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आकर्षण के नियम (LAW OF ATTRACTION IN HINDI)

आकर्षण के नियम
जो आप सोचते हो,चाहे नकारात्मक विचार या सकरात्मक विचार वो आप के ऊपर काम करना चालू कर देता है । आप अपना भविष्य निर्माता खुद हो।
सभी के लिए एक समान काम करता है, वो सज्जन हो या दूरज्जन।
सोच बदलो आप की दुनिया बदल जाएंगी।
अपने ऊपर भरोसा रखो, खुद से प्यार करो, दुनिया से प्यार हो जाएगा। पूरी दुनिया आपकी तरफ आकर्षित होने लगेगी, चाहे पैसा, इज्जत,सुख - शान्ति, सब कुछ मिलेगा आप को।
जैसा सोचोगे वैसा पावोगे।
साथ में आप को vesualize करना पड़ेगा ।
मेरे पास वो सभी सुख सुविधा है, मै सभी से प्रेम करता हूं,
आकर्षण का कानून यह कहता है कि आप जैसे विचारों पर ध्यान केंद्रित करते हो वैसा ही अनुभव आपको जीवन में होता है। यह विश्वास इस विचार पर आधारित है कि जो लोग और उनके विचार “शुद्ध ऊर्जा” से बने होते हैं, और “सामान ऊर्जा” उसी तरह की उर्जा को आकर्षित करने की प्रक्रिया से एक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य, धन और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार कर सकता है।
आपको अपने जीवन में जो चीज़ चाहिए आपको उसकी मन में इस तरह कल्पना करनी चाहिए, जैसे कि वो आपको पहले ही मिल चूका हो या आपके साथ वो हो चूका हो।
इस तरह से आपकी सकारात्मक विचार करने की क्षमता बढ़ेगी  इससे आप सकारात्मक अनुभव और आपकी मन चाही चीजों को आप यूनिवर्स की मदद से आकर्षित कर पाओगे, लेकिन इस आकर्षण के सिद्धांत को अबतक कोई भी वैज्ञानिक तौर पर साबित नहीं कर पाया है| पर हज़ारो लोगो ने इसकी मदद से अपनी ज़िन्दगी बदली है, इसलिए ये काम करता है।
ऐसा दावा भी किया जाता है कि, आकर्षण के इस सिद्धांत का अनुकरण करने से बहुत लोगों की ज़िन्दगी में बदलाव आये हैं। इन लोगो में से हॉलीवुड के कई दिग्गज एक्टर्स का नाम भी शामिल है, जिन्होंने आकर्षण के सिद्धांत के उपयोग से अपने जीवन में मनचाही चीजों और परिस्थितियों को आकर्षित कर एक उच्च मुकाम प्राप्त कर लिया है।
इस सिद्धांत को universally भी माना जाता है, मतलब यह हर तरफ से लागु होता है, और हम जिस चीज़ को आकर्षित करते हैं, अंतिमत: उसी को ही पाते हैं।
आपको बता दें कि ऐसा नहीं होना चाहिए की आपको चाहिए एक चीज़ और आप कल्पना कर रहे हो एक से ज्यादा जा फिर किसी और चीज़ की। इस वजह से ये सिद्धांत फ़ैल(faill) हो सकता है। आपको उसी चीज़ के बारे में कल्पना करनी होगी, जिस चीज़ को आप असल में चाहते हो और जिसके आप हकदार हो।
किसी बड़े लेखक का कहना है की आपकी भावना और आपके विचार से ही आप जिस चीज़ को चाहते हो उसे जितना हो सके उतना सरल ढंग से सोचो और उस चीज़ के बारे में सकारात्मक ही सोचो। वो सोच और भावना का संयोजन ही है, जो उस चीज़ को आकर्षित करता है।
उस लेखक के अनुसार चिंता, भय, तनाव या अन्य नकारात्मक विचार लोगों को बीमार करते हैं, जबकि प्रेम के सकारात्मक विचार लोगों को स्वस्थ और यहां तक ​​कि बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। इसीलिए अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारी का इलाज करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपने आपको स्वस्थ होने के रूप में कल्पना करने में सक्षम होना है।

इसके विपरीत अगर कोई व्यक्ति लगातार सोचता है कि वह गरीब हैं, तो यह उनका भविष्य का अनुभव हो जायेगा और वो असल में गरीब ही रह जायेगा। आकर्षण का कानून हमेशा आपके विचारों के लिए आज्ञाकारी रहा है, इसीलिए अगर आप बुरा सोचोगे तो आपको बुरा ही मिलेगा और अच्छा सोचेगे तो आपको अच्छा ही फल मिलेगा। इस सिद्धांत की मदद से आप अपने प्यार को भी हासिल कर सकते है।
Law of Attraction एक प्राकृतिक सत्य है| जब हम किसी चीज को सच्चे दिल से चाहें तो एक अद्भुत प्राकृतिक शक्ति उस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी मदद करने लग जाती है| हमारी सारी समस्याएं दूर होने लगती है और सारे बंद दरवाजे अपने आप खुलने लगते है|अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको इस सिद्धांत का पालन करना ही होगा ……….
