Yllix

आज का मीठा मोती

*💧आज का मीठा मोती💧*

*संसार में सुई बनकर रहे,*
*कैची बनकर नही*
*क्योकि सुई 2 को 1 कर देती है*
*और कैची 1 को 2 कर देती है।*
*अर्थात :-* सबको *जोड़ो,* *तोड़ो* नही।
         *क्योंकि*
   *मित्रता एवं रिश्तेदारी*
            *"सम्मान" की नही*
       *"भाव" की भूखी होती है...*
                *बशर्तें लगाव*
         *"दिल" से होना चाहिए*
                   *"दिमाग" से नही.*     
           

Nice Lines

*कहीं ना कहीं कर्मो का डर है, नही तो गंगा पर क्यो इतनी भीड है?*

*जो कर्म को  समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नही*

*पाप शरीर नही करता विचार करते है*

*और गंगा विचारो को नही सिर्फ शरीर को धोती है...*

Nice Lines



      *_✏अगर रास्ता खूबसूरत है तो,_*
                     *_पता कीजिये_*
        *_किस मंजिल की तरफ जाता है !_*
    *_लेकिन अगर मंजिल खूबसूरत हो तो,_*
     *_कभी रास्ते की परवाह मत कीजिये !!_*
                *_मेहनत का फल और_*
                   *_समस्या का हल_*
        *_देर से ही सही मिलता जरूर है..✍🏻_*

      

छतीसगढ़

एक समय था जब राज्य ना होने के बाद भी छत्तीसगढ़ "धान का कटोरा" कहलाता था। उसकी अपनी एक अलग सांस्कृतिक पहचान थी।जगह जगह रात-रात भर मड़ई-मेला,नाचा-गम्मद,पंथी,जसगीत,फागगीत,पंडवानी आदि कार्यक्रम होते थे।विवाह आदि सामारोह में तो सांस्कृतिक झलक देखते ही बनता था।गीत,संगीत,मस्ती सब कुछ कमाल का था।किसान को हम अन्नदाता कहते थे "जय जवान जय किसान" का नारा तो गूंजते ही रहता था।पर आज...
छत्तीसगढ़ में "कटोरा" बच गया है "धान" ग़ायब हो गया है।संस्कृति के नाम पर मात्र औपचारिकता होती है और हम d.j.रीमिक्स, डिस्को,डांडिया,गरबा,भांगड़ा आदि में मस्त रहते है।दारू बेचने और पीने में हम कीर्तिमान बना रहे है।अब हमें अन्नदाता नही "दारूवाहा" कहा जाने लगा है।किसान आत्महत्या कर रहे है अब नारा बदल कर "आग लगे बस्ती में मस्त रहो मस्ती में" में हो गया है।
व्यापार के बहाने विदेशी "भारत"आये और भारत वासियों को अपना ग़ुलाम बनाया।बड़े संघर्ष के बाद देश को स्वतंत्रता मिली पर आज भी देश आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विदेशियों का ग़ुलाम है।
यही स्थिति छत्तीसगढ़ की भी है।गैर प्रदेशी व्यापार के लिए यंहा आये और आज राज्य बनने के 18 साल बाद भी आर्थिक,राजनैतिक और सांस्कृतिक रूप से वो हमे अपना ग़ुलाम बना रहे है।
मज़दूर हो या मालिक,नेता हो या अभिनेता,चपरासी हो या अधिकारी,ठेले की गुमटी हो या कारखाना,संस्था निजी हो या शासकीय, कार्यकर्ता हो या मंत्री सभी जगह गैर प्रदेशियों ने कब्ज़ा किया हुआ है।
यंहा रहना-कमाना-खाना तो सब चाहते है पर यंहा की संस्कृति को अपनाना कोई नही चाहता।
अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नही जब छत्तीसगढ़ तो रहेगा पर "छत्तीसगढ़िया" नही रहेंगे।
"जागो छत्तीसगढ़िया जागो"
आपसे विनती है अपनी क्षेत्रियता को ही प्राथमिकता दे,छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति को बचाये,गैर प्रदेशियों के बहकावे में ना आये,दारू रूपी दानव को छत्तीसगढ़ से भगाये।
जय भारत,जय छत्तीसगढ़।

आरक्षण

*"करती हूँ अनुरोध आज मैं, भारत की सरकार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"वर्ना रेल पटरियों पर जो, फैला आज तमाशा है,"*
*"जाट आन्दोलन से फैली, चारो ओर निराशा है…"*
*"अगला कदम पंजाबी बैठेंगे, महाविकट हडताल पर,"*
*"महाराष्ट में प्रबल मराठा , चढ़ जाएंगे भाल पर…"*
*"राजपूत भी मचल उठेंगे, भुजबल के हथियार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"निर्धन ब्राम्हण वंश एक, दिन परशुराम बन जाएगा,"*
*"अपने ही घर के दीपक से, अपना घर जल जाएगा…"*
*"भड़क उठा गृह युध्द अगर, भूकम्प भयानक आएगा,"*
*"आरक्षण वादी नेताओं का, सर्वस्व मिटाके जायेगा…"*
*"अभी सम्भल जाओ मित्रों, इस स्वार्थ भरे व्यापार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"जातिवाद की नही , समस्या मात्र गरीबी वाद है,"*
*"जो सवर्ण है पर गरीब है, उनका क्या अपराध है…"*
*"कुचले दबे लोग जिनके, घर मे न चूल्हा जलता है,"*
*"भूखा बच्चा जिस कुटिया में, लोरी खाकर पलता है…"*
*"समय आ गया है उनका , उत्थान कीजिये प्यार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"जाति गरीबी की कोई भी, नही मित्रवर होती है,"*
*"वह अधिकारी है जिसके घर, भूखी मुनिया सोती है…"*
*"भूखे माता-पिता , दवाई बिना तडपते रहते है,"*
*"जातिवाद के कारण, कितने लोग वेदना सहते है…"*
*"उन्हे न वंचित करो मित्र, संरक्षण के अधिकार से"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

एक ड्राइवर की व्यथा

ड्राइवर की कीमत
*ड्राइवर की  हिम्मत*
कभी कम नहीं हो ...सकती

दिल तो आशिक तोडते है साहब.......

हम तो सडको के रखवाले हैं... रिकॉर्ड तोडते हैं

अंजाम की फिक्र
तो कायरों को होती है, 

हम तो *ड्राइवर *है,
जहाँ *_Risk_* होती है, वहाँ हमारी *_Entry Fix_*  होती है..


*कैसे सोती होगी वो हर माँ*
_जिसे पता है की उसका बेटा गाडी चला रहा है _

*कैसे कमाता होगा वो हर पिता*
_जिसका बेटा बारिश के तुफानो मे भी गाड़ी चलाता है _

*केसे चहकती होगी वो हर बहन*
_जिसके भाई का इंतजार हेवी पावर गाडीया कर रही हैं _

*कैसे काम करता होगा वो हर भाई*
_जो उसके आने का इंतजार कर रहा हो_

*कैसे जीती होगी वो नारी*
_जिसका सिंदूर कभी भी मिट सकता हे_

*कैसे रहते होंगे वो हर दोस्त*
_जिनका यार कभी भी 108 मे आ सकता हैं.......
एक ड्राइवर
अच्छा लगे तो आगे भेजे *
  =*आल इंडिया ड्राइवर एसोशियेसन*=

Nice Lines

*ओशो*
Beautiful words by Osho.

जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे रिश्तेदारो से मिलने आएगे और मुझे पता भी नही चलेगा, तो अभी आ जाओ ना मुझ से मिलने।

जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरे सारे गुनाह माफ कर देंगे जिसका मुझे पता भी नही चलेगा, तो आज ही माफ कर दो ना।

जब मेरी मृत्यु होगी तो आप मेरी कद्र करेंगे और मेरे बारे में अच्छी बातें कहेंगे, जिसे मैं नहीं सुन सकूँगा, तो अभी कहे दो ना।

जब मेरी मृत्यु होगी तो आपको लगेगा कि इस इंसान के साथ और वक़्त बिताया होता तो अच्छा होता, तो आज ही आओ ।

इसीलिए कहता हूं कि इंतजार मत करो इंतजार करने में कभी कभी बहुत देर हो जाती है.!
इस लिये मिलते रहो ,,,माफ कर दो,या माफी मांग लो!!!!

 🎋 *मन "ख्वाईशो"मे अटका रहा!*
*...............और...............*
*जिंदगी हमे "जी "कर चली गई..🎋*

Nice Lines

‪*कुँवे का पानी सब फसलों को एक समान मिलता है*
*लेकिन फिर भी*
*कारेला कडवा,*
*बेर मीठा*
*और ,*
*इमली खट्टी होती है*

*यह दोष पानी का नही है, बीज का है..*
*वैसे ही*
*भगवान सब के लिए एक समान है*
*लेकिन दोष कर्मो का है..*
🙏🙏GOOD EVENING🙏🙏

Nice Lines

दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! यूँ तो मिल जाता है हर कोई!मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!

हेल्थकेयर

🅱➕
खड़े खड़े पानी पीने वाले का घुटना दुनिया का कोई डॉक्टर ठीक नहीँ कर सकता।
🅱 ➕
* तेज पंखे के नीचे या A. C. में सोने से मोटापा बढ़ता है।
🅱 ➕
* 70% दर्द में एक ग्लास गर्म पानी किसी भी पेन किलर से भी तेज काम करता है।
🅱 ➕
* कुकर में दाल गलती है, पकती नहीँ। इसीलिए गैस और एसिडिटी करती है।
🅱 ➕
* अल्युमिनम के बर्तनों के प्रयोग अंग्रेजों नें देशभक्त भारतीय क़ैदियों को रोगी बनाने के लिए किया था।
🅱 ➕
* शर्बत और नारियल पानी सुबह ग्यारह के पहले अमृत है।
🅱 ➕
* लकवा होते ही मरीज के नाक में देशी गाय का घी डालने से लकवा पन्द्रह मिनट मेँ ठीक हो जाता है।
🅱➕
* देशी गाय के शरीर पर हाथ फेरने से 10 दिन में ब्लड प्रेसर नॉर्मल हो जाता है।
🅱➕
अच्छी बातें , अच्छे लोगों, अपने मित्र , रिश्तेदार और ग्रुप मे अवश्य शेयर करे.

Nice Lines

*✍🏻..*
*_मुझे मालूम है कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते हैं,_*
 *_फिर भी मैं चलता हूँ क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते हैं..!_*

जय गुरुदेव

जय निखिलेश्वर.. सदगुरुदेव के ॠण चुकाने के लिए दो तरीके बहुत अच्छे हैं - एक तो गुरु की शिक्षा का प्रचार एवं उनके छोड़े हुए कार्य का प्रसार।

ज्यादातर लोग अपने गुरु की महानता को प्रदर्शित करने के लिए सिर्फ मिथकों(रूढ़िवादी अंधविश्वास) का सहारा लेते हैं। वे अपने सदगुरुदेव को मिथकों के ताना-बाना से बुनी चादर से ढक देते हैं, नतीजा यह निकलता है कि हम आने वाली पीढ़ी के सामने गुरु का न सही रूप रख पाते हैं, न उनकी शिक्षा को ही सही रूप में पेश कर पाते हैं। गुरु के चमत्कारों के वर्णन से किसी का भला नहीं होता, उल्टा नया साधक अपने ध्येय से भटक जाता है।

अगर आपको अपने सदगुरुदेव  के नाम को रोशन करना है, उनके आध्यात्मिक चेतना  को बढ़ाना है, नई पीढ़ी को उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है तो दो बातों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है -

पहला तो यह कि हम नये साधकों के सामने अपने गुरु की शिक्षा, उनके आदर्श व मूल साधना सही रूप में रक्खें।पुस्तकों में लिखे हुए उनके प्रवचनों में निहित भावना को सही तरह से नये साधकों को समझायें।

दूसरा तरीका और भी अच्छा है। वह यह है कि हम अपने सदगुरुदेव  की शिक्षाओं को, उनके आदर्शों को पूरे तौर से अपने जीवन का अंग बनायें। हमारे अंदर संयम हो,सच्चाई हो,सरलता हो,सेवाभाव हो, विनम्रता हो,त्याग और वैराग्य की भावना हो,सही आचरण के साथ साथ सदगुरुदेव एवं उसके बताये हुए मार्ग में पूरी आस्था हो,विश्वास हो, श्रद्धा हो।नया साधक हमको देखकर यह सोचने पर विवश हो जाये कि जब शिष्य ऐसा है तो सदगुरुदेव न मालूम कितना भव्य होगा,महान होगा। आपको देखकर ही उसके अंदर भी इस मार्ग पर चलने की इच्छा स्वतः ही जागृत हो जायेगी और हमारा भी मनोरथ पूरा हो जाएगा।

जीवन यापन भी एक यात्रा है। यात्री मार्ग जाता हुआ जैसे बहुत से दृश्य देखता हुआ, रात्रि को विश्राम करता हुआ तथा अनेक आपदा व् सुख भोगता हुआ अपने मार्ग को तय करता है, ठीक इसी प्रकार हमारी भी जीवन यात्रा है, इसे हमें तय करना ही है। चाहे शान्ति से व्यतीत करो, चाहे उद्धिग्न होकर । चाहे अपने को कोसते हुए चलो , चाहे प्रसन्न चित्त होते हुए पार कर लो , यह अपने विचारों पर निर्भर है। हाँ सदगुरुदेव  का ध्यान , गुरु का संग ही एक ऐसा पन्थ है कि हमें आनन्द के साथ अपना मार्ग तय करा देता है।
हमें करना भी क्या है ? केवल उसकी याद । बस , इसी से सब सफलता मिलता है। हर समय याद रखने को ही अजपा जाप कहते है, जिसका महत्व शास्त्रो में बहुत कुछ कहा गया है ।
जिस वस्तु का हर समय ध्यान रखा जायेगा, जीव वैसे ही बन जायेगा अतः हमको सदैव  सदगुरुदेव का ध्यान रखना ही आवश्यक है। हम जिस शक्ति को सदगुरुदेव  का सम्बोधन करते है, कोई उसे राम-कृष्ण तथा ओ३म आदि कहकर पुकारते हैं , वह हमें हर समय घेरे हुए ही नही बल्कि हममे ओत- प्रोत हो रही है। हम यदि चाहें भी तो उससे अलग नही हो सकते। यह समझना कि हम उससे दूर तथा अलग है, झूठा ख्याल है। अतः जीव की हर समय की दशा पर वह ख्याल करके उसको मनवाँछित फल देती रहती है, उसी का आशीर्वाद हमे कृतार्थ करता है । हर एक वस्तु में हमको उसे देखने का अभ्यास करना चाहिए।

