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Nav Durga Sadhana

 **Nav Durga Sadhana** refers to the worship and spiritual practice dedicated to the nine forms of Goddess Durga during the Hindu festival of Navratri. Each of the nine days is dedicated to one of the manifestations of Durga, collectively known as Nav Durga. Devotees perform sadhana (spiritual practice) to invoke the blessings of each form of the goddess, seeking protection, strength, and divine guidance.


Here is an overview of the **Nav Durga Sadhana**:


### 1. **Shailaputri (Day 1)**

   - **Form**: Daughter of the mountains (Parvati)

   - **Mantra**: "Om Devi Shailaputryai Namah"

   - **Sadhana**: Invoking strength and grounding.


### 2. **Brahmacharini (Day 2)**

   - **Form**: The goddess of penance and austerity

   - **Mantra**: "Om Devi Brahmacharinyai Namah"

   - **Sadhana**: Focusing on spiritual growth and discipline.


### 3. **Chandraghanta (Day 3)**

   - **Form**: The warrior goddess with a crescent moon on her forehead

   - **Mantra**: "Om Devi Chandraghantayai Namah"

   - **Sadhana**: Seeking courage and removing negative energies.


### 4. **Kushmanda (Day 4)**

   - **Form**: The creator of the universe, radiant like the sun

   - **Mantra**: "Om Devi Kushmandayai Namah"

   - **Sadhana**: Connecting with creativity and energy.


### 5. **Skandamata (Day 5)**

   - **Form**: Mother of Lord Skanda (Kartikeya)

   - **Mantra**: "Om Devi Skandamatayai Namah"

   - **Sadhana**: Nurturing love and compassion.


### 6. **Katyayani (Day 6)**

   - **Form**: Warrior goddess, fierce and protective

   - **Mantra**: "Om Devi Katyayanyai Namah"

   - **Sadhana**: Overcoming obstacles and achieving goals.


### 7. **Kalaratri (Day 7)**

   - **Form**: The dark goddess, destroyer of fear and ignorance

   - **Mantra**: "Om Devi Kalratryai Namah"

   - **Sadhana**: Letting go of fear and negativity.


### 8. **Mahagauri (Day 8)**

   - **Form**: The radiant and fair goddess, representing purity

   - **Mantra**: "Om Devi Mahagauryai Namah"

   - **Sadhana**: Purifying the mind and soul.


### 9. **Siddhidatri (Day 9)**

   - **Form**: The bestower of supernatural powers and wisdom

   - **Mantra**: "Om Devi Siddhidatryai Namah"

   - **Sadhana**: Gaining spiritual wisdom and enlightenment.


### General Steps in Nav Durga Sadhana:

1. **Purity and Preparation**: Begin the sadhana with a clean body, mind, and environment. Offer flowers, incense, and lamps to the goddess.

2. **Mantra Chanting**: Recite the specific mantra for each form of Durga on the respective day.

3. **Meditation**: Focus on the qualities and energy of the specific form of Durga during meditation.

4. **Offerings**: Traditional offerings include fruits, sweets, and sometimes items symbolizing each goddess's attributes.

5. **Fasting (Vrat)**: Many devotees fast during Navratri, either with complete fasting or by consuming fruits and milk.

6. **Reading Scriptures**: Reading the Durga Saptashati (also known as Devi Mahatmyam or Chandi Path) is a common practice.

7. **Prayers and Aarti**: Perform Durga Aarti, invoking her blessings and grace.


Nav Durga Sadhana is not just about ritualistic worship, but also about inner transformation, invoking the divine feminine energy within, and overcoming challenges in life. Each form of Durga represents different aspects of life, and worshiping them brings spiritual growth, protection, and fulfillment.

दस महाविद्या साधना

 दस महाविद्या साधना तंत्र मार्ग की एक अत्यंत शक्तिशाली और गूढ़ साधना है। दस महाविद्याएँ दस अलग-अलग शक्तियों और देवियों का समूह है, जो तंत्र साधना में अत्यधिक पूजनीय हैं। इन दस महाविद्याओं की साधना से साधक को विविध प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, जिनसे जीवन में सफलता, आध्यात्मिक उन्नति, और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है। 


दस महाविद्याओं के नाम और उनके विशेष गुण निम्नलिखित हैं:


### 1. **काली**:

   - काली महाविद्या का संबंध समय और मृत्यु से है। इनकी साधना से भय का नाश और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

   - मंत्र: "ॐ क्रीं काली कल्याणि महाकाल्यै नमः।"


### 2. **तारा**:

   - तारा देवी ज्ञान, मोक्ष और सुरक्षा की देवी हैं। इनकी साधना से जीवन में कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है।

   - मंत्र: "ॐ ह्रीं स्त्रीम हूम फट।"


### 3. **त्रिपुरसुंदरी (श्री विद्या)**:

   - यह सौंदर्य और प्रेम की देवी हैं। इनकी साधना से साधक को ऐश्वर्य और सुंदरता की प्राप्ति होती है।

   - मंत्र: "ॐ ऐं क्लीं सौः श्री महात्रिपुरसुंदरीयै नमः।"


### 4. **भुवनेश्वरी**:

   - यह देवी संसार की रचयिता और नियंत्रक हैं। इनकी साधना से प्रभावशाली व्यक्तित्व और यश की प्राप्ति होती है।

   - मंत्र: "ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः।"


### 5. **छिन्नमस्ता**:

   - यह देवी आत्म-बलिदान और शक्तिशाली परिवर्तनों की देवी हैं। इनकी साधना से अद्वितीय साहस और बल प्राप्त होता है।