मुझे नहीं पता की आपकी Present स्थिति कैसी हैं | मैं तो केवल इतना जानता हुँ कि आपकी सफलता के लिए आपको इस सिद्धांत का पालन करना ही होगा, इस पर अटूट विश्वास करना ही होगा , तभी आप अपनी Choice की हर वस्तु ,हर मुकाम को पा सकते हो ,ये money हो सकता हैं, ये Popularity हो सकती है और चाहे ये आपका कितना भी मुस्किल Target हो सकता है ,आप उसको प्राप्त कर सकते हो |
आपकी present और past condition कैसी भी हो ,यह matter नहीं करता हैं |matter यह करता हैं कि आप कहाँ जाना चाहते हों , आखिर आप चाहते क्या हो ?
अब हमारें मन में आता हैं कि आखिर यह आकर्षण का सिद्धांत कैसे काम करता है ?
जितना मेनें इसको समझा, मैं आपके साथ वही share कर रहा हुँ…..
The Law of attraction is always working….
आकर्षण का यह सिद्धांत आपको सब कुछ देता हैं ,खुशियाँ, सेहत और दौलत |
हम जो कुछ भी चाहे पा सकते हैं, चाहें वो कितना भी बड़ा क्यों ना हों |
हमें यह पता होना चाहिए कि आखिर हम चाहतें क्या हैं |यह बिलकुल स्पष्ट होना चाहिए ,
बिलकुल clear consious picture हमारें पास होनी चाहिए |
हमें स्पष्ट पता होना चाहिए कि ,हमारी असली चाहत क्या हैं?
हम जो भी सोच रहे होते हैं उसे हम attract कर रहे होते हैं
for example.
अगर मैं अपने आपको एक चुम्बक मान लूँ तो मैं जानता हुँ कि दुसरें चुम्बक मेरी और आकर्षित होगें |
एक बार फिर मैं आपको यह बताना चाहता हुँ कि हमें यह स्पष्ट रूप से मालूम होना चाहिए कि हम क्या चाहते हैं |।
आखिर हमें चाहिए क्या?
जैसा हम सोचते हैं हम वैसे ही बन जाते हैं आपके विचार ही आपकी जिंदगी को बनातें हैं और इसका जवाब छुपा हैं तीन आसान शब्दों में
विचार बनायें जिंदगी
हमेशा उसके बारें में सोचों जो आप पाना चाहते हो ,उसके बारें में नहीं जों आप नहीं चाहतें |
हम हर चीज को अपनी और आकर्षित करते हैं ,चाहें वों कुछ भी हो और कितना भी मुस्किल क्यों ना हों |
अपना हर दिन एक खुशनुमा अहसास के साथ शुरू करें फिर देखिए आपका पुरा दिन कितना खुशनुमा गुजरता हैं |
आपकी हर इच्छा पुरी होती हैं |
यह भी पढ़ें:- आत्म ज्ञान ,गायत्री मंत्र - अर्थ 
ब्रह्माण्ड से अपने भगवान से माँगें जो आप पाना चाहते हैं |
1 प्रश्न करें माँगें जो आप चाहते हैं |
आखिर आप चाहते क्या हैं ?
आप जो भी चाहते हैं उसे कागज पर लिख डालें |
आपकों लिखना हैं कि आपकी जिंदगी कैसी हो ?
