शव आसान
आप लोगो को बताते हुए बहुत खुशी महसूस हो रहा है कि मैं खुद शव आसान से ध्यान लगता हूं , जो की बहुत ही अहसान तरीका है। जो कि आप अपने बाह मन को कभी भी यह क्रिया करके ध्यान की अवथा में ले जा सकते है। और अपने आंतरिक मन से संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
शव का अर्थ होता है मृत अर्थात अपने शरीर को शव के समान बना लेने के कारण ही इस आसन को शवासन कहा जाता है। इस आसन का उपयोग प्रायः योगसत्र को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह एक शिथिल करने वाला आसन है और शरीर, मन और आत्मा को नवस्फूर्ति प्रदान करता है।
शव आसान मतलब किसी मुर्दे की तरह सो जाना। शव आसान से शारीरिक और मानसिक रूप से पूरा स्वस्थ महसूस करेंगे।आप अगर रोज करेगे तो संसारिक कार्य में भी आपको दिक्कत नही होगा।शव आसान करते हुए अपने ईष्ट का भी ध्यान कर सकते है, आपको लगेगा आपका ईष्ट आप के साथ महसूस होगा। और शव का मतलब शिव भी होता है। जो पुन ऊर्जा के साथ, आंनद के साथ भरा हुआ है।सारे संसार को चलाता है। एक बार आप यह सुरवात करते है तो बंद न करे। जब भी आप को समय मिले यह शव आसान जरूर करे, दिन भर में अपने लिए आधा घंटा जरूर निकले।
आप अपने जीवन में वो सारी सफलता हासिल कर सकते जो आप चाहते हैं, होगा क्या आप जब ध्यान लगायेगे अपनी बाह मन और आंतरिक मन की जो कुछ छन की जो मिलन होता वही ध्यान कहलाता है, आप अपनी जो भी इच्छा बाह मन से आंतरिक को भेजोगे वह सीधा ब्रम्हांड में चले जायेगा। और आपकी सारी इच्छाएं पूरी हो जायेगी। इच्छाएं हमेशा सकारात्मक और प्रबल होनी चाहिए।अगर आप नकरात्मक सोच रखते है,तो आप के साथ वही होगा। जो आपकी सोच है।इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखोगे तो आप के लिए और इस संसार के लिए अच्छा रहेगा। उधारण के लिए आप को किसी चीज, धन, या अच्छा स्वस्थ पाने की इच्छा है तो आप अपने बाह मन में इस इच्छा को प्रबल बनाकर और यह सोच रखते हुए की ,यह चीज या धन मुझे मिल रहा है, यह मुझे मिल चुका है। इसी प्रकार आप अपने स्वास्थ को अच्छा रखने के लिए भी कर सकते हैं और हकीकत में वह आप को मिल ही जाएगा। चाहे वह दुनिया की कितने बड़ी चुनौती क्यों न हो, आप उसको हासिल कर लेंगे।
आइए हम आप सब को शव आसान के कैसे करना है आपको बताते हैं, तो हो जाइए तैयार, आप अपनी सारी सांसारिक क्रिया कलाप निपटा कर शांत जगह में अगर रात या सुबह - सुबह अपनी बिस्तर या जमीन में साफ सुथरा कपड़ा बिछनी है, और बिना तकिए लगाए पीठ के बल लेट जाए। हाथ पैर सीधे रखते हुए,अपनी शरीर को पूरा ढीला छोड़ दें, अपनी दोनो आंख बंद करके अपनी श्वास पर ध्यान दें, श्वास गहरी धीरे - धीरे से ले और छोड़े । कुछ समय तक यही प्रक्रिया अपनाते रहे, अब अपनी शक्ति अनुसार श्वास अपनी नाभि में रोक कर रखे, और फिर अपने शरीर को अपनी मन से आदेश देते सिर से पांव तक जानी है, की मेरे सिर शांत हो रहा है, मेरे दिमाक शांत हो रहा है,मेरे आंख शांत हो रहा है, मेरे दोनो कान शांत हो रहा है, मेरे नाक शांत हो रहा है, इसी प्रकार से पांव तक जानी है, इससे हमारे पूरे शरीर में प्राण शक्ति का संचार होगा। अगर श्वास रोकने में दिक्कत हो रहा हो तो श्वास छोड़ कर पुनः श्वास अपनी नाभि में भरना है।और जहा तक पहुंचे थे, वही से शांत करते जाना है, आप पैर तक पहुंचने के बाद वही से वापस आनी है वो भी लाइन (क्रम) से जो निम्न प्रकार है।