प्रेम और सेवा*
गुर ने यह साधना संसार के सामने रखते हुए कहा था कि यह "प्रेम" भी देती है। *प्रेम ही आत्मिक उन्नति की कसौटी है*। अगर हम मानव को मानव न समझें, व्यक्ति को व्यक्ति न समझें या किसी दुःखी दरिद्र को देखकर हमारे हृदय में वेदना न जागे तो समझना चाहिए कि हमारी साधना बेकार है।
अतः सबसे इतना प्रेम करो जितना तुम अपने से करते हो।तुम्हारे अंदर हमेशा देने के भाव रहें,लेने से बचते रहो। प्रेम से सेवा करो और सेवा कराने से परहेज रखो। *पूज्य गुरुदेव के प्रेम और सेवा के सबक को हमें याद रखना चाहिए*
प्रेम, निरहंकारिता,नम्रता,दया, करुणा अपने स्वभाव में बढ़ाओ और इन्हीं से प्रेरित होकर हर मनुष्य, हर जीव की सेवा करो।यही गुरु व भगवान को प्रसन्न करने की कुंजी है।
सबसे प्रथम गुरु से प्रेम पैदा होता है साधक के हृदय में। वही प्रेम जब और बढ़ता है तो स्वाभाविक रूप से गुरु परिवार  से हो जाता है। जब यह प्रेम और फैलता व गहराता है तो विश्व प्रेम का स्वरूप ग्रहण कर लेता है।

*सबसे बड़ी सेवा जो सदगुरुदेव चाहते थे वह थी -"गुरु की आध्यात्मिक चेतना का प्रचार

*पूज्य सद गुरुदेव चाहते थे कि हर साधक के हृदय में सेवा भाव हो।बस एक ही विचार हो कि हमें गुरु सेवा करनी है चाहे वह परोक्ष हो या अपरोक्ष। सेवा के बदले में कदापि कुछ न चाहें। आगे चलकर जीव मात्र की सेवा ही गुरु सेवा हो जाती है।

कथा

Jay Shri Krishna Ji...
निधिवन कथा  (((((    जय  राधा माधव

                                      जय  कुंज  बिहारी   )))))

एक बार कलकत्ता का एक भक्त अपने गुरु जी की सुनाई हुई। भागवत कथा से इतना मोहित हुआ कि वह हर घडी वृन्दावन आने की सोचने लगा। उसके गुरु जी उसे निधिवन के बारे में बताते थे और कहते थे कि आज भी भगवान यहाँ निधिवन में रात्रि को रास रचाने आते है पर उस भक्त को इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था और एक बार उसने निश्चय किया कि वृन्दावन जरुर जाऊंगा और ऐसा ही हुआ। श्री राधा रानी जी की कृपा हुई और आ वह आ गया श्री वृन्दावन धाम उसने जी भर कर बिहारी जी का राधा रानी का दर्शन किया। लेकिन अब भी उसे इस बात का यकीन नहीं था कि निधिवन में रात्रि को भगवान रास रचाते है उसने सोचा कि एक दिन निधिवन रुक कर देखता हूँ। इसलिए वो वही पर रूक गया और देर तक बैठा रहा और जब शाम होने को आई तब एक पेड़ की लता की आड़ में छिप गया।

जब शाम के वक़्त वहा के पुजारी निधिवन को खाली करवाने लगे तो उनकी नज़र उस भक्त पर पडy गयी जो लता के पीछे छिपा हुआ था और उसे वहा से जाने को कहा तब तो वो भक्त वहा से चला गया। लेकिन अगले दिन फिर से वहा जाकर छिप गया और फिर से शाम होते ही पुजारियों द्वारा निकाला गया और आखिर में उसने निधिवन में एक ऐसा कोना खोज निकाला जहा उसे कोई न ढूंढ़ सकता था और वो आँखे मूंदे सारी रात वही निधिवन में बैठा रहा और अगले दिन जब सेविकाए निधिवन में साफ़ सफाई करने आई तो पाया कि एक व्यक्ति बेसुध पड़ा हुआ है और उसके मुह से झाग निकल रहा है।

उन सेविकाओ ने सभी को बताया तो लोगो कि भीड़ वहा पर जमा हो गयी। सभी ने उस व्यक्ति से बोलने की कोशिश की लेकिन वो कुछ भी नहीं बोल रहा था। लोगो ने उसे खाने के लिए मिठाई आदि दी लेकिन उसने नहीं ली और वो ऐसे ही ३ दिनों तक बिना कुछ खाए पिये। ऐसे ही बेसुध पड़ा रहा और 5 दिन बाद उसके गुरु जो कि श्री गोवर्धन में रहते थे। उनको बताया गया तब उसके गुरूजी वहा पहुचे और उसे गोवर्धन अपने आश्रम में ले आये। आश्रम में भी वो ऐसे ही रहा और एक दिन सुबह सुबह उस व्यक्ति ने अपने गुरूजी से लिखने के लिए कलम और कागज़ माँगा गुरूजी ने ऐसा ही किया और उसे वो कलम और कागज़ देकर मानसी गंगा में स्नान करने चले गए। जब गुरूजी स्नान करके आश्रम में आये तो पाया कि उस भक्त ने दीवार के सहारे लग कर अपना शरीर त्याग दिया था। और उस कागज़ पर कुछ लिखा हुआ था।

उस कागज पर जो लिखा था वो इस प्रकार है।
गुरूजी मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई है। पहले सिर्फ आपको ही बताना चाहता हूँ। आप कहते थे न कि निधिवन में आज भी भगवान रास रचाने आते है और मैं आपकी कही बात पर विश्वास नहीं करता था। लेकिन जब मैं निधिवन में रूका तब मैंने साक्षात श्री बांके बिहारी जी को राधा रानी जी और अन्य गोपियों के साथ रास रचाते हुए दर्शन किया और अब मेरी जीने की कोई इच्छा नहीं है। इस जीवन का जो लक्ष्य था वो लक्ष्य मैंने प्राप्त कर लिया है और अब मैं जीकर करूँगा भी क्या?