   - मंत्र: "ॐ श्रीं ह्रीं हूम छिन्नमस्तायै नमः।"


### 6. **भैरवी**:

   - भैरवी देवी दुर्जेय शक्ति और अनिष्ट को नष्ट करने वाली हैं। इनकी साधना से बाधाओं और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

   - मंत्र: "ॐ ह्रीं भैरव्यै नमः।"


### 7. **धूमावती**:

   - यह देवी विधवा रूप में होती हैं और इनकी साधना से दुःख और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।

   - मंत्र: "ॐ धूं धूं धूमावत्यै स्वाहा।"


### 8. **बगलामुखी**:

   - यह देवी शत्रु नाश और विजय की देवी हैं। इनकी साधना से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

   - मंत्र: "ॐ ह्लीं बगलामुख्यै सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।"


### 9. **मातंगी**:

   - यह देवी वाणी, कला और संगीत की देवी हैं। इनकी साधना से प्रभावशाली वाणी और ज्ञान प्राप्त होता है।

   - मंत्र: "ॐ ह्रीं ऐं श्रीं मातंग्यै नमः।"


### 10. **कमला**:

   - यह देवी धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। इनकी साधना से भौतिक समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।

   - मंत्र: "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलायै नमः।"


### साधना के चरण:

1. **साधना का स्थान**: एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। साधना के लिए विशेष रूप से बनाए गए तंत्र-मंत्र सिद्ध स्थान उपयुक्त होते हैं।

  

2. **आसन**: साधक को कुश या रेशम के आसन पर बैठना चाहिए।


3. **समय**: ब्रह्म मुहूर्त या रात्रि का समय साधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।


4. **मंत्र जाप**: साधक को अपनी साधना देवी के मंत्र का श्रद्धा पूर्वक जाप करना चाहिए। जाप के लिए रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग कर सकते हैं।


5. **ध्यान**: देवी की मूर्ति या यंत्र का ध्यान करें, और अपने ध्यान में उन्हें अपने सामने उपस्थित अनुभव करें।


6. **नियम**: साधक को साधना काल में शुद्धता, सत्य, और संयम का पालन करना चाहिए। व्रत और अनुशासन साधना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।


दस महाविद्याओं की साधना अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली है, इसलिए इसे गुरु की निगरानी में करना उचित होता है। सही विधि और नियम से की गई साधना से साधक को अद्भुत अनुभव और सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

ब्रह्मचारिणी साधना

 ब्रह्मचारिणी साधना भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है, विशेषकर हिन्दू धर्म में। ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का एक रूप हैं, जिन्हें साधना, तप, और संयम का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से ध्यान, ज्ञान, और आत्म-समर्पण की शक्ति मिलती है।


### ब्रह्मचारिणी साधना के चरण


1. **संकल्प**: साधना आरंभ करने से पहले स्पष्ट संकल्प लें कि आप किस उद्देश्य के लिए साधना कर रहे हैं।


2. **शुद्धता**: साधना से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक है। स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।


3. **मंत्र जप**: ब्रह्मचारिणी देवी का मंत्र “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः” का जाप करें। इसे 108 बार या अपनी सामर्थ्यानुसार जपें।


4. **ध्यान**: ध्यान करें और देवी की कल्पना करें। उनके गुणों पर ध्यान केंद्रित करें, जैसे ज्ञान, तप, और संयम।


5. **उपवास**: कई लोग साधना के दौरान उपवास रखते हैं। यदि संभव हो, तो एक दिन का उपवास रखें या फल-फूल का सेवन करें।


6. **आरती और भोग**: अंत में, देवी की आरती करें और उन्हें भोग अर्पित करें। 


### साधना के लाभ


- **आध्यात्मिक विकास**: ब्रह्मचारिणी की साधना से आत्मा की शुद्धि और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।

- **शक्ति और संयम**: यह साधना तप और संयम की शक्ति देती है।

- **सकारात्मक ऊर्जा**: नियमित साधना से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।


साधना के दौरान धैर्य और नियमितता बनाए रखना आवश्यक है।

सिद्धिदात्री साधना

 सिद्धिदात्री साधना माँ सिद्धिदात्री की आराधना है, जो नवदुर्गा के नौवें रूप में मानी जाती हैं। "सिद्धिदात्री" का अर्थ है वह देवी जो साधकों को सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। यह साधना आध्यात्मिक और भौतिक दोनों लाभों के लिए की जाती है। 


साधना का प्रमुख उद्देश्य दिव्यता प्राप्त करना, जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना और सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करना होता है। माँ सिद्धिदात्री की साधना के दौरान विशेष रूप से निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:


### साधना की विधि:

1. **स्थान का चयन**: एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें जहाँ बिना किसी बाधा के ध्यान कर सकें।

  

2. **समय**: प्रातःकाल या रात्रि का समय उपयुक्त माना जाता है, विशेषकर नवरात्रि के नौवें दिन साधना करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।


3. **ध्यान मुद्रा**: साधक पद्मासन या किसी अन्य ध्यान मुद्रा में बैठें। साधना के दौरान मन को शांत और

महागौरी साधना

 महागौरी साधना देवी महागौरी की पूजा और आराधना है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। महागौरी को अष्टमी (नवरात्रि के आठवें दिन) को पूजा जाता है। यह साधना विशेष रूप से मानसिक शांति, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए की जाती है।


### महागौरी की पूजा की विधि:

1. **स्नान और शुद्धि**: प्रातःकाल स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान की शुद्धि करें।

