🌹 जय गुरुदेव 🌹
कुंडलिनी शक्ति क्या है ?
सबसे पहले सभी गुरु भक्तों यह समझ ले यह जगत में एक ही शक्ति है और उसका नाम अलग अलग है ।
यह शक्ति सभी जिवमे है ही सबके भीतर यह शक्ति का खजाना पड़ा हुआ है । यह शक्ति छोटा सा बीज के रूप में पड़ी है । यह शक्ति को जानना और उसका अनुभव करना और अपने स्वभाव में जीना यही धर्म है ।
यही शक्ति संसार में भी है और सन्यास में भी है । प्रत्येक के जीवन में भी है और प्रत्येक के मृत्यु में भी है । अभी आप जो जीवन संसार में जी रहे हो वह यह शक्ति की बाहर की परिधि है और जिन लोगों ने इसका अनुभव कर लिया है तो वह लोग अपने स्वभाव के केंद्र में पहुंच गया है ऐसा अनुभव है । यह शक्ति का जगाना और उसका अनुभव करना एक प्रयत्न भी है और यह कभी भी तो आपको अनुभव होगा तो अदृश्य शक्ति का एक प्रसाद होगा ऐसा आपको अनुभव होगा ।
यह शक्ति को जगाने का कि उसका अनुभव करने का बहुत सरल रास्ता यह है कि आप साक्षी बन जाओ और यह जो शक्ति का जो खेल है उसको साक्षी के रूप में आपको देखना है । आपको कुछ करना नहीं है और और यह खेल को देखना है ।
अपने मन का निरीक्षण करना यह सबसे बड़ी तपस्या है । और धीरे धीरे अपने शरीर से दूर होते जाना और अपने मन से भी दूर होते जाना और अपने भाव से भी दूर होते जाना यही तपस्या है और उसका एक ही मार्ग है क्या आपको साक्षी के रूप में सम्मिलित होना पड़ेगा ।
यही कुंडलिनी शक्ति सभी गुरु भक्तों को आशीर्वाद देती है आप भी उसका स्वीकार करें और उसका अनुभव करने की दिशा में प्रयत्न करें ।
कुंडलिनी शक्ति क्या है ?
सबसे पहले सभी गुरु भक्तों यह समझ ले यह जगत में एक ही शक्ति है और उसका नाम अलग अलग है ।
यह शक्ति सभी जिवमे है ही सबके भीतर यह शक्ति का खजाना पड़ा हुआ है । यह शक्ति छोटा सा बीज के रूप में पड़ी है । यह शक्ति को जानना और उसका अनुभव करना और अपने स्वभाव में जीना यही धर्म है ।
यही शक्ति संसार में भी है और सन्यास में भी है । प्रत्येक के जीवन में भी है और प्रत्येक के मृत्यु में भी है । अभी आप जो जीवन संसार में जी रहे हो वह यह शक्ति की बाहर की परिधि है और जिन लोगों ने इसका अनुभव कर लिया है तो वह लोग अपने स्वभाव के केंद्र में पहुंच गया है ऐसा अनुभव है । यह शक्ति का जगाना और उसका अनुभव करना एक प्रयत्न भी है और यह कभी भी तो आपको अनुभव होगा तो अदृश्य शक्ति का एक प्रसाद होगा ऐसा आपको अनुभव होगा ।
यह शक्ति को जगाने का कि उसका अनुभव करने का बहुत सरल रास्ता यह है कि आप साक्षी बन जाओ और यह जो शक्ति का जो खेल है उसको साक्षी के रूप में आपको देखना है । आपको कुछ करना नहीं है और और यह खेल को देखना है ।
अपने मन का निरीक्षण करना यह सबसे बड़ी तपस्या है । और धीरे धीरे अपने शरीर से दूर होते जाना और अपने मन से भी दूर होते जाना और अपने भाव से भी दूर होते जाना यही तपस्या है और उसका एक ही मार्ग है क्या आपको साक्षी के रूप में सम्मिलित होना पड़ेगा ।
यही कुंडलिनी शक्ति सभी गुरु भक्तों को आशीर्वाद देती है आप भी उसका स्वीकार करें और उसका अनुभव करने की दिशा में प्रयत्न करें ।
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