आप जो भी चाहते हैं उसे लिख डालें ,
बिलकुल स्पष्ट लिखें हो सके तो उसको लिख कर अपनी pocket में रखें,
आप जो भी चाहते हो उसकी list बना लिजिए |यहां तक कि इसमें यह भी लिख दें कि आपको यह कब तक चाहिए date लिखें यहाँ तक कि time भी लिख दें |
सृष्टि को अपने menu card की तरह use करें
पहले लिख दें जो भी आप चाहते हो, फिर आदेश दें
2 विश्वास ………|
विश्वास करें कि जो आप चाहते है ,वो आपको मिल चुका है |
विश्वास अटूट होना चाहिए।
एक फिर दौराना चाहता हुँ ,अटूट विश्वास |
वो कहते हैं ना कि अगर आप कुछ भी किसी को भी पूरी सिद्धत से चाहते है, तो पूरा ब्रह्माण्ड आपको उससे मिलाने कि साजिस करता है |
यह ब्रह्माण्ड सब अपने आप कर देगा |
शक करने की कोशिश ना करें |
अपने शक को अपने अटूट विश्वास में बदल दें|
3 प्राप्त करना ………|
महसूस करे कि वो आपको मिल चुका है,
महसूस करें जैसा आप उस चीज को पाकर करतें ,
जब हम कल्पना को वास्तविकता में बदलतें हैं ,तो और भी बेहतर कल्पनाएँ जन्म लेती हैं |
जो आप चाहतें है, उसका अहसास जगाएँ |
जो आप चाहते हो ,उसे जाकर देखें ,उसे छु कर देखें |
विश्वास करें कि वो आपकी हो चुकी हैं|
जब अन्तर आत्मा कुछ करने को कहती है तो करियें
विश्वास के पहले पायदान पर चढें ,आपकों पुरी सीढी चढनें की जरूरत नहीं हैं |
सिर्फ पहली सीढी चढें !
सबसे अहम बात आप जैसा सोचोगे प्रकृति आपको वहीं देगी , निर्णय आप के ऊपर है,सुख सुविधा या हमेशा दुःख।

गुरु कृपा (सत्य कथा भाग "2")

( गुरु की सेवा निष्फल नही होते)
 ( हम कथा सुनाते है नारायण गुरुदेव के ज्ञान की)

आज की यह सत्य घटना दिल्ली गुरुधाम की है , जहा पर सद गुरुदेव ने ना जाने कितने ही शिष्यो का उद्धार किया ,
कहते है बड़े ही भाग्य और सौभाग्य से जीवन मे एक सद गुरु मिलते है , हर किसी के जीवन यह सौभाग्य नही होता है , और कहते है कि गुरु और शिष्य का सम्बन्ध जन्मो जन्मो का होता है , यह कोई एक जन्म का मेल नही है इसी वजह से जब गुरु मिलते है तो वे जाने पहचाने से लगते है अपने से दीखते है , जैसे हम उनको कब से जानते है और अंदर से आवाज आती है ये ही तुम्हारे गुरु है , और
ये आँखे भी उनको जी भर के देखना चाहती है लेकिन इन
आँखों की प्यास ही नही बुझती है और हम इन आँखों के
माध्यम से उनको अपने ह्र्दय कमल मे बिठा लेते है , जैसे
शिष्य बेचैन रहता है गुरु से दूर रहकर वैसे ही , गुरु भी बेचैन रहते है अपने शिष्य का उद्धार करने के लिए , हर पल गुरु की नज़र , दृष्टि लगी रहती है अपने शिष्य पर , जब भी कोई गम्बीर  समस्या हो या कोई दुर्घटना घटने वाली हो तो गुरु हमेशा उसकी रक्षा करते है और उसको बचा लेते हैं , और शिष्य अपने गुरु का बार बार धन्यवाद
करता है , ऐसे ही एक डॉक्टर आते थे दिल्ली आश्रम मे
जिनका नाम था डा0 दुबे जी , वे सद गुरुदेव जी को बहुत
प्रेम करते थे और निरन्तर हर रोज समय निकाल कर गुरु
देव जी के दर्शन करने अवश्य आते थे , और आश्रम में रहने वाले गुरुदेव जी के शिष्यो का इलाज भी करते थे ,
कोई भी सेवा हो वे कभी इनकार नहीं करते थे , वे तो सेवा को पाकर अपना सौभाग्य मानते थे , गुरुदेव जी की भी उनकी सेवा भाव व् गुरु भगति को देखकर बड़ी ही कृपा थी , सद गुरुदेव हमेशा एक बात कहते थे की अगर तुमने
