सफलता के कुछ मुल मंत्र-
एमएलएम लीडर्स के लिए एक महत्व पूर्ण जानकारी लेके आए हैं। आज अच्छा डिग्री होने के बाद भी लोग इधर उधर भटक रहे हैं, यहां पर बिना डिग्री वाले भी लाखो करोड़ों रूपए इस इंडस्ट्री से कमा रहे है। केवल और केवल लग्न से जो भी यहां काम करता है।वह कामयाबी पा ही लेते है,
जिंदगी हमेशा आगे बढऩे का नाम हैं और हम सभी आगे बढ़ना चाहते है। लेकिन उनमें कुछ ही लोग सफलता की सीढ़ी पर चढ़ कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं। बाकी लोग बहुत नीचे की सीढ़ी तक सफर तय कर पाते हैं। इसके कुछ खास कारण है जो लोग पीछे रह जाते है।कुछ टिप्स दिए गए है ,ये आप फॉलो करते हैं, तो आप अपने मंजिल पा ही जागे।
पाठ 1
कल्पना : कल्पना सीढ़ी का पहली उड़ान है। अगर हमें जीवन में कुछ करना है तो सबसे पहले उस लक्ष्य की कल्पना अपने मन में करनी होगी। तभी जाकर हम अपने लक्ष्य के नजदीक पहुँच सकते है।
पाठ 2
तीव्र इच्छा : यह उस मनुष्य पर निर्भर करता है कि हम अपने सपनें को किस ऊचाँइ तक सोचते है । यह भी हमें खुद ही सोचना है कि हम ढ़ेर सारी चीजों को पाने की इच्छा में अपनी शक्ति खर्च करें या किसी एक लक्ष्य को पाने की इच्छा में अपनी पूरी शक्ति खर्च करें।
पाठ 3
पूर्ण लगन : सफलता के रास्ते पर व्यक्ति की गाड़ी पटरी पर तभी चलती है, जब तक इसमें लगन एवं उत्साह के साथ करे। सफलता की पहली शर्त, पहला सूत्र यह है कि सफलता की ऐसी चाहत होनी चाहिए जैसे जीवन के लिए प्राणवायु की। सफलता का रहस्य ध्येय की दृढ़ता में है।
पाठ 4
समय के पाबंद रहें : समय की महत्ता दर्शाते ढेरों कहावतें, मुहावरे दुनिया में मिल जाती है लेकिन इस पर कोई अम्ल नहीं करता है। समय उनके लिए अच्छा चलता है, जो समय के साथ चलते हैं और उनके लिए खराब चलता है, जो समय से पीछे चलते हैं या तेज भागने की कोशिश करते हैं। जब तक टाइम मैनेजमेंट नहीं होता, तब तक समय हमारे नियंत्रण के बाहर चलता रहेगा। अतः लम्बे समय तक काम को टालमटोल नहीं करना चाहिए।
पाठ 4
कार्य योजना : बिना कार्य योजना के दृढ़ संकल्प सिर्फ एक मानसिक क्रिया बन कर रह जाता है और यथार्थ में बदल नहीं पाता। जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए उसकी सही और पूरी कार्ययोजना पहले से तैयार रखना बहुत जरूरी है।
पाठ 5
एकाग्रता : जिस तरह अर्जुन को सिर्फ चिडिय़ा की आंख ही दिखी थी, उसी तरह हमें भी सिर्फ अपना लक्ष्य ही दिखना चाहिए। मन एकाग्र करके अपने लक्ष्य की ओर बढऩा चाहिए।
