1 . जब भी कोई स्टॉप लॉस जाता है,उसके 10 मिनट के भीतर भीतर फिर से ट्रेड कर लेना गलती है।
समझो निकल ने 880 से 877 आकर 3 pt का एस एल तोडा और आपके मुंह से निकला अरे यार।
876 पर आपने शोर्ट सेल केर दिया, 10 मिनट में 879 आकर फिर एस एल ले जायेगा।
अगर ऐसा हो गया तो आप पुरे दिन के लिए उलझ जायेंगे और एक ट्रेड बिना एस एल कर लेंगे।
वही एक ट्रेड 5000 का लॉस दे देगा।
सही क्या है ?
6 बजे sl गया है तो 6. 29 बजे दूसरा ट्रेड करें। पहले ख़रीदा था तो अब 60 % चांस है कि बिकवाली की लहर आ जाये।
2. किसी कमोडिटी से प्यार या नफरत हो जाना गलती है।
2 दिन सिल्वर में खूब कमाया तो तीसरे दिन उसको हाथ भी ना लगाओ। आपने 400 -400 पॉइंट दो दिन में कमाए, तीसरे दिन ओवर कॉन्फिडेंस में 1200 पॉइंट चले जायेंगे।
क्रूड में २ दिन स्टॉप लॉस चले गए तो आपने स्क्रीन से ही हटा दिया। गौर करोगे तो पता चलेगा कि 2 दिन रेंज में फंसा था तो तीसरे दिन वाही एक तरफा चलेगा।
कई ट्रेडर कहते है कि मैं तो शुरू से गोल्ड -सिल्वर ही करता हूँ।
क्यों ?
मुझे वही जमता है।
सर पे बुलियन लिखा कर तो पैदा नहीं हुए थे। जब कॉपर -निकल चले तो उसमे ट्रेड कर लो ,मिनी लॉट करो शुरू में। लीड -जिंक ,क्रूड -नेचुरल गैस ---सबको समझो ,तो इंट्रा डे में रोज़ एक घोडा भागेगा और मंजिल तक ले जायेगा।
3. यहाँ जो कल हुआ ,वही आज होगा। ये बिलकुल मत सोचना ।
क्योंकि ये तो सभी सोच रहे है और प्राइस ऑपरेटर (बड़ी मछली) को ये पता है।
हाँ ,लेकिन जो तीन महीने में हुआ है ,वही चार्ट पैटर्न छोटे बड़े पैमाने पर दोहराया जाता रहेगा।
स्टॉप लॉस टूटना कोई गलती नहीं है।
टेक्निकली बाइंग आयी थी और आपने ट्रेडिंग की ,अचानक मार्किट पलट गया ,जो भी कारण हो पर एस एल टूट गया तो आप बिलकुल भी गलत नहीं है।
यदि आप उस स्टॉप लॉस को रोते न रहे और अगले टाइम स्लॉट में सही मौके का इंतज़ार किया तो 9 बजे तक या कभी कभी 11 बजे तक तो आप लॉस कवर कर के कमा भी लोगे।
4. पुरे दिन स्क्रीन में ,या ट्रेडिंग में उलझे रहना खतरनाक है।
पुरे दिन वालों में ब्रोकर के अलावा 2 %लोग भी ऐसे नहीं होंगे जो प्रॉफिट को शाम तक बचा पायें।
यहाँ आराम हराम नहीं है।
अधिकतर लोग तो दोपहर तक एक लॉस का गड्ढा खोदते है और रात तक उसको भरते रहते है। कई बार उनको दिखता है कि 5000 लगे थे , 5000 कवर कर लिए ,पर जो 2000 ब्रोकरेज +टैक्स का लग गया ,वो न तो दीखता है ,न कोई देखना चाहता है।
जब भी ब्रोकर से अकाउंट में क्रेडिट/डेबिट पूछते है तो इसी वजह से झटका लगता है। मन में आता है कि ब्रोकर चोर है साला।
हम गुस्सा होते है कि तुझे बीच में बताते रहना था , पर ये कोई बाप बनने की खबर थोड़े ही है जो कोई आ आकर बताएगा। टिकट लेना यात्री की जिम्मेदारी है ,कंडक्टर की नहीं। चालान सवारी का ही कटता है।
हाँ ,प्रॉफिट का फ़ोन वो करता है रोज़ मरते मुर्दे में नयी जान फूंकने को।