श्री श्याम सुन्दर की सुन्दरता के आगे ये दुनिया वालो की सुन्दरता कुछ भी नहीं है। इसलिए आपके श्री चरणों में मेरा अंतिम प्रणाम स्वीकार कीजिये वो पत्र जो उस भक्त ने अपने गुरु जी के लिए लिखा था। वो आज भी मथुरा के सरकारी संघ्रालय में रखा हुआ है। जो की बंगाली भाषा में लिखा हुआ है।

जय जय श्री राधे राधे

Nice Lines

*🖊
*🖊
*जीवन   में   श्वास   और   विश्वास   की,  एक   समान   जरूरत   होती   है..!*

*श्वास   खत्म   तो   जिंदगी   का   अंत,  विश्वास   खत्म   तो   संबंध   का   अंत..!*


     
                    

Nice Lines

कोई खुशियों की चाहत में रोया
कोई दुखों की पनाह में रोया!!!

अजीब सिलसिला है इस ज़िन्दगी का,

कोई भरोसे के लिए रोया,                       
कोई भरोसा कर के रोया.!!

"खुशी ने वादा किया था वो पांच दिन बाद लौट आएगी ....

पर जब हमने "ज़िन्दगी" की किताब खोल कर देखी
तो कमबख्त ज़िन्दगी ही चार दिन की थी.!!!!

So Enjoy Every moment
🙏🌹good morning🌹🙏

Nice Lines

शोभा डे नाम की एक प्रख्यात लेखिका की टिप्पणी -

"मांस तो मांस ही होता है,
चाहे गाय का हो,
या बकरे का,
या किसी अन्य जानवर का......।

फिर,
हिन्दू लोग जानवरों के प्रति अलग-अलग व्यवहार कर के
क्यों ढोंग करते है कि बकरा काटो,
पर, गाय मत काटो ।
ये उनकी मूर्खता है कि नहीं......?"
.
जवाब -1.
  बिल्कुल ठीक कहा शोभा जी आप ने ।
 मर्द तो मर्द ही होता है,
 चाहे वो भाई हो,
या
पति,
या
बाप,
या
बेटा ।
फिर, तीनो के साथ आप अलग-अलग व्यवहार क्यों करती हैं ?

भाई, बेटा, या बाप के साथ भी वही व्यवहार किया जा सकता है,
जो आप अपने पति के साथ करती हैं ।

ये आप की मूर्खता और आप का ढोंग है कि नहीं.....?

जवाब-2.
  घर में आप अपने बच्चों और अपने पति को खाने-नाश्ते में दूध तो देती ही होंगी, या चाय-कॉफी तो बनाती ही होंगी...!
जाहिर है, वो दूध गाय, या भैंस का ही होगा ।

तो, क्या आप कुतिया  का भी दूध उनको पिला सकती हैं, या कुतिया के दूध की भी चाय-कॉफी बना सकती हैं..?

 क्यों नही ? दूध तो दूध है , चाहे वो किसी का भी हो..!

ये आप की मूर्खता और आप का ढोंग है कि नहीं......?
.
प्रश्न मांस का नहीं, आस्था और भावना का*
है ।

 जिस तरह, भाई, पति, बेटा, बेटी, बहन, माँ, आदि रिश्तों के पुरुषों-महिलाओं से हमारे सम्बन्ध मात्र एक पुरुष, या मात्र एक स्त्री होने के आधार पर न चल कर भावना और आस्था के आधार पर संचालित होते हैं,

उसी प्रकार गाय, बकरे, या अन्य पशु भी हमारी भावना के आधार पर व्यवहृत होते
हैं ।

जवाब - 3.
एक अंग्रेज ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा -
"सब से अच्छा दूध किस जानवर का होता है ?"

स्वामी विवेकानंद -
"भैँस का ।"

अंग्रेज -
"परन्तु आप भारतीय तो गाय को ही सर्वश्रेष्ठ मानते हैं न.....?"

स्वामी विवेकानन्द कहा -
"आप ने "दूध" के बारे मे पुछा है जनाब, "अमृत" के बारे में नहीं,
और दूसरी बात,
आप ने जानवर के बारे मेँ पूछा था ।
गाय तो हमारी 'माता' है,
 कोई जानवर नहीं ।"

इसी विषय में एक सवाल
"Save tiger" कहने वाले समाज सेवी होते हैं
और
"Save Dogs" कहने वाले पशु प्रेमी होते हैं ।
तब,
"Save Cow" कहने वाले कट्टरपन्थी कैसे हो गये.....?

इसका जवाब अगर किसी के पास हो, तो बताने की ज़रूर कृपा करे ।
.

Nice Lines

🙆उपवास की नई स्टाईल 😉
बगैर इनके एक दिन रहकर
देखो
सोमवार     - मोबाईल बंद📵
मंगलवार    - फेसबुक बंद📗
बुधवार      - बिजली बंद💡
गुरूवार      - इंटरनेट बंद 💻
शुक्रवार      - कार/ मोटरसाईकल बंद 🚗/🚲
शनीवार      - वाटसप बंद 📲
रवीवार      -  टी.वी. बंद 📺
🔔🔔ये उपवास करके देखो   ‘_`
💥भगवान धरती पर आकर कहेंगें.. !!
   " बस कर पगले अब रुलायेगा क्या 😢😁 "
           बिलकुल नया है
आगे भेजो

Nice lines

Nice line👌

*डाली  पर  बैठे  हुए  परिंदे  को  पता  है  कि  डाली  कमज़ोर  है...*
*"फिर  भी  वो  उस  डाली  पर  बैठता है  क़्योकी  उसको  डाली  से  ज़यादा  अपने  पंख  पर  भरोसा  है..."*
             *"'BELIEVE in your*
               *'CAPABILITY'&'CONFIDENCE'*
      *"मुस्कुराना"  सीखना पड़ता है...!*
   *"रोना" तो पैदा होते ही आ जाता हैं...!*
             

हमर छतीसगढ़

👉👉हमर छत्तीसगढ़ के ज्ञान बात👇👇👇👇👇👇👇


गाड़ा बिना धुरा के
      खटिया बिना खुरा के
           देवार बिना सूरा के
*उहु का काम के।*

आदमी बिना पेट के
     हसिया बिना बेट के
         समधी बिना भेंट के
*उहु का काम के।*

साग बिना लौकी के
    घर बिना डौकी के
       बेलना बिना चौकी के
*उहु का काम के।*

संतरा बिना चानी के
   राजा बिना रानी के
       नहर बिना पानी के
*उहु का काम के।*

भौरा बिना बाटी के
  गोड़ बिना साटी के
      राउत बिना लाठी के
*उहु का काम के।*

आदमी बिना हांसी के
    महल बिना दासी के
       बटकी बिना बासी के
*उहु का काम के।*

पेड़ बिना पान के
     खेत बिना धान के
        आदमी बिना कान के
*उहु का काम के।*

बरा बिना दार के
    घेंच बिना हार के
         तरिया बिना पार के
*उहु का काम के।*

 गाड़ा बिना भईसा के
      दुनियां बिना पईसा के
           रोटी बिना अइरसा के
*उहु का काम के।*

