ईश्वर ने सृष्टि की रचना करते समय *तीन* विशेष रचना की...
*1.* अनाज में *कीड़े* पैदा कर दिए, वरना लोग इसका सोने और चाँदी की तरह संग्रह करते।
*2.* मृत्यु के बाद देह (शरीर) में *दुर्गन्ध* उत्पन्न कर दी, वरना कोई अपने प्यारों को कभी भी जलाता या दफ़न नहीं करता।
*3.* जीवन में किसी भी प्रकार के संकट या अनहोनी के साथ *धैर्य और साहस* दिया, वरना जीवन में निराशा और अंधकार ही रह जाता, कभी भी आशा, प्रसन्नता या जीने की इच्छा नहीं होती।
जीना *सरल* है...
प्यार करना *सरल* है..
हारना और जीतना भी *सरल* है...
तो फिर *कठिन* क्या है?
*सरल* होना बहुत *कठिन* है ।
*1.* अनाज में *कीड़े* पैदा कर दिए, वरना लोग इसका सोने और चाँदी की तरह संग्रह करते।
*2.* मृत्यु के बाद देह (शरीर) में *दुर्गन्ध* उत्पन्न कर दी, वरना कोई अपने प्यारों को कभी भी जलाता या दफ़न नहीं करता।
*3.* जीवन में किसी भी प्रकार के संकट या अनहोनी के साथ *धैर्य और साहस* दिया, वरना जीवन में निराशा और अंधकार ही रह जाता, कभी भी आशा, प्रसन्नता या जीने की इच्छा नहीं होती।
जीना *सरल* है...
प्यार करना *सरल* है..
हारना और जीतना भी *सरल* है...
तो फिर *कठिन* क्या है?
*सरल* होना बहुत *कठिन* है ।
No comments:
Post a Comment