5. कोई टिप या ट्रायल फ्री की नहीं होती।
कोई एक बटन कही से दबा के मेसेज भेजता है और लोग होशियार बन के अलग अलग नामों से फ्री की ट्रायल लेते है। पैसा कहीं मिल गया तो चुपचाप चलने देंगे और लग गया तो फ़ोन करते है ,आपका तो स्टॉप लॉस चला गया। भाई जो फ़ोन स्टॉप लॉस जाने पर लगाया ,वो ट्रेड करने के पहले लगा लेता। कोई फ़ोन से निकल कर पैसा तो नहीं ले लेता।
2 -4 साल में लाखों चले गए ,पर आदमी को समझ नहीं आया कि 20000 की होशियारी में कितनी बार २ लाख चले गए।
अगर पैसा दे दिया है टिपर को ,तो सोते रहने से पैसा नहीं आ जायेगा ,उसके काम को समझने की कोशिश करो ,उसका sl जायेगा तो भी आप को कमाने का सपोर्ट मिल जायेगा।
बार बार नेगेटिव फ़ोन करने से ट्रेडर को ही नुक्सान है ,टिपर इंसान है ,तनाव उसको भी उलझायेगा ,काम आपका बिगड़ेगा।
अगली पोस्ट में
6. टारगेट की पूंछ मत पकड़ो और स्टॉप लॉस जाने तक सोये न रहो।
7. दिवाली -आखा तीज साल में एक एक बार आती है ,पर दुकान रोज़ खुलती है।
8. मेरा ये बिजनेस थोड़े ही है ,मैं तो बस यूँ ही टाइम पास के लिए कर लेता हूँ।
इंट्रा डे ट्रेडिंग में ट्रेडर के सामने समस्या समय की होती है क्योंकि ट्रेडर को सौदा उसी दिन खरीदकर उसी दिन बेचना होता है जैसे की अपने कोई शेयर 10 रुपए में खरीदा और एक घंटे बाद कोई ऐसी खबर आई, जिससे बाजार में मुनाफावसूली शुरू हुई और आपका शेयर नीचे की ओर लुढ़कने लगा। मान लीजिये दोपहर 1 बजे तक वो शेयर 8 रुपए तक गिर गया और मार्किट बदन होता है 3:15PM पर बंद हो जाता है इसलिए आपको वो सौदा इससे पहले-2 आपको बेचना ही पड़ेगा क्योंकि कैरी फॉरवर्ड तो आप कर नही सकते और कोई भी मार्किट हो एक बार डाउन ट्रेंड चालू हो गया तो समझो की उसके ट्रेंड में फेरबदल होना काफी मुस्किल होता है (किसी खास परिस्थिति को छोडकर) क्योंकि इस बात का किसी को पत्ता नही होता की आपका शेयर कब अपट्रेंड में ट्रेड करे। इसलिए काफी ट्रेडर इंट्रा डे में लोस बुक करते हैं और अपनी पूंजी गवां बैठते हैं। लॉन्ग टर्म की तरह इंटरा डे में एंट्री-एक्जिट प्वाइंट रामबाण की तरह (How to Put Slop Loss Exit Point In Intraday Trading) इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला- एंट्री और एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद सौदा कीजिए। उसे बिलकुल मत बदलिए। एंट्री और एक्जिट प्वाइंट को अनुमान के आधार पर नहीं बल्कि विश्लेषण के आधार पर निश्चित कीजिए। दूसरा- इंट्रा डे ट्रेडिंग करते समय हमेशा आपकी उंगली स्टॉप लॉस के बटन पर होनी चाहिए। जैसे ही आपने सौदा किया, फौरन स्टॉप लॉस सेट कर दीजिए। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि आपने स्टॉप लॉस लगाने में सुस्ती दिखाई और कुछ ही मिनट के अंदर बाजार ने यू टर्न ले लिया। और जितनी देर में आप चाय पीकर वापस लौटे तो पता चला कि शेयर की कीमत आपके स्टॉप लॉस से भी दो फीसदी नीचे चली गई। ऐसी सूरत बड़ी खतरनाक होती है क्योंकि मुनाफा तो दूर, आप मनचाहे स्टॉप लॉस के प्वाइंट पर भी सौदा नहीं निपटा सकते हैं। इंट्रा-डे में जोखिम क्यों ज्यादा होता है (Why Intraday Trading is Risky) यहां कहने का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि इंट्रा डे ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। लेकिन सोते जागते हमेशा याद रखिए इंट्रा डे सबसे मुश्किल और सबसे जोखिम भरी ट्रेडिंग है। विडंबना है कि इसमें शामिल ट्रेडर्स का एक बड़ा तबका इंट्रा डे ट्रेडिंग की तकनीक और जानकारी से वंचित होता है। इंट्रा डे लुभावना दिखता है। इसलिए नौसिखिए और अनाड़ी ट्रेडर्स बिना जानकारी के इसमें कूद पड़ते हैं। वे इसे वन-डे लॉटरी की तरह समझते हैं। जब तक अक्ल खुलती है तब तक वे अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा गंवा चुके होते हैं। इसलिए मेरी सलाह है कि नए निवेशकों को शुरूआत में इंट्रा डे ट्रेड नहीं करना चाहिए। शुरूआत लॉन्ग टर्म से कीजिए। फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और जब आप ट्रेडिंग के उस्ताद बन जाएं तभी इंट्रा डे के मैदान में आएं। क्यों न करें नये निवेशक इंट्रा डे ट्रेडिंग? (What do or don;t when trading intraday trding) नए निवेशकों को शुरूआत में इंट्रा-डे ट्रेड नहीं करना चाहिए। शुरूआत लॉन्ग टर्म से कीजिए। फिर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और जब आप ट्रेडिंग के उस्ताद बन जाएं, तभी इंट्रा-डे के मैदान में आएं। तो ट्रेडिंग में हाथ जलने की संभावना कम रहेगी। इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते समय दो बातों का खास खयाल रखना चाहिए- पहला, एंट्री व एक्जिट प्वाइंट निश्चित करने के बाद ही सौदा कीजिए और दूसरा, ट्रेडिंग के समय हमेशा उंगली स्टॉप लॉस तय करने के लिए बटन पर हो और एक अहम महत्वपूर्ण बात कभी भी ओवर ट्रेडिंग न करे। मान लिजिय आपके पास 100 रूपये हैं और आप आपको लगता है की आप इंटर डे ट्रेडिंग कर सकते हो तो पूरी प्लानिंग के साथ करे कितने टाइम लिमिट लेना है कितने प्रतिशत स्टॉप लोस निर्धारित करना।
9. मै रोज़ का कितना और महीने का क्या प्रॉफिट बना लूँगा ?
10. पुरे पुरे हफ्ते या महीने बेकार जाये - ऐसा भी दौर आता है और ट्रेडर को उससे गुजरना ही होगा।
11. सारे स्टॉप लॉस टूटे तो ज्यादा से ज्यादा कितना नुक्सान होगा ?गिनकर ट्रेडिंग प्लान बने और उससे चिपके रहो। आप जीतोगे ही जीतोगे और खूब कमाओगे जीवन भर।
12. मेरे पास नेट कनेक्शन नहीं है। मैं फ़ोन पर ट्रेड करता हूँ. डब्बे पर छोटा लॉट नहीं करते।
मैं तीन साल से ट्रेड कर रहा हूँ,मुझे ट्रेनिंग की जरुरत नहीं है। बस कॉल चाहिए।
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