   

2. **पूजा स्थल**: देवी महागौरी की मूर्ति या चित्र को एक साफ और पवित्र स्थान पर स्थापित करें। 


3. **संकल्प**: माँ की आराधना करते समय अपने उद्देश्य और मनोकामना को संकल्पित करें।


4. **ध्यान**: महागौरी का ध्यान करते हुए उनका रूप, श्वेत वस्त्र धारण किए हुए, चार भुजाओं में त्रिशूल, डमरू, वर और अभय मुद्रा को ध्यान में रखें।


5. **मंत्र जाप**:

   - "ॐ देवी महागौर्यै नमः" मंत्र का जाप करें।

   - 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है।


6. **पुष्पांजलि और चढ़ावा**: देवी को सफेद पुष्प, नारियल, सफेद वस्त्र, और मिठाई अर्पित करें।


7. **आरती**: देवी महागौरी की आरती करें और भक्तिभाव से प्रार्थना करें।


8. **भोग**: देवी को खीर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।


### महागौरी के ध्यान का फल:

महागौरी की साधना करने से व्यक्ति के पिछले पाप नष्ट होते हैं, उसे जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महागौरी की पूजा से विवाहित स्त्रियों को सौभाग्य और अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।


यह साधना विशेषकर मानसिक शांति, संतान सुख और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए की जाती है।

कालरात्रि साधना

 **कालरात्रि साधना** तंत्र और शक्ति उपासना की एक विशेष साधना है, जो माता कालरात्रि के रूप में देवी दुर्गा की उपासना पर केंद्रित होती है। कालरात्रि देवी दुर्गा के सातवें रूप मानी जाती हैं और उनकी पूजा विशेष रूप से दुर्गा पूजा या नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है। यह साधना कठिन मानी जाती है और इसे सावधानीपूर्वक और उचित विधियों के साथ किया जाता है।


### **कालरात्रि साधना का महत्व**:

- कालरात्रि साधना से साधक को भय, अज्ञानता, और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति मिलती है।

- इसे करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएँ, दुर्घटनाएँ और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।

- साधक को शक्ति, साहस, और आत्मबल की प्राप्ति होती है।


### **साधना की विधि**:

1. **स्थान चयन**: साधना को शांत, पवित्र और निर्जन स्थान पर करना चाहिए। यह साधना रात के समय की जाती है, विशेष रूप से मध्य रात्रि के बाद।

   

2. **आसन और वस्त्र**: साधक को लाल या काले वस्त्र धारण करने चाहिए और काले आसन पर बैठना चाहिए।


3. **पूजन सामग्री**:

   - काला वस्त्र

   - काली माला (अधि‍कतर रुद्राक्ष या हकीक की)

   - काले तिल, सरसों, और तेल के दीपक

   - काले तिल और काली गाय का घी

   - शराब (विशेष रूप से तांत्रिक साधना में उपयोगी होती है)

   - नींबू, काला धागा, काले फूल


4. **मंत्र जाप**: साधक को माता कालरात्रि के बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए। कुछ प्रमुख मंत्र हैं:

   - "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः"

   - "ॐ कालरात्रि नमोऽस्तुते"

   - "ॐ ह्रीं श्रीं दुं दुर्गायै नमः"


5. **ध्यान**: साधना के दौरान साधक को माता कालरात्रि का ध्यान करना चाहिए। वे एक काली रंग की देवी हैं, जो भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती हैं। साधक को देवी से आशीर्वाद की प्रार्थना करनी चाहिए कि वे सभी संकटों को दूर करें।


6. **समर्पण**: साधना के अंत में माता को कुछ प्रसाद चढ़ाया जाता है, जो शराब, मांस, या अन्य तामसिक वस्तुएं हो सकती हैं, खासकर तांत्रिक साधना में। हालाँकि, यह प्रक्रिया केवल अनुभवी तांत्रिक गुरु के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए।


### **सावधानियाँ**:

- यह साधना बहुत शक्तिशाली और गूढ़ मानी जाती है, इसलिए इसे किसी अनुभवी गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

- साधक को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और साधना काल में शुद्ध आचरण बनाए रखना चाहिए।

- साधना को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह तांत्रिक ऊर्जा से संबंधित होती है।


**कालरात्रि साधना** के माध्यम से साधक अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत कर सकते हैं और भय, नकारात्मकता और बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं।

कात्यायनी साधना

 **कात्यायनी साधना** मां कात्यायनी की उपासना की एक विशेष साधना है, जो नौ दुर्गाओं में छठी देवी मानी जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा की जाती है। मां कात्यायनी को शक्ति, पराक्रम, और विजय की देवी माना जाता है, और उनकी साधना विशेष रूप से शत्रुनाश और मनोकामना की पूर्ति के लिए की जाती है।


### कात्यायनी साधना का महत्व:

- **शत्रुनाश**: मां कात्यायनी की उपासना से शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

- **विवाह में अड़चन**: कात्यायनी साधना विशेष रूप से उन कन्याओं द्वारा की जाती है, जिन्हें विवाह में बाधा आ रही हो। स्कंद पुराण के अनुसार, श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए गोपियों ने कात्यायनी व्रत किया था।

- **मनोकामना पूर्ति**: भक्त की मनोकामना को पूरा करने में यह साधना सहायक मानी जाती है।


### कात्यायनी साधना विधि:

1. **साधना का समय**: यह साधना नवरात्रि के छठे दिन आरंभ की जाती है, पर इसे किसी भी शुभ दिन जैसे पूर्णिमा या अष्टमी को भी किया जा सकता है।

