तीसरी आँख (आध्यात्मिक नेत्र) को सक्रिय करने के लिए ध्यान और अभ्यास आवश्यक होता है। इसे आज्ञा चक्र (Ajna Chakra) के रूप में भी जाना जाता है, जो मस्तिष्क के बीचों-बीच स्थित होता है। तीसरी आँख को सक्रिय करने के कुछ मुख्य तरीके हैं:
### 1. **ध्यान (Meditation)**
- शांत और स्थिर स्थान पर बैठें। रीढ़ को सीधा रखें और आँखें बंद करें।
- गहरी सांस लें और छोड़ें, जिससे मन शांत हो।
- आज्ञा चक्र (माथे के बीच) पर ध्यान केंद्रित करें। इस जगह पर नीले या बैंगनी रंग की रोशनी की कल्पना करें।
- मन में "ओम" का जाप करें। इससे ऊर्जा केंद्र सक्रिय होते हैं।
### 2. **त्राटक ध्यान (Trataka Meditation)**
- मोमबत्ती की लौ या किसी निश्चित बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।
- बिना पलक झपकाए उस बिंदु को देखें। यह आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है।
- धीरे-धीरे आँखें बंद करें और उस बिंदु की छवि को आज्ञा चक्र पर देखने की कोशिश करें।
### 3. **प्राणायाम (Breathing Exercises)**
- प्राणायाम जैसे कि अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम नियमित रूप से करें। ये श्वसन क्रियाएं मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाकर मानसिक शांति और जागरूकता को बढ़ाती हैं।
### 4. **आहार (Diet)**
- शुद्ध और सात्विक आहार लें। ताजे फल, सब्जियां और सूखे मेवे का सेवन करें।
- अत्यधिक मसालेदार, तले हुए या जंक फूड से बचें।
### 5. **क्रिस्टल और योगासन**
- अमेथिस्ट, लैपिस लाजुली जैसे क्रिस्टल्स का उपयोग आज्ञा चक्र को संतुलित करने में सहायक होता है।
- योगासन जैसे कि बालासन, शीर्षासन और चक्रासन भी आज्ञा चक्र को सक्रिय करने में सहायक माने जाते हैं।
सावधानी: तीसरी आँख की सक्रियता के दौरान व्यक्ति को संवेदनशीलता या मानसिक बदलाव का अनुभव हो सकता है। इसलिए इसे धीरे-धीरे और नियमित अभ्यास के साथ करें।
अगर आप इन विधियों का लगातार अभ्यास करते हैं, तो आपकी तीसरी आँख सक्रिय हो सकती है और आपके आध्यात्मिक अनुभव बढ़ सकते हैं।
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