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ओंकार मंत्र रहस्य

 ओंकार मंत्र का जप एक शक्तिशाली साधना है जो मानसिक शांति, ऊर्जा, और ध्यान के लिए किया जाता है। ओंकार मंत्र का जप करने से मन की शांति, स्वास्थ्य में सुधार और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ओंकार का अर्थ है "ॐ," जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक है।

यह तीन शब्दों से मिल कर बना है, अ, ऊ, म, 

अ ब्रह्मा का प्रतीक है, केंद बिंदु नाभि, उच्चार के समय नाभि में प्राण वायु जाना चाहिए। तत्व अग्नि है।

ऊ विष्णु का प्रतीक है,  केंद बिंदु फेफड़ा, उच्चार के समय फेफड़ा में प्राण वायु जाना चाहिए। तत्व वायु है।

म महेश ( शिव) का प्रतीक है, केंद बिंदु मस्तिष्क, उच्चार के समय मस्तिष्क  में प्राण वायु जाना चाहिए। तत्व आकाश है।

ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) हिंदू धर्म के त्रिदेव हैं, जिन्हें सृष्टि के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए माना जाता है:


1. **ब्रह्मा**: सृष्टि के देवता। उन्हें सृष्टि का कर्ता माना जाता है और वे चार मुखों वाले हैं, जो चार वेदों का प्रतीक हैं। उनका कार्य सृष्टि का निर्माण करना है।


2. **विष्णु**: पालन करने वाले देवता। उन्हें सृष्टि के पालन का उत्तरदायित्व दिया गया है। विष्णु अनेक अवतारों में प्रकट होते हैं, जैसे राम और कृष्ण, और उनका कार्य सृष्टि की रक्षा करना है।


3. **महेश (शिव)**: संहारक देवता। उन्हें संहार और पुनर्निर्माण का देवता माना जाता है। शिव ध्यान और तंत्र साधना के प्रतीक हैं और उनका कार्य सृष्टि के चक्र को बनाए रखना है।


इन तीनों देवताओं के बीच संतुलन सृष्टि के चक्र को चलाने में महत्वपूर्ण है।

### ओंकार मंत्र जप करने की विधि:


1. **स्थान का चयन:** एक शांत और पवित्र स्थान चुनें, जहां आप बिना किसी विघ्न के जप कर सकें।

   

2. **सुखद आसन:** सुखद और स्थिर आसन में बैठें। साधारणत: पद्मासन या सुखासन का प्रयोग करें।


3. **मुद्रा:** अपने हाथों को ज्ञान मुद्रा (इंगूठे और तर्जनी को मिलाकर) में रखें।


4. **शुरुआत:** अपनी आंखें बंद करें, श्वास को गहरी और स्थिरता से लें। कुछ क्षण ध्यान केंद्रित करें।


5. **जप प्रारंभ करें:** "ॐ" का जप करें। इसे 108 बार या अपनी क्षमता के अनुसार करें। आप माला का प्रयोग भी कर सकते हैं।


6. **ध्यान:** जप करते समय केवल "ॐ" के अर्थ पर ध्यान केंद्रित करें। इससे मन में शांति और सकारात्मकता का अनुभव होगा।


7. **समापन:** जब आप जप समाप्त करें, तो कुछ समय चुप रहकर अपने अनुभव पर ध्यान दें और आभार प्रकट करें।


### लाभ:


- मानसिक शांति और ध्यान में सुधार

- तनाव और चिंता में कमी

- सकारात्मक ऊर्जा का संचार

- आध्यात्मिक विकास


आप नियमित रूप से ओंकार मंत्र का जप करके अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

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