2. **पूजा स्थल**: साधना के लिए स्वच्छ स्थान का चयन करें, जहां शांत वातावरण हो।

3. **ध्यान और पूजन**:

   - देवी की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।

   - माता का ध्यान करें और "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ कात्यायन्यै नमः" मंत्र का जाप करें।

4. **मंत्र जाप**: कात्यायनी देवी के बीज मंत्र "ॐ कात्यायन्यै नमः" का 108 बार जाप करें।

5. **भोग**: माता को गुड़ और हल्दी से बने व्यंजन का भोग लगाएं।

6. **प्रणाम और आशीर्वाद**: अंत में देवी को प्रणाम करें और अपनी मनोकामना उनके चरणों में अर्पित करें।


### विशेष मंत्र:

- **बीज मंत्र**: "ॐ ह्रीं कात्यायन्यै नमः" 

- **ध्यान मंत्र**: "चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥"


यह साधना साधक के जीवन में सकारात्मकता और शक्ति लाती है।

स्कंदमाता साधना

 **स्कंदमाता साधना** (Skandamata Sadhana) एक विशेष साधना है जिसमें देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की उपासना की जाती है। स्कंदमाता देवी की पूजा नवरात्रि के पाँचवे दिन की जाती है और यह साधना उनके भक्तों के लिए अत्यधिक फलदायी मानी जाती है। स्कंदमाता अपने पुत्र, भगवान स्कंद (कार्तिकेय), को गोद में लिए हुए दिखाई देती हैं और उन्हें पुत्र प्राप्ति, समृद्धि, एवं शांति का प्रतीक माना जाता है।


### स्कंदमाता साधना के लाभ:

- भौतिक एवं आध्यात्मिक समृद्धि।

- बाधाओं से मुक्ति।

- पारिवारिक सुख और शांति।

- रोगों एवं पीड़ा से मुक्ति।

- विशेषतः यह साधना पुत्र प्राप्ति के लिए भी की जाती है।


### स्कंदमाता साधना की विधि:


1. **साधना के लिए समय**:  

   - नवरात्रि के पाँचवे दिन यह साधना की जाती है। लेकिन साधक इसे अन्य दिनों में भी कर सकते हैं, खासकर शुक्रवार को।


2. **पूजा स्थल**:  

   - पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान चुनें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके साधना करें। एक सफेद या लाल कपड़ा बिछाकर उस पर देवी स्कंदमाता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।


3. **सामग्री**:

   - सफेद फूल, सफेद वस्त्र, चंदन, धूप, दीपक, नैवेद्य (मिठाई), फल, और लाल सिंदूर।

   

4. **ध्यान**:  

   - साधना शुरू करने से पहले देवी स्कंदमाता का ध्यान करें।  

   - देवी का ध्यान इस प्रकार किया जाता है:  

   *"सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।  

   शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥"*


5. **मंत्र**:  

   - देवी को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्र का जप करें:  

   *"ॐ देवी स्कंदमातायै नमः"*  

   - इस मंत्र का 108 बार जाप करें। रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग कर सकते हैं।


6. **आरती और प्रसाद**:  

   - साधना के अंत में स्कंदमाता की आरती करें और उन्हें मिठाई और फल का प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद को अपने परिवार के साथ बांटें।


7. **विशेष निर्देश**:  

   - साधना के दौरान मन को स्थिर रखें और पूरी भक्ति से देवी का ध्यान करें। साधना के दौरान मौन रहें और पूर्ण शुद्धता बनाए रखें।


### साधना के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:

- साधना से पहले साधक को शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।

- मन को शांत और एकाग्र रखें।

- नियमित रूप से साधना करने पर देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।


स्कंदमाता साधना से साधक को मानसिक शांति, परिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

कूष्मांडा साधना

 **कूष्मांडा साधना** माता कूष्मांडा की पूजा और साधना है, जो नवदुर्गा के चौथे स्वरूप मानी जाती हैं। उनके नाम का अर्थ है "कूष्मांडा" यानी "कुम्हड़ा" (पंपकिन) और "अंड" यानी ब्रह्माण्ड। ऐसा माना जाता है कि देवी कूष्मांडा ने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड का निर्माण किया, और वे सभी सृष्टियों की आदिस्रोत हैं।


**कूष्मांडा साधना के लाभ:**

1. साधक की मानसिक और शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है।

2. यह साधना आयु, आरोग्य और समृद्धि प्रदान करती है।

3. साधक के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करती है।

4. मन में संतुलन और शांति प्राप्त होती है।


**कूष्मांडा साधना विधि:**

1. **साधना का समय:** नवरात्रि का चौथा दिन, या किसी शुभ दिन का चयन कर सकते हैं।

2. **आसन:** साधक को पूर्व दिशा की ओर मुख करके, कुश के आसन पर बैठना चाहिए।

3. **पूजन सामग्री:** लाल वस्त्र, लाल फूल, धूप, दीप, चंदन, मिठाई, कुम्हड़ा (कद्दू)।

4. **मंत्र:** कूष्मांडा देवी के निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

   - "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडा देवी नमः।"

   इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

5. **ध्यान:** देवी का ध्यान करते समय उन्हें आठ भुजाओं वाली, हाथों में कमल, कमण्डल, धनुष, बाण, अमृत कलश, चक्र, गदा और जप माला धारण किये हुए रूप में ध्यान करना चाहिए।

6. **हवन:** जाप पूरा होने के बाद साधक को 108 आहुतियों के साथ हवन करना चाहिए।

   