लड्डू बिना बुंदी के
   अंगठी बिना मुंदी के
       मुड़ बिना चुन्दी के
*उहु का काम के।*

नदिया बिना सागर के
   खेत बिना नांगर के
        आदमी बिना जांगर के
*उहु का काम के।*

आदमी बिना ज्ञान के
   घर बिना सियान के
          लईका बिना धियान के
*उहु का काम के।*

 🙏🌹पढ़ लेहे मैसेज
ज्ञान बात के .....
अउ नाइ भेजे कोनो ला
उहु कोन काम के।।
🌹🙏🙏🙏🌹
           

Nice lines

यहां शराब तम्बाखु गुटखा पर कोई प्रतिबंध नही है। लेकिन बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर प्रतिबंध है सरकार कहती है हेलमेट आप की सुरक्षा के लिए है, तो जरा ये भी बताये की शराब तम्बाखू क्या हमारे सेहत के लिए सहीं है, हेलमेट के नाम पर जबरन वसूली करना बंद करो दम है तो शराब दुकाने बन्द करो सरकार हेलमेट पहनने पर जोर दे रही है, अगर हेलमेट के बजाय सरकार शराब बंदी पर जोर दें; तो दुर्घटना 99% कम हो जायेगी अगर आप सहमत है तो आगे शेयर करो !

Nice Lines

🌿🍇🌿🍇🌿🍇🌿🍇🌿

     "पहली नमस्ते *परमात्मा* को,
         जिन्होंने हमें बनाया है".

     "दूसरी नमस्ते *माता पिता* को,
                जिन्होंने हमें
       अपनी गोद में खिलाया है".

       "तीसरी नमस्ते *गुरुओं* को,
               जिन्होंने हमको
       वेद और ज्ञान सिखाया है".

 "चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते
                  *"आप को"*
         "जिन्होंने हमें अपने साथ
       जुड़े रहने का मौका दिया  है.
 
      

Nice Lines

🌿🌹🌿
🌹✍🏻 *तालाब सदा कुँऐ से*
            *सैंकड़ों गुना बड़ा होता*
            *है फिर भी लोग कुँऐ का*
            *ही पानी पीते हैं.,*
*🌹✍ क्योंकि कुँऐ में गहराई*
            *और शुद्धता होती है…!*
*🌹✍  मनुष्य का बड़ा होना*
             *अच्छी बात है., लेकिन*
             *उसके व्यक्तित्व में*
             *गहराई और विचारों में*
             *शुद्धता भी होनी चाहिए*
             *तभी वह महान बनता है…!!                       

Nice Lines

*तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक|*
*साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसे एक ||*

*अर्थ:*  "तुलसीदास जी कहते हैं, किसी विपत्ति के समय आपको ये सात गुण बचायेंगे:
आपका ज्ञान या शिक्षा, आपकी विनम्रता, आपकी बुद्धि, आपके भीतर का साहस, आपके अच्छे कर्म, सच बोलने की आदत और ईश्वर में विश्वास !!"

        

Nice Lines

*किसी ने गुरु से पूछा की , 5 छिद्रों वाले घड़े को कैसे भरेंगे ?*

*गुरु ने मुस्कान के साथ उत्तर दिया  -पानी में ही डूबा रहने दो ;भरा ही रहेगा !*

*इसी तरह हमारी 5 इन्द्रियाँ  परमात्मा में ही डूबी रहेंगी तो संसार क्या बिगाड़ लेगा*

*तन की जाने, मन की जाने,*
       *जाने चित की चोरी ।*

 *उस प्रभु  से क्या छिपावे*
      *जिसके हाथ है सब की डोरी ॥*

           

एक कविता

ये कविता किसने लिखी है, मुझे नहीं मालूम, पर जिसने भी लिखी है उसको नमन करता हूँ। आरक्षण के मुद्दे पर बहुत ही प्रभावी अभिव्यक्ति है.....
*"करता हूँ अनुरोध आज मैं, भारत की सरकार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"वर्ना रेल पटरियों पर जो, फैला आज तमाशा है,"*
*"जाट आन्दोलन से फैली, चारो ओर निराशा है…"*
*"अगला कदम पंजाबी बैठेंगे, महाविकट हडताल पर,"*
*"महाराष्ट में प्रबल मराठा , चढ़ जाएंगे भाल पर…"*
*"राजपूत भी मचल उठेंगे, भुजबल के हथियार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"निर्धन ब्राम्हण वंश एक, दिन परशुराम बन जाएगा,"*
*"अपने ही घर के दीपक से, अपना घर जल जाएगा…"*
*"भड़क उठा गृह युध्द अगर, भूकम्प भयानक आएगा,"*
*"आरक्षण वादी नेताओं का, सर्वस्व मिटाके जायेगा…"*
*"अभी सम्भल जाओ मित्रों, इस स्वार्थ भरे व्यापार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"जातिवाद की नही , समस्या मात्र गरीबी वाद है,"*
*"जो सवर्ण है पर गरीब है, उनका क्या अपराध है…"*
*"कुचले दबे लोग जिनके, घर मे न चूल्हा जलता है,"*
*"भूखा बच्चा जिस कुटिया में, लोरी खाकर पलता है…"*
*"समय आ गया है उनका , उत्थान कीजिये प्यार से,"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*
*"जाति गरीबी की कोई भी, नही मित्रवर होती है,"*
*"वह अधिकारी है जिसके घर, भूखी मुनिया सोती है…"*
*"भूखे माता-पिता , दवाई बिना तडपते रहते है,"*
*"जातिवाद के कारण, कितने लोग वेदना सहते है…"*
*"उन्हे न वंचित करो मित्र, संरक्षण के अधिकार से"*
*"प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से…"*

Nice Lines

*एक समय था जब " मंत्र " काम करते थे !*
*उसके बाद एक समय आया जिसमें " तंत्र " काम करते थे...*
*फिर समय आया जिसमे " यंत्र " काम करते थे !*
*और आज के समय में कितने दुःख की बात है,*
*सिर्फ*
*" षड्यंत्र " काम करते है...!!!*
 *जब तक "सत्य " घर से बाहर निकलता है.......!*
*तब तक " झूठ " आधी दुनिया घूम लेता है...!!*

गंगा की महत्व

हमारे पुराणों में गंगा मा का महत्व है ही ।आइए वैज्ञानिक तौर से गंगा की महानता जानते हैं।