मुझे अपना गुरु माना है तो फिर गुरु पर अटूट विशवास होना चाहिये और जिनका मुझपर अटूट विश्वास है मै उस
विश्वास को कभी भी टूटने नही दूँगा  "अगर तुम मेरे पे
विशवास करके अपना घर भी खुला छोड़ कर मेरे से मिलने आ गए तो चोर तो बहुत बड़ी बात है कोई कुत्ता
या बिल्ली भी तुम्हारे घर में प्रवेश नही कर सकती है क्योंकि तुम्हारा और तुम्हारे घर का मे रखवाला हूं "
यह तुम्हारा विशवास है कि तुम गुरु पे कितना विशवास
रखते हो , यह गुरुदेव जी ने करके भी दिखलाया ,
              एक बार की बात है सद गुरुदेव जी अक्सर सब
शिष्यो से मिलकर ( जो लोग बाहर से आते थे मिलने के लिए ) रात के 9 बजे के आसपास अपने कमरे में विश्राम
के लिये चले जाते थे , लेकिन वे उस दिन नही गय और
कुछ परेशान से भी लग रहे थे , गुरुदेव जी को अपने ऑफिस मे बैठे रात के 12 बज गए और लगभग 1 बजे के आसपास गुरुदेव अपने ऑफिस से बाहर निकले और पसीने से पूरा मुखमंडल भरा हुआ था , और बाहर आकर बोले रविन्द्र ( गुरुदेव जी का शिष्य ) बेटा एक रस्सी और एक डंडा लेकर आओ जल्दी से रविन्द्र ने पूछा क्या हुआ
गुरुदेव , गुरुदेव अपना पसीना पोछते हुये बोले बेटा डा0
दुबे के क्लिनिक मे चोर घुस गए हैं और उनको बाधने के
लिए एक रस्सी चाहिए , रविन्द्र का सर चकरा गया वह मन
मे सोचने लगा कि गुरुदेव तो आफिस से बाहर गय ही नही
और कह रहे हैं चोर घुस गया दुबे जी के यहाँ , लेकिन गुरु
आज्ञा उसने गुरुदेव को एक डंडा और एक रस्सी दे दी ,
गुरुदेव ने वह डंडा और रस्सी को लिया और तुरन्त फिर से
आफिस बन्ध कर दिया , और फिर वे 15 मिनट के बाद
बाहर निकल कर आए , अब गुरुदेव के मुखमंडल पर एक
शांति का भाव था , गुरुदेव ने स्टाफ के कुछ शिष्यो को कहा कि तुम अभी डा0 को फोन नही करोगे बेचारा अभी
गहरी नींद से सो रहा होगा , उसको सुबह 5या 6 बजे के
आसपास फोन कर देना और बोलना साथ में पुलिस को
लेकर जाए डरने की कोई बात नही है , मैने उन दोनों चोरों
को अच्छे से बांध दिया है , और ये सब बोलकर गुरुदेव अपने कमरे में विश्राम करने चले गए हम सब भी सो गए
सुबह सुबह डा0 दुबे जी को फोन किया गया और दुबे जी
पुलिस को लेकर आपने क्लीनिक पहुचे तो देखा 2 चोर बैठे हुए हैं लेकिन किसी ने उनको अच्छे से बाँधा हुआ है
और क्लीनिक के ताले टूटे हुये मिले , तो पुलिस ने पूछा
तुम्हारे इलावा तो यहाँ कोई नही है तो फिर तुम्हे किस ने बांधा पूरी बात बताओ , उन चोरों ने बताया जनाब जब
हम दोनों ने गेट का ताला और अंदर का ताला तोड़कर
अंदर क्लीनिक मे आए तो हमने देखा एक आदमी सफेद
‌रंग का धोती और कुर्ता पहने हमारे पीछे ही खड़ा था , उसने हमें कहा कि यहा से चले जाओ ,हमने
सोचा कि यह बड़ी उम्र का है हम इसको काबू में कर लेंगे
और फिर आराम से चोरी कर लेंगे , लेकिन जनाब उसमे
बड़ी ही गजब की फुर्ती थी उसने हमें बहुत पीटा और पीटने के बाद वह एक डंडा और एक रस्सी लेकर आया
पहले उसने हमें उस डंडे से मारा फिर उसने हमें रस्सी से
बांध दिया और सारी रात से वह सामने की कुर्सी पे बैठा हुआ था जनाब पता नही अब कहा चला गया , तो डा0 दुबे ने अपने ऑफिस से एक गुरुदेव का चित्र दिखाया उन