**अन्य निर्देश:**

- इस साधना को पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ करना आवश्यक है।

- साधना के समय साधक को शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए।

  

इस साधना से साधक को आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

चंद्रघंटा साधना

 **चंद्रघंटा साधना** देवी दुर्गा के नौ रूपों में से तीसरे रूप, देवी चंद्रघंटा, की साधना होती है। इनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। यह साधना भय, दुख, और रोगों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है। देवी चंद्रघंटा का स्वरूप शांत और सौम्य होते हुए भी युद्धक है, और इनके मस्तक पर चंद्र का अर्धचंद्र आकार में मुकुट है, जिससे इन्हें चंद्रघंटा नाम मिला है।


**चंद्रघंटा साधना के लाभ:**

1. मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।

2. नकारात्मक ऊर्जा और भय से मुक्ति मिलती है।

3. साधक को साहस, वीरता और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।

4. जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

5. आध्यात्मिक उन्नति होती है।


**चंद्रघंटा साधना विधि:**

1. साधना के लिए सोमवार का दिन शुभ माना जाता है, लेकिन इसे नवरात्रि के तीसरे दिन भी किया जाता है।

2. सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

3. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

4. देवी चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती चढ़ाएं।

5. देवी को सफेद या पीले फूल अर्पित करें।

6. देवी चंद्रघंटा के मंत्र का जाप करें:


   **मंत्र**:

   _"ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः"_


   या


   _"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे चंद्रघंटायै नमः"_


7. 108 बार मंत्र का जाप करें। जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग कर सकते हैं।

8. ध्यान करें कि देवी आपको आशीर्वाद दे रही हैं और जीवन में सुरक्षा और समृद्धि प्रदान कर रही हैं।

9. साधना के बाद देवी की आरती करें और अंत में प्रसाद वितरित करें।


**सावधानियाँ:**

- साधना के दौरान मन को एकाग्र और शुद्ध रखें।

- साधना शांत और पवित्र वातावरण में करें।

- साधना के समय व्रत या उपवास भी किया जा सकता है, जिससे साधना का प्रभाव बढ़ता है।


चंद्रघंटा साधना से साधक को देवी का कृपा और शक्ति प्राप्त होती है, जिससे जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।

शैलपुत्री साधना

 **शैलपुत्री साधना** माँ दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप, शैलपुत्री की उपासना को समर्पित है। शैलपुत्री का अर्थ है "पर्वत की पुत्री," और वह पार्वती जी का एक रूप हैं। शैलपुत्री की साधना नवरात्रि के पहले दिन की जाती है और यह साधना व्यक्ति के भीतर शुद्धता, धैर्य, और साहस को जागृत करती है। 


**शैलपुत्री साधना के चरण**:


1. **ध्यान और आह्वान**: 

   - शुद्ध स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन लगाएं।

   - साधक सबसे पहले अपनी मन, वाणी, और कर्म की शुद्धता के लिए ध्यान करें और मां शैलपुत्री का आह्वान करें।


2. **पूजन सामग्री**:

   - लाल या सफेद वस्त्र पहनें।

   - लाल पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य (फल, मिठाई), सफेद वस्त्र, और जल का प्रबंध करें।

   - मां शैलपुत्री को गाय का घी अर्पण करें, जिससे साधक को सेहत और मानसिक शक्ति प्राप्त होती है।


3. **मंत्र जाप**: 

   माँ शैलपुत्री का बीज मंत्र इस प्रकार है:

   - "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।"

   - इस मंत्र का 108 बार जाप करें।

   

4. **ध्यान मंत्र**: 

   साधना के समय इस ध्यान मंत्र का उच्चारण करें:

   - वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

     वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ 


5. **आरती और प्रार्थना**: 

   मंत्र जाप के बाद मां शैलपुत्री की आरती करें और उनके चरणों में अपने मन की कामनाओं को अर्पित करें। आरती के बाद सफेद वस्त्र और मिठाई का भोग लगाएं।


6. **साधना का फल**: 

   शैलपुत्री साधना से साधक की मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ती है। यह साधना साधक के जीवन से कष्टों को दूर करती है और उसे दृढ़ता प्रदान करती है। 


शैलपुत्री साधना का महत्व विशेषकर नवरात्रि के दौरान अधिक होता है, क्योंकि यह साधना व्यक्ति के आत्मशक्ति को जागृत करती है और उसे मां दुर्गा की कृपा से जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है।

Durga puja 2014

 Durga Puja में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें *नवरात्रि* के नौ दिनों के दौरान विभिन्न नामों से जाना जाता है। इन नौ देवियों के नाम निम्नलिखित हैं:


1. **शैलपुत्री** – माँ दुर्गा का पहला रूप।

2. **ब्रह्मचारिणी** – माँ दुर्गा का दूसरा रूप।

3. **चंद्रघंटा** – माँ दुर्गा का तीसरा रूप।

4. **कूष्मांडा** – माँ दुर्गा का चौथा रूप।

5. **स्कंदमाता** – माँ दुर्गा का पाँचवा रूप।

6. **कात्यायनी** – माँ दुर्गा का छठा रूप।

7. **कालरात्रि** – माँ दुर्गा का सातवाँ रूप।

8. **महागौरी** – माँ दुर्गा का आठवाँ रूप।

9. **सिद्धिदात्री** – माँ दुर्गा का नौवाँ रूप।


ये नौ देवियाँ मिलकर माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं और हर देवी की पूजा का विशेष महत्व होता है। Durga Puja 2014 में भी इन्हीं रूपों की पूजा की गई थी।

