हम आर्थिक चुनौतियों के दौर में हैं। व्यापार या काम धन्धा ठप्प हो गया। बहुत से लोगों की नौकरी चली गई होगी, जा सकती है। सैलरी कम हो गई होगी या हो सकती है। याद रखना है कि ये हालात हमारी वजह से नहीं आए हैं।
आप ख़ुद को दोष न दें। न हार, अपमानित महसूस करें। रास्ता नज़र नहीं आएगा लेकिन हिम्मत न हारें। कम से कम खर्च करें। किस्तों मेँ कटौती करे ।
अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर अकेले न रहें। दोस्तों से बात करें, रिश्तेदारों से बात करें।
किसी तरह का बुरा ख़्याल आए तो न आने दें।
इस स्थिति से कोई नहीं बच सकता।
धीरे धीरे खुद को पहाड़ काट कर नया रास्ता बनाने के लिए तैयार करें।
अपनी भाषा या सोच ख़राब न करें।
कुछ भी हो जाए, जीना है, कल के लिए।
धीरज रखें। कम में जीना है। यह वक्त हमारा इम्तहान लेने आया है।
भरोसा रखिए जब हम एक बार शून्य से शुरू कर यहाँ तक आये थे तो एक और बार शून्य से शुरू कर हम कहीं से कहीं पहुँच जाएँगे। बस यूँ समझिए कि हम लूडो (सांप सीढ़ी) खेल रहे थे। 99 पर साँप ने काट लिया है लेकिन हम गेम से बाहर नहीं हुए हैं। क्या पता कब सीढ़ी मिल जाए। थोड़े दिन झटके लगेंगे, उदासी रहेगी लेकिन हँसते-मुस्कराते रहिये। हम दोबारा बैलगाड़ी से शुरुआत करके मर्सिडीज तक पहुंचने का हौसला रखते हैं।
*सदैव सकारात्मक रहे*