गंगा जल खराब क्यों नहीं होता?
अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है।
प्रस्तुति: फरहाना ताज
सर्दी के मौसम में कई बार छोटी बेटी को खांसी की शिकायत हुई और कई प्रकार के सिरप से ठीक ही नहीं हुई। इसी दौरान एक दिन घर ज्येष्ठ जी का आना हुआ और वे गोमुख से गंगाजल की एक कैन भरकर लाए। थोड़े पोंगे पंडित टाइप हैं, तो बोले जब डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तो तब गंगाजल पिलाना चाहिए।
मैंने बेटी से कहलवाया, ताउ जी को कहो कि गंगाजल तो मरते हुए व्यक्ति के मुंह में डाला जाता है, हमने तो ऐसा सुना है तो बोले, नहीं कई रोगों का भी इलाज है। बेटी को पता नहीं क्या पढाया वह जिद करने लगी कि गंगा जल ही पिउंगी, सो दिन में उसे तीन बार दो-दो चम्मच गंगाजल पिला दिया और तीन din में उसकी खांसी ठीक हो गई। यह हमारा अनुभव है, हम इसे गंगाजल का चमत्कार नहीं मानते, उसके औषधीय गुणों का प्रमाण मानते हैं।
कई इतिहासकार बताते हैं कि सम्राट अकबर स्वयं तो गंगा जल का सेवन करते ही थे, मेहमानों को भी गंगा जल पिलाते थे।
इतिहासकार लिखते हैं कि अंग्रेज जब कलकत्ता से वापस इंग्लैंड जाते थे, तो पीने के लिए जहाज में गंगा का पानी ले जाते थे, क्योंकि वह सड़ता नहीं था। इसके विपरीत अंग्रेज जो पानी अपने देश से लाते थे वह रास्ते में ही सड़ जाता था।
करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डाक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया।
दिलचस्प ये है कि इस समय भी वैज्ञानिक पाते हैं कि गंगा में बैक्टीरिया को मारने की क्षमता है। लखनऊ के नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनबीआरआई के निदेशक डॉक्टर चंद्र शेखर नौटियाल ने एक अनुसंधान में प्रमाणित किया है कि गंगा के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता बरकरार है। डॉ नौटियाल का इस विषय में कहना है कि गंगा जल में यह शक्ति गंगोत्री और हिमालय से आती है। गंगा जब हिमालय से आती है तो कई तरह की मिट्टी, कई तरह के खनिज, कई तरह की जड़ी बूटियों से मिलती मिलाती है। कुल मिलाकर कुछ ऐसा मिश्रण बनता जिसे हम अभी नहीं समझ पाए हैं।
डॉक्टर नौटियाल ने परीक्षण के लिए तीन तरह का गंगा जल लिया था। उन्होंने तीनों तरह के गंगा जल में ई-कोलाई बैक्टीरिया डाला। नौटियाल ने पाया कि ताजे गंगा पानी में बैक्टीरिया तीन दिन जीवित रहा, आठ दिन पुराने पानी में एक एक हफ्ते और सोलह साल पुराने पानी में 15 दिन। यानी तीनों तरह के गंगा जल में ई कोलाई बैक्टीरिया जीवित नहीं रह पाया।
वैज्ञानिक कहते हैं कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को खाने वाले बैक्टीरियोफाज वायरस होते हैं। ये वायरस बैक्टीरिया की तादाद बढ़ते ही सक्रिय होते हैं और बैक्टीरिया को मारने के बाद फिर छिप जाते हैं।
मगर सबसे महत्वपूर्ण सवाल इस बात की पहचान करना है कि गंगा के पानी में रोगाणुओं को मारने की यह अद्भुत क्षमता कहाँ से आती है?
दूसरी ओर एक लंबे अरसे से गंगा पर शोध करने वाले आईआईटी रुड़की में पर्यावरण विज्ञान के रिटायर्ड प्रोफेसर देवेंद्र स्वरुप भार्गव का कहना है कि गंगा को साफ रखने वाला यह तत्व गंगा की तलहटी में ही सब जगह मौजूद है। डाक्टर भार्गव कहते हैं कि गंगा के पानी में वातावरण से आक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है। भार्गव का कहना है कि दूसरी नदियों के मुकाबले गंगा में सड़ने वाली गंदगी को हजम करने की क्षमता 15 से 20 गुना ज्यादा है।
गंगा माता इसलिए है कि गंगाजल अमृत है, इसलिए उसमें मुर्दे, या शव की राख और अस्थियां विसर्जित नहीं करनी चाहिए, क्योंकि मोक्ष कर्मो के आधार पर मिलता है। भगवान इतना अन्यायकारी नहीं हो सकता कि किसी लालच या कर्मकांड से कोई गुनाह माफ कर देगा। जैसी करनी वैसी भरनी!
जब तक अंग्रेज किसी बात को नहीं कहते भारतीय सत्य नहीं मानते, इसलिए इस आलेख के वैज्ञानिकों के वक्तव्य BBC बीबीसी हिन्दी सेवा से साभार लिया गया है
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Nice Lines

*" मनचाहा "  बोलने  के  लिए ,*

*" अनचाहा "  सुनने  की  ताकत होनी चाहिए l*

*मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो*
          *सिर्फ़ अंधेरे से है,,,,*
*हवा तो बेवजह ही मेरे*
          *ख़िलाफ़ है!*


 *हवा से कह दो कि खुद को*
           *आज़मा के दिखाए,,,,,,*
*बहुत दीपक बुझाती है,*
           *एक जला के दिखाए !!* 🌹
🌿🌿🌿🌿🌹🌹🌿🌿🌿
   
          

Nice Lines

*🌹🌿आज का सुविचार🌿🌹*   

*अगर  गिलास दूध से भरा हुआ है तो,*
*आप उसमे और दूध नहीं डाल सकते.*

*लेकिन आप उसमें शक्कर डाले तो,*
*शक्कर अपनी जगह बना लेती है ...*
*और अपना होने का अहसास दिलाती है.*

*उसी प्रकार,*
*अच्छे लोग हर किसी के दिल में,*
*अपनी जगह बना  लेते हैं .....*

*दो चम्मच हँसी और चुटकी भर मुस्कान,*
*बस यही खुराक है, ख़ुशी की पहचान.*
     
              🙏🌹

Nice Lines

👌 Nice line👌🏻👌🏻
🍃🌼🍃🌸🍃🌼🍃🌸

*धीरे धीरे उम्र कट जाती हैं*
*जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है*

*कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है*
*और कभी यादों के सहारे जिंदगी कट जाती है*

*किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते*
*फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते*

*जी लो इन पलों को हंस के दोस्तो*
*फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं  आते*
   
         
    

भारत-सरकार-की-नई-पहल

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भारत-सरकार-की-नई-पहल..
आज से '104' पर फ़ोन करें यदि आपको खून की आवश्यकता है. 4 घंटे में आपको खून उपलब्ध कराई जाएगी आपके 40 किलोमीटर में ब्लड बैंक से।
आपको भटकने की आवश्यकता नहीं। 450/ एक बोतल का और ट्रांसपोर्ट का 100/- आपको देना होगा। .इस टॉलफ्री नंबर पर आप स्वास्थ्य संबंधी अन्य सहायता भी ले सकते हैं। ये पोस्ट को करने के पीछे एक उद्देश्य है की किसी भी जरूरतमंद को समय पर खून मिल जाए अगर आप को ये पोस्ट फॉरवर्ड करने के लायक लगता है तो अन्य ग्रुप में जरूर करे
https://www.facebook.com/astha.net/photos/1337248486358542
🇨🇭🇨🇭🇨🇭🇨🇭🇨🇭🇨🇭🇨🇭🇨🇭🇨🇭🌞

Nice Lines

आदमी जब *पत्तल* में खाना खाता था,
मेहमान को देख के वह *हरा* हो जाता था,
स्वागत में पूरा परिवार बिछ जाता था....