चोरों को और पूछा क्या यही था वो  दोनों चोरों ने डरते डरते कहा हा जनाब यही है वो आदमी जिसने हमे पीटा
यह है वह विशवास जो दुबे जी करते है अपने गुरु पर यह
जीत उनके विशवास की है , उनके प्रेम की है , उनकी आस्था की है , यही विशवास गुरु को भी चाहिए आप से
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                    कुछ दिन पहले एक गुरु भाई ने भी अपनी
एक पोस्ट में लिखा था कि इन किस्से कहानियों से कुछ नही होगा ,,( जो मै आप सबके लिये लिख रहा हूं ) मै भी
कहता हूँ नही होगा कुछ लेकिन जब एक अवतार आता है
उसकी लीलाए होती है वे हमें एक संदेश देती है वह संदेश है एक दृढ़ विश्वास का , एक मजबूत संकल्प शक्ति का ,
गुरु मे पूर्ण आस्था का , एक गुरु सेवा का भाव पैदा करती हैं , मन निर्मल होता है , मन मे गुरु साधना का विचार उठता है कि मै भी 16 माला गुरु मंत्र जप करूँगा , मै भी सुबह ब्रह्म मुहूर्त में साधना करूँगा , मै भी सवा लाख मंत्र जप का संकल्प लूँगा , हर सत्य घटना या कहानी हमे एक नई सीख देती है , एक प्रेरणा देती है ये अलग बात है हम इसको एक प्रेरणा माने या बस एक कहानी मान कर छोड़ दें , ये तो आप पर निर्भर करता है, जय गुरुदेव भगवान ॐ

एक शिष्य........
(राज राजेश्वर )

गुरु कृपा ( सत्य घटना भाग "1" ) (अध्यात्म की ओर)

( विशवास और माँ  बगलामुखी पीतांबरी प्रयोग )
गुरु लीला भाग "1" सत्य घटना पर आधारित
( हम कथा सुनाते है " नारायण गुरु ज्ञान की )

यह बात 2007 की है उन दिनों मै अपने घर पर बहुत
सारे लोगो से मिलता था और उनकी समस्या सुनता और
उसका निवारण हेतु कोई ना कोई प्रयोग या साधना बता
देता या कोई छोटा सा प्रयोग बता देता ताकि कम खर्च मे
उनकी समस्या दूर हो सके और सद गुरुदेव से जुड़ जाए
और अपने जीवन को साधना पथ पर अग्रसर कर सके
लेकिन सब अपनी समस्या तक ही सिमित रहते थे , उनको
साधना आराधना और गुरु से कोई मतबल नही रखना था
मेरे पास एक लड़का आता था और उसने बताया कि उनके मामा का लड़का है और वो गुजरात के सूरत जिले
मे रहता है उसका बहुत अच्छा काम था लेकिन किसी ने
तंत्र प्रयोग से सब बर्बाद कर दिया है घर की दुकान और
घर सब कुछ बिक चूका है और इस टाईम खाने के भी
लाले पड़े हुये है , आज वह 5000 हजार की नोकरी के
लिए भी तरस रहा है और उसकी पत्नी और बच्चे उसकी
ससुराल मे है और खुद अपने मामा जी के यहाँ 2 वक्त
की रोटी के लिए उनका सब काम करता है ये सब बातें
मैने सुनी मेरी भी आँखे भर आई तो मैने पूछा बताओ मै
आपकी क्या मदद कर सकता हूँ उसने कहा कि कोई ऐसा
प्रयोग या कोई ऐसी साधना बताओ ताकि वो अपने बीवी
बच्चों के साथ अपना गुजारा कर सके और उसके पास
आपको देने के लिए कुछ भी नही है अगर इसमें कोई यंत्र
की या माला की आवश्यकता पड़ती है तो मै अपने पैसों से
उसको दिलवा दूँगा तो मैंने कहा कि आप उसको बुला लो
दोनों आ जाए पति पत्नी दोनों और उनसे बात करता हूँ
तो अगले दिन दोनों पति पत्नी दोनों आ गए , मैंने उनसे वे
सारी बातें पूछी की क्या क्या हुआ था और उन दोनों ने वे
सारी बातें बताई और कहा कि हमारा सब कुछ लूट चूका है , अब हम सिर्फ रास्ते के भिखारी है और कुछ नही है
मैने उन दोनों को सांत्वना दी और कहाँ की मेरे गुरुदेव है