पाठ 6
परिश्रम : सिर्फ सोचने और योजना बनाने मात्र से ही लक्ष्य नहीं पाया जा सकता। उसके लिए परिश्रम करना पड़ता है, वह भी कठिन।
पाठ 7
ईमानदारी और उदारता : कोई भी सामाजिक गतिविधि जनसहयोग के बगैर पूरी नहीं होती। यदि हम दूसरों के दिल में स्थायी जगह चाहते हैं तो इसका आधार हमारे ईमानदारीपूर्ण काम से ही मिल पाता है।
ये मूल मंत्र आपको चमत्कारिक सफलता दे सकते हैं लेकिन मात्र मूल मंत्र पढ़ लेने से सफलता नहीं मिल जाती इसके लिए सतत प्रयास, अवलोकन
और अभ्यास से ही सफलता के ये सूत्र सिद्ध हो सकते हैं।
और अभ्यास से ही सफलता के ये सूत्र सिद्ध हो सकते हैं।
*सफलता का अचूक मंत्र*
★ एक लीटर दूध है तो उसमें से 200 ग्राम ही खोया निकलेगा।
★ रेल में अगर 25 डिब्बे हैं तो लगभग 5 डिब्बे AC के होंगे।
★ दुनिया मेँ 100% मेँ से 80% लोग आम हैं और 20% लोग ही अमीर जिन्दगी जीते हैं।
चाहे हमारी बिजनेस का प्लान कितना भी अच्छा हो - लेकिन हमारे बिजनेस में नए लोगों में भी 100 में से Aprox 20 लोग ही आने का निर्णय ले पाएंगे इसलिए हमको दिल छोटा नहीँ करना है।
एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे मेँ बताया गया है कि इस विजनस मे 10:7:4:1 का Ratio काम करता है अर्थात अगर आप 10 लोगों से आप सम्पर्क करेंगे तो केवल 7 लोग बात करेंगे और उनमेँ से 4 लोग आपकी बात सुनेंगे और उनमें से केवल 01 व्यक्ति आपके साथ जुड़ सकता है या आपका प्रॉडक्ट ले सकता है।
*हमेशा SW5 Rules को ध्यान में रखें*:-
1. कुछ आऐंगे
2. कुछ लोग नहीँ आऐंगे
3. क्या फर्क पड़ता है
4. कुछ लोग इंतजार मेँ हैं
5. इसलिए काम शुरू करो
■ खेती में भी किसान के 100% बीज नहीँ उगते।
■ Cricket खिलाडी को हर बॉल पर विकेट नहीँ मिलती। करीब 30 बॉल पर एक विकेट की एवरेज आती है।
■ बड़े युद्ध जीतने के लिए छोटी मोटी लड़ाईयाँ हारनी पड़ती हैं।
■ अब्राहिम लिंकन ने कहा था, " बात यह नहीँ है आप असफल हो गए, बल्कि बात यह है कि कहीं आप असफलता से संतुष्ठ तो नहीं हो गये।"
■ थॉमस एडीसन ने जब बल्ब का अविष्कार किया था तो उसके पहले वे दस हजार बार असफल हुये थे। एडिसन ने सोच लिया था की हर असफलता उन्हें सफलता के ज्यादा करीब ला रही है।
आप तो बस लोगोँ को System के मुताबिक प्लान दिखाते जाएं
आपको तो बस लोगोँ को जानकारी देते रहना है, वे जुडेंगे या नहीं उसकी चिन्ता ना करें - आप तो एक ही काम करें - *आये तो Best नहीं तो Next.*......
