भारत में अमेरिकी कंपनियाँ: कैसे कमाती हैं और टॉप कंपनियों की सूची
अमेरिकी (American) कंपनियाँ भारत में कई तरीकों से कमाई करती हैं — उत्पाद बिक्री, क्लाउड सर्विसेज, ऑनलाइन विज्ञापन, फ्रैंचाइज़ और निवेश। नीचे प्रमुख तरीकों का संक्षिप्त विवरण और भारत में टॉप अमेरिकी कंपनियों की अनुमानित वार्षिक कमाई दी गई है।
अमेरिकी कंपनियाँ भारत में कैसे कमाती हैं
- उत्पाद और सेवाएं बेचकर — जैसे Apple, Microsoft, Amazon के प्रोडक्ट/सर्विसेज।
- BPO/आउटसोर्सिंग — कस्टमर-सपोर्ट, टेक सपोर्ट, और आईटी सेवाएँ।
- विज्ञापन — Google, Meta प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन से रेवेन्यू।
- फ्रैंचाइज़/रॉयल्टी — फास्ट फूड चेन और ब्रांड फ्रैंचाइज़ मॉडल।
- निवेश और पार्टनरशिप — स्टार्टअप्स और भारतीय कंपनियों में निवेश।
भारत में टॉप अमेरिकी कंपनियाँ — अनुमानित वार्षिक कमाई
कंपनी का नाम | भारत में काम करने का तरीका | अनुमानित वार्षिक कमाई (भारत से) |
---|---|---|
Amazon India | ई-कॉमर्स, Amazon Prime, AWS क्लाउड | ≈ ₹55,000 करोड़+ |
Google (Alphabet) | Search, YouTube, Ads, Google Cloud | ≈ ₹18,000 करोड़+ |
Microsoft India | Windows/Office, Azure, IT सर्विसेज | ≈ ₹12,000 करोड़+ |
Apple India | iPhone/Hardware बिक्री, Apple Store | ≈ ₹50,000 करोड़+ |
Meta (Facebook, Instagram) | ऑनलाइन विज्ञापन | ≈ ₹16,000 करोड़+ |
IBM India | IT सर्विस, क्लाउड, कॉन्सल्टिंग | ≈ ₹12,000 करोड़+ |
Coca‑Cola India | ड्रिंक्स & वितरण | ≈ ₹12,500 करोड़+ |
PepsiCo India | बीवरेजेस और स्नैक्स | ≈ ₹8,000 करोड़+ |
McDonald’s India | फूड & फ्रैंचाइज़ | ≈ ₹4,000 करोड़+ |
Yum! Brands (KFC, Pizza Hut) | फास्ट-फ़ूड फ्रैंचाइज़ | ≈ ₹2,500 करोड़+ |
कैसे अमेरिका को पैसा भेजा जाता है?
भारतीय सहायक कंपनियाँ/फ्रैंचाइज़ अपने रेवेन्यू से टैक्स और खर्च कटाने के बाद शेष लाभ (प्रॉफिट) को डिविडेंड, रॉयल्टी, लाइसेंस फीस या सर्विस चार्ज के रूप में मातृ कंपनी को भेजती हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय टैक्स नियम और ट्रांज़ैक्शन पॉलिसीज़ लागू होते हैं।
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