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सम्मोहन विद्या

सम्मोहन विद्या एक ऐसी आश्चर्यजनक चमत्कारिक विद्या मानी जाती है जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह पर अपना अधिपत्य कर लेता है या उनको अपनी बात मानने पर विवश कर देता है. अभी तक आप सब लोगों ने सम्मोहन के बारे में उपरोक्त बातें ही पढ़ी या सुनी होगी जबकि यह पूरी तरह से सत्य नहीं है. वास्तव में सम्मोहन विद्या जिसे इंग्लिश में हिप्नोटिज्म भी कहते हैं, ऐसी विद्या है जिसका उपयोग व्यक्ति पैदा होने से लेकर मरने तक अलग-अलग प्रकार और तरीकों से जीवन के हर क्षेत्र में करता ही रहता है.
सम्मोहन विद्या का मूल भारत माना जाता है और यह माना जाता है कि भारत में ही यह विद्या बनी तथा यह आगे बढ़ी. लेकिन समय बदलने के साथ साथ भारत में खोज और जिज्ञासा की भावना खत्म होती गई और उसके साथ-साथ सम्मोहन विद्या भी भारत से लुप्त होती चली गई.
वास्तव में सम्मोहन विद्या को भारतीय ऋषियों ने “प्राण विद्या” और “त्रिकाल विद्या” के नाम से पुकारा है क्योंकि यह विद्या मुख्य रूप से प्राण तत्वों से चलती है इसलिए इसको प्राण विद्या कहा जाता है, तथा त्रिकाल विद्या इसको इसलिए कहा जाता है क्योंकि सम्मोहन विद्या के अंत में व्यक्ति भूत भविष्य वर्तमान देखने व जानने की क्षमता प्राप्त कर लेता है.
सम्मोहन विद्या के अंतर्गत व्यक्ति 3 तरीके से दूसरे व्यक्ति को सम्मोहित कर सकता है :
1. साधारण सम्मोहन
इसमें व्यक्ति केवल उपरी तौर पर सम्मोहित होता है तथा सम्मोहित व्यक्ति आपकी वही बातें मानेगा जो उसके अनुकूल होगी तथा जो बात उसके धर्म व विश्वास के विपरीत होगी, ऐसी बात वह कभी नहीं मानेगा.

2. दुसरे स्तर का सम्मोहन
दूसरे लेवल पर सम्मोहित किया गया व्यक्ति आपके आदेश के अनुसार कार्य करने लगता है लेकिन इस स्तर पर भी वह सम्मोहनकर्ता की सभी बातें नहीं मानता. मान लीजिए अगर सम्मोहनकर्ता सम्मोहित व्यक्ति से कहता है कि वह किसी का कत्ल कर दे तो सम्मोहित व्यक्ति ऐसा नहीं करेगा.

3.तीसरे स्तर का सम्मोहन
तीसरे स्तर पर सम्मानित किया गया व्यक्ति पूरी तरह से सम्मोहनकर्ता के वश में होता है तथा इस समय सम्मोहनकर्ता जो भी उस व्यक्ति को आज्ञा देगा वह व्यक्ति उसकी बात अवश्य मानेगा तथा इस लेवल पर सम्मोहित व्यक्ति के मन में कुछ बातें भी डाली जा सकती है.
जैसे कि अब से आपको मिर्ची मीठी लगने लगेगी और इसके बाद अगर सम्मोहन तोड़ दिया जाए तो आपको बहुत ज्यादा हैरानी होगी कि सम्मोहित व्यक्ति को मिर्ची मीठी लगने लग जाएगी.

पोस्ट हिप्नोटिज्म :
उपरोक्त तरीकों के अलावा सम्मोहन का एक अन्य तरीका भी है जिससे पोस्ट हिप्नोटिज्म कहा जाता है इस सम्मोहन के अंतर्गत व्यक्ति डायरेक्ट किसी दूसरे व्यक्ति को सम्मोहित नहीं करता बल्कि वह किसी वस्तु के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को सम्मोहित करता है.
उदाहरण के तौर पर सम्मोहन करता एक रुमाल पर सम्मोहन करता है तथा उसे भावना देता है कि जो भी व्यक्ति इस रुमाल को देखेगा वह मेरे अनुकूल हो जाएगा.
यह बहुत हैरान कर देने वाला तथ्य है कि इस प्रकार का सम्मोहन भी पूरी तरह से काम करता है तथा जो भी व्यक्ति उस रुमाल को देखेगा वह सम्मोहन करता के अनुकूल निश्चित तौर पर बनेगा.

