कहा हुआ
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार तड़के लोगों की नींद एक अजीब बदबू के साथ खुली। यहां लोगों को अचानक सांस देने में दिक्कत होने लगी। इससे पहले लोग उठकर अपने आस पास देखते, तब तक 1 बच्चे समेत 3 लोगों की मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि अब तक इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 1000 लोगों की सांस लेने में दिक्कत, बेहोशी या आंखों में जलन होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विशाखापट्टनम में हुए गैस रिसाव हादसे ने एक बार फिर भोपाल गैस कांड की याद दिलाती।
कब हुआ हादसा
2-3 दिसंबर 1984 की सुबह भोपालवासी कभी नहीं भूल सकते। जिन्होंने दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी को भोगा है, वे मरते दम तक 'भोपाल कांड' को चाहकर भी नहीं भुला पाएंगे। विशाखापत्तनम की ही तरह भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इससे हादसे में करीब 15000 लोगों की मौत हुई थी। बताया जाता है कि इस हादसे में 8 हजार लोगों की मौत एक हफ्ते में हो गई थी। इसके बाद इससे ग्रसित करीब 7 हजार लोगों की और मौत हुई। इस त्रासदी का असर अभी भी लोग झेल रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है। जिसकी वजह से अब तक 1 मासूम समेत 16 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, प्रशासन ने आसपास के 5 गांवों को खाली कराया।
खौफनाक था मंजर: विशाखापट्टन में एलजी पॉलिमर कंपनी से रात करीब 2.30 बजे रासायनिक गैस का रिसाव हुआ। यहां से करीब 3 किमी क्षेत्र में लोग सड़कों पर बेहोश होकर गिरने लगे। आंखों में जलन मचने लगी। कुछ लोगों के शरीर में छाले भी पड़ने लगे
प्रशासन की पहल
आनन फानन में प्रशासन ने खाली कराए 5 गांव
गैस रिसाव की खबर पहुंचते ही प्रशासन ने आनन फानन में 5 गांव खाली करा लिए। यहां पुलिस के साथ एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची। एनडीआरएफ ने बताया, करीब 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। वहीं, 800 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
20 की हालत गंभीर
सरकारी अस्पताल में तीन लोगों की मौत हुई है। जबकि 20 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इसमें अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे हैं। बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में 150-170 लोग भर्ती कराए गए हैं।
सैकड़ों लोग पहुंचे अस्पताल आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है। इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।
विशाखापट्टनम नगर निगम के कमिश्नर श्रीजना गुम्मल्ला ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार पीवीसी या स्टेरेने गैस का रिसाव हुआ है। रिसाव की शुरुआत सुबह 2.30 बजे हुई। गैस रिसाव की चपेट में आस-पास के सैकड़ों लोग आ गए और कई लोग बेहोश हो गए, जबकि कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
जहरीली गैस रिसाव से प्रभावित कई लोगों को गोपालपुरम के प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। वहीं, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने 1500-2000 बेड की व्यवस्था कर ली है।
गैस लीकेज की कारण
गैस लीकेज के असली कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। फिलहाल मौके पर विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद पहुंच गए हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से की गई थी। कंपनी पॉलिस्टाइरेने और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती है।
किसका है प्लांट
1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय कर लिया गया था और फिर यह एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई।
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किसने क्या कहा
गैस कांड पर आंध्रप्रदेश के इंडस्ट्री मिनिस्टर एमजी रेड्डी ने कहा, इस हादसे के लिए कंपनी प्रबंधन जिम्मेदार है। उन्हें सामने आकर जवाब देना होगा कि यह कैसे हुआ। कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
PM मोदी ने बुलाई NDMA की आपात बैठक
पीएम नरेंद्र मोदी ने एनडीएमए के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। यह बैठक 11 बजे होगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विशाखापट्टनम की घटना परेशान करने वाली है। एनडीएमए के अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों से बात की हैय़ हम स्थिति पर लगातार और बारीकी से नजर रख रहे हैं।
गृह मंत्रालय राज्य सरकार से लगातार संपर्क में
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आज तड़के विशाखापत्तनम में एक निजी फर्म में गैस रिसाव के कारण मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। मैंने स्थिति का जायजा लेने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से बात की है। साथ ही एनडीआरएफ की टीमों को आवश्यक राहत उपाय प्रदान करने का निर्देश दिया है।
राहुल गांधी ने की मदद की अपील
राहुल गांधी ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की है। राहुल ने कहा, 'मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से अपील करता हूं कि वे प्रभावित लोगों को सभी जरूरी मदद करें। उन लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं, जो किसी अपने को खो चुके हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि अस्पताल में भर्ती शीघ्र स्वस्थ हों।'
ऐसा ही भोपाल में हुआ था गैस कांड
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल शहर में 3 दिसम्बर सन् 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई। इसे भोपाल गैस कांड, या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगो की जान गई तथा बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। भोपाल गैस काण्ड में मिथाइलआइसोसाइनाइट (MIC) नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था। मरने वालों के अनुमान पर विभिन्न स्त्रोतों की अपनी-अपनी राय होने से इसमें भिन्नता मिलती है। फिर भी पहले अधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 2,259 थी। मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार ने 3,787 की गैस से मरने वालों के रूप में पुष्टि की थी। अन्य अनुमान बताते हैं कि 8000 लोगों की मौत तो दो सप्ताहों के अंदर हो गई थी और लगभग अन्य 8000 लोग तो रिसी हुई गैस से फैली संबंधित बीमारियों से मारे गये थे। २००६ में सरकार द्वारा दाखिल एक शपथ पत्र में माना गया था कि रिसाव से करीब 558,125 सीधे तौर पर प्रभावित हुए और आंशिक तौर पर प्रभावित होने की संख्या लगभग 38,478 थी। ३९०० तो बुरी तरह प्रभावित हुए एवं पूरी तरह अपंगता के शिकार हो गये।
भोपाल गैस त्रासदी को लगातार मानवीय समुदाय और उसके पर्यावास को सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाली औद्योगिक दुर्घटनाओं में गिना जाता रहा। इसीलिए 1993 में भोपाल की इस त्रासदी पर बनाए गये भोपाल-अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को इस त्रासदी के पर्यावरण और मानव समुदाय पर होने वाले दीर्घकालिक प्रभावों को जानने का काम सौंपा गया था।
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