वो बहुत ही कृपालु है , और मै उनको भगवान शिव ही
मानता हूँ और वे भगवान शिव ही है और उनकी एक
कृपा दृष्टि मात्र  से सब कुछ सम्भव हो जाता है , मैंने कहा
आप ऐसा करो की एक बगलामुखी यंत्र लो और एक मै
आपको बगलामुखी का स्त्रोत्र देता हूँ आप इस यंत्र को
स्थापित कर के आपने 11 पाठ करने है वे भी पीले आसन
पर बैठ कर सूर्य उदय से पहले और शाम को सूर्य अस्त के
बाद और आपका मुख पूर्व दिशा की और होना चाहिए
और सारी विधि समझा दी , और वे सद गुरुदेव की फोटो
को प्रणाम करके विदा हो गए , फिर वे 2 दिन बाद आए
और बोले आपने जैसे कहा हमने वैसा ही किया लेकिन
ये बताओ आपने तो वे मंत्र किसी देवी का दिया था , मैंने
कहा हा लेकिन हमारे सामने तो कोई और ही आया था
मैने कहा कि आप साफ साफ बताओ की हुआ क्या है
तो उसने कहा मै सुबह के 5 बजे यह यंत्र स्थापित करके
और आपके कहे अनुसार 11 पाठ इस स्त्रोत्र के कर रहा
था अभी मेरा 5 वा पाठ आरम्भ ही हुआ था कि ठीक
मेरे सामने एक दिव्य प्रकाश पुंज प्रकट हुआ और उस
प्रकाश पुंज मे भगवान शिव मेरे सामने प्रत्यक्ष प्रकट थे
मैने उनको अपनी खुली आँखों से देखा वो मेरे सामने
खड़े थे और मेरी और मन्द मन्द मुस्कुरा रहे थे और
मेरी हालत तो ऐसी हो गई थी मै तो एकदम जड़वत
हो गया था बस उनको देखता ही रहा और प्रणाम करना
भी भूल गया था लेकिन उन्होंने मुझे अपना आशिर्वाद
दिया और कहा सब ठीक हो जायेगा मेरा आशिर्वाद है
और देखते ही देखते गायब हो गए , मैने कहा कि भाई
आप बहुत ही सौभाग्य शाली इंसान हो की आपको मात्र
5 पाठ करने मात्र से ही स्वयं महादेव प्रकट हो गए , धन्य
हो आप , मैने कहा कि भाई कहा है तुम्हारे चरण मे तो
उनको ही छू लेता हूँ , वे दोनों पति पत्नी हाथ जोड़कर
बोले ये पाप हमारे ऊपर ना चढ़ाओ और उन दोनों ने
तुरन्त मेरे पैरों को छू लिया और बोले आज आपकी ही
वजह से हमे भगवान शिव के दर्शन हुये है , और आप
ही ने बताया था कि कैसे कैसे करना है , आप ही ने यह
रास्ता बताया है , हम तो आपका धन्यवाद करने आए हैं
जो हमारी सभी समस्या का निवारण करने स्वयं महादेव
आय है , मैने कहा कि ये सब तो मेरे प्रभु भगवान निखिल
की परम् कृपा से ही सम्भव हुआ है इसमें मेरा कोई भी
योगदान नही है सब उनकी कृपा है , तो वे बोले आपने
तो कहा था कि ये देवी का स्त्रोत्र है लेकिन आए तो शिव
है , मैने हँसते हुये कहा एक ही तो बात है शिव और शक्ति
अलग अलग नही है एक ही है , वे ही शिव है वे ही शक्ति
स्वरूपा है , वे ही अर्द्ध नारीश्वर है और वे ही निखिल महादेव है , सब उनके ही रूप है सब उनका ही खेल है
इसके बाद वे गुरुदेव के चित्र को प्रणाम करके चले गए
3 दिन बाद उनकी नोकरी मुम्बई मे लग गई 25000
महीने का और रहने के लिए एक मकान जिसका कोई
भी किराया नही होगा , और छः महीने बाद प्रमोशन कर
दिया जायेगा इसके बाद वे अच्छे से Seattle हो गए
इसके बाद मेरा कोई भी सम्पर्क नही हुआ और ना ही
कभी मिलना हुआ , लेकिन इतना पता है कि सद गुरुदेव
जी ने अपनी कृपा रूपी वर्षा से उनको पूरा भीगो दिया था
आप सबको मेरा प्रेम भरा जय गुरु देव जय माँ भगवती।
जय गुरुदेव जय निखिलेश्वर।

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