**नवरात्रि** के दौरान माता **नवदुर्गा** के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह नौ रूप मां दुर्गा के विभिन्न रूपों और शक्तियों का प्रतीक हैं। प्रत्येक रूप का विशेष महत्व है और उन्हें विशेष दिन पर पूजा जाता है। आइए इन नौ रूपों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें:


### 1. **शैलपुत्री** (Shailaputri) - 

*पहला दिन*

- शैलपुत्री का अर्थ है "पर्वत की पुत्री"। यह माता पार्वती का रूप है, जिन्हें राजा हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म मिला था। इनके हाथ में त्रिशूल और कमल का पुष्प होता है।

- इन्हें प्रकृति और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है।


### 2. **ब्रह्मचारिणी** (Brahmacharini) - 

*दूसरा दिन*

- यह मां दुर्गा का वह रूप है जो तपस्या और साधना का प्रतीक है। इन्होंने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी। यह रूप संयम और तपस्या का प्रतीक है।

- इनके एक हाथ में कमंडल और दूसरे में माला होती है।


### 3. **चंद्रघंटा** (Chandraghanta) - 

*तीसरा दिन*

- यह माता का उग्र रूप है, जिनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होता है। यह रूप साहस और वीरता का प्रतीक है। 

- यह रूप शांति और सद्भावना का प्रतीक है, लेकिन बुराई के खिलाफ लड़ने का साहस भी दिखाता है।


### 4. **कूष्माण्डा** (Kushmanda) - 

*चौथा दिन*

- कूष्माण्डा मां का वह रूप है जिन्होंने ब्रह्मांड की रचना की थी। यह रूप सृजन और ऊर्जा का प्रतीक है।

- इनके आठ हाथ होते हैं, जिनमें वे कमल, धनुष, बाण, कमंडल, और अन्य अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं।


### 5. **स्कंदमाता** (Skandamata) - 

*पांचवा दिन*

- स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं। यह रूप ममता और वात्सल्य का प्रतीक है।

- यह चार हाथों वाली देवी हैं, जिनमें वे अपने पुत्र स्कंद को गोद में लिए होती हैं।


### 6. **कात्यायनी** (Katyayani) - 

*छठा दिन*

- यह माता का योद्धा रूप है, जिन्हें महर्षि कात्यायन ने अपने घर पुत्री के रूप में प्राप्त किया था। यह रूप शक्ति और साहस का प्रतीक है।

- इन्हें सिंह पर सवार और चार हाथों में अस्त्र-शस्त्र धारण करते हुए दिखाया जाता है।


### 7. **कालरात्रि** (Kalaratri) - 

*सातवां दिन*

- यह मां का उग्र और भयानक रूप है, जो अज्ञानता और बुराई को नष्ट करती हैं। इन्हें काली भी कहा जाता है।

- यह रूप अंधकार और भय से मुक्ति का प्रतीक है। इनके तीन नेत्र और चार हाथ होते हैं।


### 8. **महागौरी** (Mahagauri) - 

*आठवां दिन*

- यह मां दुर्गा का सुंदर और शांत स्वरूप है। इन्होंने कठोर तपस्या से अपना गोरापन प्राप्त किया था। यह रूप शुद्धता और ज्ञान का प्रतीक है।

- इनकी चार भुजाएं हैं और यह वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं।


### 9. **सिद्धिदात्री** (Siddhidatri) - 

*नौवां दिन*

- यह मां दुर्गा का सिद्धियों को प्रदान करने वाला रूप है। यह देवी सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं।

- इनकी चार भुजाएं हैं और यह कमल के आसन पर विराजमान होती हैं। इन्हें सभी देवी-देवताओं की सिद्धिदात्री माना जाता है।


इन नौ रूपों की पूजा नवरात्रि के नौ दिनों में की जाती है और प्रत्येक दिन का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान इन रूपों की उपासना करने से भक्तों को शक्ति, समृद्धि, ज्ञान, और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

**नवरात्रि पूजा विधि और मुहूर्त** 


नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि 9 दिन तक चलने वाला पर्व होता है, जिसमें हर दिन देवी के अलग-अलग रूप की आराधना की जाती है। 


**नवरात्रि पूजा विधि**:


1. **कलश स्थापना**:  

   नवरात्रि के पहले दिन घर के पूजा स्थल में गंगा जल से शुद्धि करें। मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं और उसके पास एक तांबे या मिट्टी के कलश में पानी भरें। कलश के ऊपर नारियल रखें और कलश को लाल वस्त्र से ढककर देवी की मूर्ति या चित्र के पास रखें।


2. **माँ दुर्गा की स्थापना**:  

   माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर रखें। देवी को लाल रंग के वस्त्र और चुनरी अर्पित करें। 


3. **दीप जलाना**:  

   अखंड दीप जलाएं जो पूरे 9 दिनों तक बिना बुझा रहे। यह दीपक देवी के आशीर्वाद का प्रतीक होता है। 


4. **आरती और मंत्र जाप**:  

   रोजाना सुबह और शाम देवी की आरती करें और दुर्गा सप्तशती या देवी के मंत्रों का जाप करें, जैसे "ॐ दुं दुर्गायै नमः"। 


5. **नैवेद्य अर्पण**:  

   प्रतिदिन माँ को फल, मिष्ठान, पान, सुपारी, लौंग और इलायची आदि का भोग लगाएं। सात्विक भोजन ग्रहण करें और प्रसाद बांटें। 