(१)सिर
(२) दीमाक
(३) आंख
(४) कान
(५) नाक
(६) मुंह
(७) गला
(८) दोनो कंधा
(९) दोनो भुजा
(१०) दोनो कोहनी
(११) दोनो हाथ
(१२) दोनो पंजा
(१३) सीना
(१४) दोनो स्तन
(१५) पेट
(१६) नाभि
(१७) कमर
(१८) पीठ
(१९) लिंग या योनि
(२०) गुर्दा दुवार
(२१) दोनो जंघा
(२२) दोनो घुटना
(२३) दोनो पैर
(२४) दोनो पैर के पंजा
इसी क्रम को पांच बार जरूर दोहराए, इसके बाद अपने मन को शांत करने का आदेश दे। आप देखेंगे आपका आदेश का पालन आपकी शरीर और मन दोनो कर रहे हैं। कभी कभी आप गहरी नीद में भी पहुंच सकते हैं,इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। मन में बहुत आंनद महसूस करेंगे। इसके बाद आप अपनी दोनो भौहों के बीच जहां पर हमारा आज्ञा चक्र है, ध्यान लगाना शुरू करना है,आप के मन में जो भी पाने की इच्छा है, बार बार दोहराए आप की सारी इच्छा पूरी होगी । पुन विश्वास के साथ पुन जोर के साथ आज्ञा देनी है की यह चीज मुझे मिल चुका या मैं पुनः रूप से स्वस्थ हूं। फिर देखिए ,पूरा ब्रम्हांड आप को वह देने के लिए बाध्य हो जायगा । जब आपका बाहरी मन आपकी आंतरी मन से धीरे धीरे संपर्क स्थापित होना चालू हो जाएगा । सुरवात में आपको दिक्कत जरूर होगा । उसके बाद एक मिनट, दो मिनट ही ध्यान लगेगा ,लगे रहेंगे तो आप समय बढ़ते जाएगा। जिस दिन आपका इक्कीस मिनट ध्यान लगना सूरवात होगा आप समझ लेना आप पूर्णता की ओर अग्रसर हो रहो। आपको दुनिया की प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलेगी। चाहे तो शव आसान करते हुए मंत्र भी जाप कर सकते हैं। यह मंत्र Dr. Pillai द्वारा दिया गया है। जो अपने आप में सिद्ध मंत्र है।
मंत्र:-
श्रीम ब्रजी
SHREEM BRZEE
यह मंत्र आपके जीवन में धन और संपत्ति आकर्षित करेगा। धन में वृद्धि करें: मोटे तौर पर, नियमित रूप से श्रीम ब्रजी मंत्र का जाप करने से आपके जीवन में धन आकर्षित होगा। यह धन प्रचुर मात्रा में है – यह भौतिक धन है, यह स्वास्थ्य की प्रचुरता है, यह सकारात्मकता का, सौंदर्य का, समृद्धि का प्रचुरता है।
ध्यान बस यही रखना किसी के साथ बुरा करने के बारे में न सोचे क्योंकि ब्रम्हांड आकर्षण के नियम को मानते है, आप के तरफ वो सारी चीज आकर्षित होना चालू हो जाएगा । चाहे वह सकारात्मक सोच हो या नकारात्मक सोच हो।
एक साध्य सो सब साध्य , यह कहावत हकीकत है । आप आपने मन को अपने वश में कर लिए तो दुनिया को अपने वश में कर सकते है।आप के लिए दुनिया की कोई भी काम नामुमकिन नहीं होगा।
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