शेयर बाजार में काम के घंटों में ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए उनके द्वारा दिए गए आर्डर टर्मिनल में डाल देते हैं. इसके बदले में ब्रोकर को ब्रोकरेज या दलाली मिलती है.
हम कह सकते हैं कि मुख्यतः शेयर बाजार की तीन कड़ियाँ हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक. ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं. ग्राहक सीधे जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते उन्हें केवल ब्रोकर के जरिए ही जाना पड़ता है.
देश में मुख्यतः BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं जिन पर शेयरों का कारोबार होता है. BSE और NSE दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं. अधिकतर कंपनियां जिनके शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है मगर यह भी हो सकता है की कोई कंपनी इन दोनों में से किसी एक ही एक्सचेंज पर लिस्टेड हों.
देश के मुख्यता सभी बड़े बैंक या उनकी सबसिडी कंपनियां और अन्य बड़ी वित्तीय कंपनियां इन एक्सचेंजों में ब्रोकर के तौर पर काम करती हैं. ग्राहक इन ब्रोकर कम्पनियों के पास जाकर अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी देकर अपना खाता ब्रोकर के पास खुलवा सकता है. इस प्रकार ग्राहक का डीमैट एकाउंट ब्रोकर के अकाउंट से जुड़ जाता है और खरीदी अथवा बेची गई शेयर्स ग्राहक के डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर हो जाती हैं. इसी प्रकार ग्राहक अपना बैंक खाता भी ब्रोकर के खाते के साथ जोड़ सकता है जिससे खरीदे अथवा बेचे गए शेयरों की
धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है. ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.
धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है. ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.
शेयरों में कारोबार करने के लिए एक निवेशक के पास डीमैट अकाउंट, ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और उससे जुडा एक बैंक खाता होना जरूरी है. कई बैंक इसके लिए थ्री इन वन खाता खोलने की सुविधा भी देते हैं. अधिकतर ब्रोकर हाउस आपको ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं इसके अलावा आप फोन करके भी अपने ऑर्डर दे सकते है.
यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है यह आपके लिए समझना बहुत आवश्यक है.
इक्विटी मार्केट में कैसे करें निवेश की शुरुआत और कैसे बनाएं अपना मजबूत पोर्टफोलियो आइए जानते हैं मार्केट एक्सपर्ट निपुण मेहता, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड वी के शर्मा और बीएसई के सीईओ आशीष चौहान की सलाह
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड वी के शर्मा का कहना है कि इक्विटी मार्केट में जब चाहे निवेश किया या निकाला जा सकता है। पिछले 5 सालों में सेंसेक्स का औसत सालाना रिटर्न 17.4 फीसदी रहा है। लंबी अवधि में हमेशा इक्विटी मार्केट ने अच्छा रिटर्न दिया है। लिहाजा इक्विटी मार्केट में लंबी अवधि का नजरिया रखना जरूरी है।
शेयर खरीदने से पहले निवेशकों को पूरा रिसर्च करना चाहिए। अगर खुद की रिसर्च नहीं है, तो निवेशकों को इंडेक्स फंड में ही लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि में इंडेक्स फंड से अच्छा फायदा मिल सकता है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड वी के शर्मा का कहना है कि इक्विटी मार्केट में जब चाहे निवेश किया या निकाला जा सकता है। पिछले 5 सालों में सेंसेक्स का औसत सालाना रिटर्न 17.4 फीसदी रहा है। लंबी अवधि में हमेशा इक्विटी मार्केट ने अच्छा रिटर्न दिया है। लिहाजा इक्विटी मार्केट में लंबी अवधि का नजरिया रखना जरूरी है।
शेयर खरीदने से पहले निवेशकों को पूरा रिसर्च करना चाहिए। अगर खुद की रिसर्च नहीं है, तो निवेशकों को इंडेक्स फंड में ही लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि में इंडेक्स फंड से अच्छा फायदा मिल सकता है।
वी के शर्मा के मुताबिक शेयर बाजार में निवेश की रणनीति अपनाते समय निवेशक लालच और डर से बचें और बाजार में लंबे समय का नजरिया बनाएं रखें। निवेशकों को शेयर खरीदने के साथ ही उसे बेचने का लक्ष्य तय करना चाहिए। शेयर टार्गेट प्राइस पर पहुंचने पर ही उसे बेचना चाहिए। निवेशकों को टिप्स के आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि उससे नुकसान होने की संभावना है। आईपीओ या सेकंडरी मार्केट में पैसा लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
मार्केट एक्सपर्ट निपुण मेहता का कहना है कि कोई भी शेयर चुनने से पहले निवेशकों को कंपनी के बिजनेस के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। कंपनी का परफॉर्मेंस देखना चाहिए। साथ ही शेयरों का वैल्युएशन भी देखना चाहिए। निवेशकों को अच्छे फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में पैस लगाना चाहिए।
मार्केट एक्सपर्ट निपुण मेहता का कहना है कि कोई भी शेयर चुनने से पहले निवेशकों को कंपनी के बिजनेस के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। कंपनी का परफॉर्मेंस देखना चाहिए। साथ ही शेयरों का वैल्युएशन भी देखना चाहिए। निवेशकों को अच्छे फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में पैस लगाना चाहिए।
निवेशक अपना पोर्टफोलियो बनाने से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें। नए निवेशकों को छोटे निवेश से शुरुआत करना चाहिए और काफी ज्यादा कंपनियों के शेयर ना खरीदें। एक ही सेक्टर की ज्यादा कंपनियों में भी पैसा नहीं लगाना चाहिए। निवेशक एफएमसीजी, फार्मा जैसे डिफेंसिव सेक्टर के शेयर अपने पोर्टफोलियो में शामिल करके अपना पोर्टफोलियो मजबूत कर सकते हैं।
बीएसई के सीईओ आशीष चौहान का कहना है कि इक्विटी निवेश के लिए बैंक एकाउंट, डीमैट एकाउंट, ट्रेडिंग एकाउंट होना चाहिए। इक्विटी में आईपीओ, सेकेंडरी मार्केट या म्युचुअल फंड के जरिए निवेश किया जा सकता है। आईपीओ या लिस्टेड शेयर में निवेश करने से पहले निवेशकों को रिसर्च करके खुद की समझ से कंपनी के परफॉर्मेंस, मैनेजमैंट को देखकर निवेश करना चाहिए।
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