6. **कन्या पूजन (अष्टमी या नवमी को)**:  

   नवरात्रि के आठवें या नौवें दिन कन्या पूजन करें। 9 कन्याओं को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन कराएं। उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र और धन दें।


**नवरात्रि का शुभ मुहूर्त**:


नवरात्रि की शुरुआत का शुभ मुहूर्त कलश स्थापना और घट स्थापना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए दिन की पंचांग की जांच की जाती है। सामान्यतः कलश स्थापना प्रातःकाल या अभिजीत मुहूर्त में की जाती है। 


**कलश स्थापना का सामान्य समय**:

- **अभिजीत मुहूर्त**: 11:36 AM से 12:24 PM (स्थानीय पंचांग के अनुसार समय में भिन्नता हो सकती है)।


इन विधियों का पालन करके श्रद्धालु नवरात्रि के 9 दिनों में माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

12 Jyotirlingas name or place.

 The 12 Jyotirlingas are sacred shrines dedicated to Lord Shiva, spread across India. Here's a list of the Jyotirlingas along with their locations:


1. **Somnath Jyotirlinga** – **Prabhas Patan, Gujarat**

2. **Mallikarjuna Jyotirlinga** – **Srisailam, Andhra Pradesh**

3. **Mahakaleshwar Jyotirlinga** – **Ujjain, Madhya Pradesh**

4. **Omkareshwar Jyotirlinga** – **Mandu, Madhya Pradesh**

5. **Kedarnath Jyotirlinga** – **Kedarnath, Uttarakhand**

6. **Bhimashankar Jyotirlinga** – **Pune, Maharashtra**

7. **Kashi Vishwanath Jyotirlinga** – **Varanasi, Uttar Pradesh**

8. **Trimbakeshwar Jyotirlinga** – **Nashik, Maharashtra**

9. **Vaidyanath Jyotirlinga** – **Deoghar, Jharkhand**

10. **Nageshwar Jyotirlinga** – **Dwarka, Gujarat**

11. **Ramanathaswamy Jyotirlinga** – **Rameshwaram, Tamil Nadu**

12. **Grishneshwar Jyotirlinga** – **Ellora, Maharashtra**


Each of these Jyotirlingas is considered highly sacred in Hinduism and is visited by millions of devotees each year.

Some of the top cities for tourism include.

 India is home to many vibrant cities, each offering unique cultural experiences, history, and attractions. Some of the top cities for tourism include:


1. **Agra** – Famous for the Taj Mahal, Agra Fort, and other Mughal architecture.

2. **Jaipur** – Known as the "Pink City," it offers palaces, forts (e.g., Amber Fort), and rich cultural heritage.

3. **Delhi** – The capital city, rich in history with attractions like the Red Fort, Qutub Minar, India Gate, and vibrant markets.

4. **Mumbai** – India’s financial capital, offering a blend of colonial architecture, beaches, Bollywood, and nightlife.

5. **Varanasi** – One of the world’s oldest cities, known for its spiritual significance and the sacred Ganges River.

6. **Udaipur** – The "City of Lakes," famous for its palaces, scenic lakes, and romantic ambiance.

7. **Bengaluru** – Known for its parks, gardens, and as the tech hub of India, it also offers a moderate climate and nearby attractions.

8. **Kolkata** – Rich in colonial history, it is known for its literary, artistic, and revolutionary heritage.

9. **Goa** – A top destination for beaches, nightlife, and Portuguese colonial architecture.

10. **Amritsar** – Famous for the Golden Temple and its significance in Sikh history.


Each of these cities provides a unique glimpse into India's rich culture, history, and diversity.

Top cars in India in 2024

 Here are some of the top cars in India in 2024, across different segments based on popularity, performance, and value for money:


### 1. **Maruti Suzuki Swift**

   - **Segment**: Hatchback

   - **Engine**: 1.2L Petrol

   - **Key Highlights**: Sporty design, good mileage, affordable pricing, and reliable.


### 2. **Tata Nexon**

   - **Segment**: Compact SUV

   - **Engine**: 1.2L Turbo Petrol, 1.5L Diesel, Electric variant

   - **Key Highlights**: High safety rating, robust build quality, feature-packed.


### 3. **Hyundai Creta**

   - **Segment**: Mid-size SUV

   - **Engine**: 1.5L Petrol, 1.4L Turbo Petrol, 1.5L Diesel

   - **Key Highlights**: Stylish design, feature-rich, strong sales performance.


### 4. **Maruti Suzuki Baleno**

   - **Segment**: Premium Hatchback

   - **Engine**: 1.2L Petrol

   - **Key Highlights**: Spacious cabin, smooth ride, excellent fuel efficiency.


### 5. **Kia Seltos**

   - **Segment**: Mid-size SUV

   - **Engine**: 1.5L Petrol, 1.4L Turbo Petrol, 1.5L Diesel

   - **Key Highlights**: Attractive design, tech-laden interiors, good performance.


### 6. **Mahindra XUV700**

   - **Segment**: Mid-size SUV

   - **Engine**: 2.0L Turbo Petrol, 2.2L Diesel

   - **Key Highlights**: Advanced technology, ADAS features, spacious and luxurious.


### 7. **Maruti Suzuki Brezza**

   - **Segment**: Compact SUV

   - **Engine**: 1.5L Petrol

   - **Key Highlights**: Reliable, fuel-efficient, and feature-packed.


### 8. **Honda City**

   - **Segment**: Sedan

   - **Engine**: 1.5L Petrol, Hybrid variant

   - **Key Highlights**: Premium sedan experience, great handling, strong brand value.