आज भारत में (Direct Selling) या मल्टीलेवल मार्केटिंग शुरू हुए 20 वर्ष के आस पास हो चुके है और लाखो लोग इसके साथ जुड़े है और सफल होने के लिए प्रयास रत है, लेकिन सालो नेटवर्क मार्केटिंग में बिताने के बाद भी लाखो लोग इसमे सफल नही हो पाए उनके लिए में सफलता का मंत्र पेश कर रहा हूँ यह मंत्र या फार्मूला मेरी सालो की नेटवर्क मार्केटिंग की रिसर्च के बाद निकल कर आया है और मुझे यकीन है आप के सफल होने में मदद करेगा:
अपना लक्ष्य जाने : में जुड़ने से पहले अपना लक्ष्य जाने, जहाँ तक डायरेक्ट मार्केटिंग को में समझ पाया हूँ इसमे आने और काम करने वाले ज्यादातर लोग कर्ज़दार होते है जो किसी न किसी वजह से अपनी नौकरी या व्यापार में दबाव मैं होते है और पूंजी समाप्त हो जाने या आर्थिक हालात बिगड़ जाने की सूरत में नेटवर्क मर्केटिंग चुनते है क्योकि इसमे न के बराबर पूंजी लगाकर आपको न सिर्फ आपके पुराने कर्ज़ से मुक्ति दिल सकता है अपितु एक अच्छा जीवन भी दे सकता है
अगर आपके कर्ज़ का बोझ ज्यादा है और आपको उससे अति शीघ्रता के साथ उतारने का दबाव है तो आपको तेज़ी से आमदनी देने वाले नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस को जॉइन करके तेज़ी से आमदनी करनी की जरूरत है ऐसी अवस्था में आपको बाइनरी प्लान ऑस्ट्रेलियाई बाइनरी प्लान के तहत काम करने वाली डायरेक्ट सेल्लिंग कंपनी को अपनाना चाहिए इसमे आपको आमदनी ज्यादा कम समय में कमाने का अवसर ज्यादा होते है परन्तु इस प्लान पर काम करने वाली कंपनियों की उम्र ज्यादा नही होती और जल्द किसी न किसी कारण से बन्द हो जाती है|
अगर आपको नेटवर्क मार्केटिंग से एक स्थायित्व के साथ रेगुलर आमदनी चाहिए तो आपको जनरेशन प्लान यानी प्रोडक्ट सेल्लिंग प्लान पर काम करने वाली कंपनी को चुनना चाहिए इसमे शुरू में तो आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी पर जब आपका एक अच्छा नेटवर्क खड़ा हो जाएगा तो आप जिंदगी भर और आपके बाद आपके परिवार के सदस्य भी इस मेहनत का फल भोगेंगे|
सही कंपनी का चुनाव: सफल होने में सही कंपनी का चुनाव एक और मत्त्वपूर्ण कड़ी है जिस कंपनी को आप आपने करियर के रूप में ले रहे है वो सही है या नही इसका फैसला कैसे होगा कुछ निम्न बातो पर ध्यान देंगे तो आप अपने आप को सही कंपनी में पाएंगे:
मैनेजमेंट : सबसे मत्वपूर्ण चीज़ जो किसी कंपनी को बाद बनाती है वो उसकी मैनेजमेंट में बैठे हुए लोग और नेटवर्क मार्केटिंग में उनकी दक्षता अगर आपकी कमपनी की मैनेजमेंट को डायरेक्ट सेल्लिंग का अनुभव है तो ज्यादा चांस है आपकी कंपनी एक मील का पत्थर साबित हो| अनुभवहीन मैनेजमेंट जिसको मल्टीलेवल मार्केटिंग का पता न हो और इस व्यापार में किसी के कहने से आ गयी हो ऐसी कंपनी कभी सफल नही होती|
सबसे अहम भूमिका खुद की मानसिकता रहता हैं,की लोग क्या कहेंगे। ये भूल जाते हैं,की मुझे क्या चाहिए? आपसे हुई हर एक गलती आप को एक नया सीख दिखता है।
अपनी असफलाओं से परेशान ना हो ,आगे आपके साथ कुछ अच्छा होने वाला है।
अपने आपसे रोज सोते समय कमेटमेंट करे कि मेरा कल बेहतर होगा,मै अपने आपसे प्यार करता हूं, पूरी दुनिया से प्यार करता हूं,मै सफल इंसान हूं।
फिर आप देखे गे की आप के साथ सब अच्छा होते जा रहा है
और आखिर में
आप को एडवांस बधाई ,आप वहां पहुंच चुके है, जहां आप पहुंचना चाहते है। सफ्लता आपकी कदम चूम रहे हैं
धन्यवाद्
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