बाद में जब वह *मिट्टी के बर्तन* में खाने लगा,
रिश्तों को *जमीन से जुड़कर* निभाने लगा..

फिर जब *पीतल के बर्तन* उपयोग में लेता था,
रिश्तों को *साल छः महीने* में चमका लेता था...

लेकिन बर्तन *कांच* के जब से बरतने लगे,
एक *हल्की सी चोट में रिश्ते बिखरने लगे ...*

अब *बर्तन, थर्मोकोल पेपर के इस्तेमाल होने लगे,*
सारे *सम्बन्ध भी अब यूज़ एंड थ्रो होने लगे ...*

Save water save life

💧 *पानी बचाया जा सकता है, लेकिन बनाया नहीं जा सका,  दादा जी ने नदी में पानी देखा । पिता जी ने कुएं में। हमने नल में देखा । बच्चों ने बोतल में । अब उनके बच्चे कहाँ देखेंगे .....?*
*जरूर विचार करें एवं*
*पानी को व्यर्थ न करें* 💦
*Save water save life*

Nice Lines

🌞🌺

"पहली नमस्ते परमात्मा को,
         जिन्होंने हमें बनाया है".

     "दूसरी नमस्ते माता पिता को,
                जिन्होंने हमें
       अपनी गोद में खिलाया है".

       "तीसरी नमस्ते गुरुओं को,
               जिन्होंने हमको
       वेद और ज्ञान सिखाया है".

 "चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते
                  "आप को",
         "जिन्होंने हमें अपने साथ
       जुड़े रहने का मौका दिया  है"     
     
        

Nice Lines

: *जहर का भी अपना हिसाब है,                     मरने के लिए जरा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है।*

: *गलतफहमियों के सिलसिले*
            *इतने दिलचस्प हैं,* 

*हर ईंट सोचती है, दीवार*
       *मुझ पर टिकी है ।*
       

Very नीस लाइन्स

✍ *मै झुकता हूँ, क्योंकि मुझे रिश्ते निभाने का शौक है...;*
     *वरना*
     *गलत तो हम कल भी*
     *नहीं थे और आज भी नहीं हैं...*

     *मैं अपने गम में रहता हूँ,*
     *नबाबों की तरह..!*
     *परायी खुशियों के पास*
     *जाना मेरी आदत नहीं...!*

     *सबको हँसता ही देखना*
     *चाहता हूँ मैं*,
     *किसी को धोखे से भी*
     *रुलाना मेरी आदत नहीं..,*

     *बाँटना चाहता हूँ, तो बस*
     *प्यार और मोहब्बत...,*
     *यूँ नफरत फैलाना मेरी*
     *आदत नहीं...!!*

     *जिंदगी मिट जाए, किसी*
     *के खातिर गम नहीं,*
     *कोई बद्दुआ दे मरने की*
     *यूँ जीना मेरी आदतनहीं...!*

     *दोस्ती होती है, दिलों से*
     *चाहने पर*,
     *जबरदस्ती दोस्ती करना,*
     *मेरी आदत नहीं..!*

     *नाम छोटा है, मगर दिल*
     *बड़ा रखता हूँ...,*
     *पैसों से उतना अमीर नहीं हूँ...,*
     *मगर,*
     *अपने यारों के गम...*
     *खरीदने की हैसियत रखता हूँ।*


   

Army

आतंकवादी आएं -- बुलाओ *Army*

बाढ आये- बुलाओ *Army*
.
भुकम्प आये- बुलाओ *Army*
.
दंगा हो जाए- बुलाओ *Army*
.
बच्चा बोरवेल मे फंस जाये- बुलाओ *Army*
.
कुछ भी हो तो *Army* को बुलाओ
.
तो फिर रिब्बन काटने के लिये-नेता को क्यों ?
.


कभी तो देश के *जांबाज सिपाहियो*ं को भी ये
अवसर मिलना चाहिए .....!!!
.
बात उठी है तो दूर तक जानी चाहिए।
.
अगर आप इस बात से सहमत हैं सिर्फ 5
सेकंड
(एक शेयर)
*Indian Army *🇮🇳* के नाम..

🇮🇳🇮🇳👮‍♂👷🏻‍♂*I LOVE MY INDIAN ARMY🇮🇳👮🏻👷🏻*

Nice lines

*ना थके कभी पैर*
*ना कभी हिम्मत हारी है*
*जज्बा है परिवर्तन का ज़िंदगी में*
*इसलिये सफर जारी है|*
      🙏🏻 🙏🏻
 *"मन" सभी के पास होता है..*

       *मगर "मनोबल"*
*कुछ लोगों के पास ही होता है..*
    

Nice line

*जीवन का सत्य*

*दिल में "बुराई" रखने से बेहतर है, कि "नाराजगी" जाहिर कर दो ।*

*जहाँ दूसरों को "समझाना" कठिन हो, वहाँ खुद को समझ लेना ही बेहतर है ।*

*"खुश" रहने का सीधा सा एक ही "मंत्र" है, कि "उम्मीद" अपने आप से रखो, किसी और से नहीं..!*
  ‼ *आपका दिन शुभ हो* ‼
          

राम नाम

*राम राम क्यों कहा जाता है?*👌
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को दो बार ही *“राम राम"* क्यों बोलते हैं ?
*एक बार या तीन बार क्यों नही बोलते ?*
दो बार *“राम राम"* बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है
क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है...
हिन्दी की शब्दावली में *‘र'* सत्ताइसवां शब्द है,
*‘आ’* की मात्रा दूसरा और *‘म'* पच्चीसवां शब्द है...
अब तीनो अंको का योग करें तो
27 + 2 + 25 = *54*,
*अर्थात एक “राम”* का योग 54 हुआ-
*इसी प्रकार दो “राम राम”* का कुल *योग 108* होगा।
हम जब कोई जाप करते हैं तो 108 मनके की माला गिनकर करते हैं।
सिर्फ *'राम राम'* कह देने से ही पूरी *माला का जाप* हो जाता है।आपको सभी को
🌹🎊👏 *राम राम जी* 👏🎊

Nice Lines

🙏 *जय श्री कृष्णा* 🙏

*अतितॄष्णा न कर्तव्या*
*तॄष्णां नैव परित्यजेत्।*
*शनै: शनैश्च भोक्तव्यं*
*स्वयं वित्तमुपार्जितम् ॥*

भावार्थः-
       _अधिक इच्छाएं नहीं करनी चाहिए पर इच्छाओं का सर्वथा त्याग भी नहीं करना चाहिए। अपने कमाये हुए धन का धीरे-धीरे उपभोग करना चाहिये॥_


                

Nice Lines

👌👌👌👌🌹
*भरोसा उस पर करो*
    *जो आपके अंदर तीन*
       *बातें जान सके...*

   *मुस्कुराहट के पीछे दुःख,*
       *गुस्से के पीछे प्यार,*
   *चुप रहने के पीछे वजह ।*