### 9. **Toyota Fortuner**

   - **Segment**: Full-size SUV

   - **Engine**: 2.8L Diesel, 2.7L Petrol

   - **Key Highlights**: Powerful engine, off-road capability, imposing road presence.


### 10. **MG Hector**

   - **Segment**: Mid-size SUV

   - **Engine**: 1.5L Petrol, 2.0L Diesel

   - **Key Highlights**: Large touchscreen, connected car features, comfortable ride.


These cars are popular in India for their value propositions, safety features, and suitability for Indian driving conditions.

Top e bike in India 2024.

 Here are some of the top electric bikes in India for 2024:


1. **Tork Kratos R**: Known for its solid build and features like regenerative braking, digital display, and ride modes. It has a range of 180 km, a top speed of 70 km/h, and costs around ₹1.49 lakh.


2. **Oben Electric Rorr**: A sporty electric bike with a 4.4 kWh battery providing up to 200 km of range. It has a top speed of 100 km/h and is priced at ₹1.49 lakh.


3. **Ola S1 Pro**: This popular electric scooter offers advanced features like multiple riding modes, a range of 181 km, and a price of ₹1.34 lakh. It's ideal for city rides with smart connectivity options.


4. **Ather 450X**: Known for its excellent acceleration and smart features, the Ather 450X offers a range of 146 km, with a starting price around ₹1.42 lakh.


5. **Srivaru Prana**: This is a high-performance e-bike with a 7.2 kWh battery, providing a range of 126 km and a top speed of 123 km/h. It's priced at ₹2.25 lakh.


These bikes represent a mix of high performance, smart features, and decent range, catering to both urban commuters and long-distance riders.

Low budget top bike in India 2024

 Here are some of the top low-budget bikes in India that offer great value for money, with prices generally under ₹1 lakh:


1. **Hero Splendor Plus**  

   - Engine: 97.2cc  

   - Mileage: 60-70 kmpl  

   - Price: ₹75,000 (approx)  

   - Known for its reliability, mileage, and low maintenance costs.


2. **Bajaj Platina 100**  

   - Engine: 102cc  

   - Mileage: 70-80 kmpl  

   - Price: ₹70,000 (approx)  

   - Offers great comfort and excellent mileage.


3. **TVS Sport**  

   - Engine: 109.7cc  

   - Mileage: 70-75 kmpl  

   - Price: ₹65,000 (approx)  

   - A budget-friendly commuter with decent performance and good mileage.


4. **Honda CD 110 Dream**  

   - Engine: 109.51cc  

   - Mileage: 65-70 kmpl  

   - Price: ₹73,000 (approx)  

   - A simple and reliable commuter bike with smooth performance.


5. **Bajaj CT 110**  

   - Engine: 115cc  

   - Mileage: 70-75 kmpl  

   - Price: ₹60,000 (approx)  

   - Offers robust build quality and good fuel efficiency.


These bikes are well-suited for daily commuting, offering excellent fuel economy, affordable maintenance, and durability. Prices may vary slightly depending on location and offers.

Top bike in India list 2024

 Here are some of the top bikes in India in 2024 across different categories:


### 1. **Royal Enfield Classic 350**

   - **Engine**: 349cc

   - **Power**: 20.2 bhp

   - **Price**: ₹1.93 Lakh onwards

   - **Highlights**: Retro design, comfortable riding posture, iconic brand.


### 2. **TVS Apache RTR 160 4V**

   - **Engine**: 159.7cc

   - **Power**: 17.39 bhp

   - **Price**: ₹1.24 Lakh onwards

   - **Highlights**: Sporty design, high performance, good mileage.


### 3. **Bajaj Pulsar NS200**

   - **Engine**: 199.5cc

   - **Power**: 24.13 bhp

   - **Price**: ₹1.47 Lakh onwards

   - **Highlights**: Strong performance, aggressive styling, great handling.


### 4. **Yamaha R15 V4**

   - **Engine**: 155cc

   - **Power**: 18.4 bhp

   - **Price**: ₹1.80 Lakh onwards

   - **Highlights**: Full-faired design, sporty performance, racing DNA.


### 5. **KTM Duke 390**

   - **Engine**: 373.27cc

   - **Power**: 42.9 bhp

   - **Price**: ₹2.97 Lakh onwards

   - **Highlights**: Sharp handling, powerful engine, premium features.


### 6. **Honda CB350 H’Ness**

   - **Engine**: 348.36cc

   - **Power**: 20.78 bhp

   - **Price**: ₹2.09 Lakh onwards

   - **Highlights**: Classic styling, refined engine, comfortable ride.


### 7. **Bajaj Dominar 400**

   - **Engine**: 373.3cc

   - **Power**: 39.42 bhp

   - **Price**: ₹2.30 Lakh onwards

   - **Highlights**: Touring-friendly, powerful performance, muscular design.


### 8. **Hero Xtreme 160R**

   - **Engine**: 163cc

   - **Power**: 15.2 bhp

   - **Price**: ₹1.21 Lakh onwards

   - **Highlights**: Light weight, responsive performance, modern features.


These bikes are popular in their respective segments due to their design, performance, and price-to-feature ratio. Depending on your preferences—whether you want a commuter, a sportbike, or a cruiser—India offers a diverse range of options.

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माँ पर शायरी

  "माँ के कदमों में बसी जन्नत की पहचान, उसकी दुआओं से ही रोशन है हर इंसान। जिंदगी की हर ठोकर से बचा लेती है, माँ की ममता, ये दुन...