शायरी

      "माँ के कदमों में बसी जन्नत की पहचान, उसकी दुआओं से ही रोशन है हर इंसान। जिंदगी की हर ठोकर से बचा लेती है, माँ की ममता, ये दुन...