Nice Lines

*✍कुदरत का नियम है...*
*मित्र और चित्र*
*दिल से बनाओगे तो उनके*
*रंग जरूर निखर आयेंगे!*

*अच्छा लगता है मुझे उन लोगों को सुबह की नमस्कार करना।*
*जो मेरे सामने न होते हुए भी मेरे दिल के बहुत पास होने का एहसास दिलाते है*
         
         

Nice Lines

🌬ऐ खुदा तूने गुल को गुलसन में जगह दी है...👌👌👌

🌬पानी को दरिया में जगह दी
    है..👌👌👌👌

🌬तू उसको jannat में जगह
  देना....👌👌👌
🌬जिसने मुझे 9 महीने अपने पेट में जगह दी है.....👌👌👌
💐अगर आप अपनी माँ से प्यार करते है तो sab ko send kare.....💐💐💐💐💐

Nice liye

वतन की आन लिख देना,
वतन की शान लिख देना।
ना हिन्दु ना मुस्लिम,
फकत इंसान लिख देना।
-
ऐ लिखने वालो तुमसे बस इतनी गुजारिश है।
मुझे लिखना कभी तो,
सिर्फ हिन्दुस्तान लिख देना।।
-
मैं मर जाऊँ तो सिर्फ मेरी
इतनी पहचान लिख देना।
मेरे खून से मेरे माथे पर
जन्मस्थान लिख देना।।
-
कोई पूछे तुमसे स्वर्ग के बारे में
तो एक कागज के टुकड़े में
"हिन्दुस्तान" लिख देना ।।
-
ना दौलत पर गर्व करते हैं,
ना शोहरत पर गर्व करते हैं।
किया भगवान ने हिन्दुस्तान मे पैदा
अपनी किस्मत पर गर्व करते हैं।
-
मेरी नज़रों को
ऐसी खुदाई दे।
जिधर भी देखूँ
मेरा वतन दिखाई दे।।
हवा की हो कुछ
ऐसी मेहरबानियाँ
बोलू जो जय हिन्द तो
सारे देश में सुनाई दे।।
*

Nice lines

*"समय बहाकर* ले जाता है
            *नाम और निशान*...
 कोई *हम* में रह जाता है
            कोई *अहम* में रह जाता है..

 बोल मीठे ना हों तो *हिचकियाँ* भी नहीं आती....
             *घर बड़ा हो या छोटा*,
अगर *मिठास* ना होंतो *इंसान* क्या....
             ..... *चींटियां* भी नहीं आती"...!!!
🙏🙏 जय श्री राम🙏🙏

छत्तीसगढ़


एक समय था जब राज्य ना होने के बाद भी छत्तीसगढ़ "धान का कटोरा" कहलाता था। उसकी अपनी एक अलग सांस्कृतिक पहचान थी।जगह जगह रात-रात भर मड़ई-मेला,नाचा-गम्मद,पंथी,जसगीत,फागगीत,पंडवानी आदि कार्यक्रम होते थे।विवाह आदि सामारोह में तो सांस्कृतिक झलक देखते ही बनता था।गीत,संगीत,मस्ती सब कुछ कमाल का था।किसान को हम अन्नदाता कहते थे "जय जवान जय किसान" का नारा तो गूंजते ही रहता था।पर आज...
छत्तीसगढ़ में "कटोरा" बच गया है "धान" ग़ायब हो गया है।संस्कृति के नाम पर मात्र औपचारिकता होती है और हम d.j.रीमिक्स, डिस्को,डांडिया,गरबा,भांगड़ा आदि में मस्त रहते है।दारू बेचने और पीने में हम कीर्तिमान बना रहे है।अब हमें अन्नदाता नही "दारूवाहा" कहा जाने लगा है।किसान आत्महत्या कर रहे है अब नारा बदल कर "आग लगे बस्ती में मस्त रहो मस्ती में" में हो गया है।
व्यापार के बहाने विदेशी "भारत"आये और भारत वासियों को अपना ग़ुलाम बनाया।बड़े संघर्ष के बाद देश को स्वतंत्रता मिली पर आज भी देश आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से विदेशियों का ग़ुलाम है।
यही स्थिति छत्तीसगढ़ की भी है।गैर प्रदेशी व्यापार के लिए यंहा आये और आज राज्य बनने के 18 साल बाद भी आर्थिक,राजनैतिक और सांस्कृतिक रूप से वो हमे अपना ग़ुलाम बना रहे है।
मज़दूर हो या मालिक,नेता हो या अभिनेता,चपरासी हो या अधिकारी,ठेले की गुमटी हो या कारखाना,संस्था निजी हो या शासकीय, कार्यकर्ता हो या मंत्री सभी जगह गैर प्रदेशियों ने कब्ज़ा किया हुआ है।
यंहा रहना-कमाना-खाना तो सब चाहते है पर यंहा की संस्कृति को अपनाना कोई नही चाहता।
अगर ऐसा ही रहा तो वो दिन दूर नही जब छत्तीसगढ़ तो रहेगा पर "छत्तीसगढ़िया" नही रहेंगे।
"जागो छत्तीसगढ़िया जागो"
आपसे विनती है अपनी क्षेत्रियता को ही प्राथमिकता दे,छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति को बचाये,गैर प्रदेशियों के बहकावे में ना आये,दारू रूपी दानव को छत्तीसगढ़ से भगाये।
जय भारत,जय छत्तीसगढ़।

सफलता क्या है

*सफलता क्या है ??*


4 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

8 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने घर वापिस आने का रास्ता जानते है।

12 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने अच्छे मित्र बना सकते है।

18 वर्ष की उम्र में मदिरा और सिगरेट से दूर रह पाना सफलता है।

25 वर्ष की उम्र तक नौकरी पाना सफलता है।

30 वर्ष की उम्र में एक पारिवारिक व्यक्ति बन जाना सफलता है।

35 वर्ष की उम्र में आपने कुछ जमापूंजी बनाना सीख लिया ये सफलता है।

45 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपना युवावस्था बरकरार रख पाते हैं।

55 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी करने में सक्षम हैं।

65 वर्ष की आयु में सफलता है निरोगी रहना।

70 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप आत्मनिर्भर हैं किसी पर बोझ नहीं।

75 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने पुराने मित्रों से रिश्ता कायम रखे हैं।

80 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आपको अपने घर वापिस आने का रास्ता पता है।

और 85  वर्ष की उम्र में फिर सफलता ये है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

अंततः यही तो जीवन चक्र है.. जो घूम फिर कर वापस वहीं आ जाता है जहाँ से उसकी शुरुआत हुई है। और यही जीवन का परम सत्य है।

संभाल कर रखना अपने को
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Sab kuch

माँ पर शायरी

  "माँ के कदमों में बसी जन्नत की पहचान, उसकी दुआओं से ही रोशन है हर इंसान। जिंदगी की हर ठोकर से बचा लेती है, माँ की ममता, ये दुन...