स्वः सम्मोहन :
इस प्रक्रिया में सम्मोहनकर्ता खुद को ही सम्मोहित करता है जिस्समे अपने मन व मष्तिष्क पर उसका नियंत्रण अधिक हो जाता हैं.
अब हम आपको बताते हैं कि आखिरकार सम्मोहन काम करता कैसे है? वास्तव में सम्मोहन पूरी तरह से हमारे अचेतन मस्तिष्क पर आधारित होता है तथा हमारा अवचेतन मस्तिष्क जितना शक्तिशाली व एकाग्र होता है हमारी सम्मोहन करने की शक्ति उतनी ही अधिक हो जाती है.
अब सवाल यह उठता है कि हमारे अवचेतन मस्तिष्क को एकाग्र वह शक्तिशाली कैसे किया जाए? यूं तो हमारे अवचेतन मस्तिष्क को शक्तिशाली व एकाग्र करने की अनेक विधियां है परंतु उन विधियों में भी दो विधियां प्रमुख है जिनमें है : 1. त्राटक, 2. ध्यान

सबसे पहले जानते हैं त्राटक के बारे में: किसी वस्तु अथवा बिंदु को एकटक बिना पलके झपकाए देखने को त्राटक कहते हैं. त्राटक ही सम्मोहन की पहली सीढ़ी हैं.
ध्यान : आंखें बंद कर किसी व्यक्ति, वस्तु के बारे में बिना कोई दूसरा विचार लाए सोचने को ध्यान कहते हैं.
यह दोनों विद्या ही अत्यंत शक्तिशाली है तथा ध्यान के बारे में तो वर्तमान में लगभग हर व्यक्ति थोड़ा-बहुत जानता ही है.
तो दोस्तों यह सम्मोहन विद्या व उसके प्रकार के बारे में हमने संक्षिप्त प्रकाश डाला है अगली पोस्ट में हम आपको त्राटक के बारे में विस्तृत रूप से बताएंगे जिसके बाद आप त्राटक के माध्यम से एक सफल सम्मोहनकर्ता बन सकते हैं.

सम्मोहन के लाभ :
#1. सम्मोहन से व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को अपने अनुकूल बना सकता है.
#2. नौकरी के क्षेत्र में व्यक्ति सम्मोहन के जरिए अपने बड़े अधिकारियों को अपने अनुकूल कर सकता है तथा अपने से छोटे अधिकारियों को अपने अनुकूल बना कर उनसे अधिकतम कार्य भी करवा सकता है.
#3. बिजनेस के क्षेत्र में सम्मोहन के जरिए नए नए टेंडर हासिल किए जा सकते हैं. अपना बिजनेस तेजी से बढ़ाया जा सकता है तथा रुकी हुई पेमेंट भी आसानी से हासिल की जा सकती है.
#4. दुकान या किसी सेवा कार्य के अंतर्गत तो सम्मोहन बहुत ज्यादा कार्य करता है क्योंकि इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा ग्राहक आकर्षित किए जा सकते हैं तथा अपना व्यापार तेजी से बढ़ाया जा सकता है.
#5. प्रेम के क्षेत्र में तो सम्मोहन ही सब कुछ है. इसके जरिए आप सामने वाले स्त्री अथवा पुरुष को आसानी से आकर्षित कर सकते हैं.
#6. पढ़ाई के क्षेत्र में भी सम्मोहन अपना एक अलग महत्व रखता है क्योंकि सम्मोहन के जरिए बच्चों के दिमाग में जल्दी याद करने का गुण बढ़ाया जा सकता है और अगर किसी बच्चे का दिमाग पढ़ाई में नहीं लगता तो सम्मोहन के जरिए उसकी रुचि पढ़ाई में बढ़ाई भी जा सकती है.
#7. अगर पति पत्नी के विचार आपस में नहीं मिलते या घर में कलह रहती हो तो सम्मोहन इन मामलों में बहुत तेजी से काम करता हैं तथा पति पत्नी के मध्य संबंध भी सदा के लिए मधुर बनाएं जा सकते हैं.


इसके अलावा हजारों ऐसे कार्य है जो सम्मोहन के अंतर्गत बल्कि यह कहें की प्रारंभिक सम्मोहन के अंतर्गत भी आसानी से किया जा सकते हैं.
पाठकों सम्मोहन से जुड़ी अगली पोस्ट के लिए इंतजार करें, शीघ्र ही सम्मोहन के एक अंग “त्राटक” के बारे में पोस्ट शीघ्र ही पब्लिश की जाएगी.

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