मां गायत्री की साधना एक महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक प्रथा है। गायत्री मंत्र को सृष्टि का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। यह मंत्र देवी गायत्री को समर्पित है, जो ज्ञान और प्रकाश की देवी हैं। साधना करने से साधक को मानसिक शांति, ध्यान और आत्मिक शक्ति मिलती है।
### गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र इस प्रकार है:
**"ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥"**
### साधना विधि
1. **स्थान का चयन:** एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें, जहाँ आप बिना किसी विघ्न के ध्यान कर सकें।
2. **सामग्री:**
- एक आसन (कंबल या चटाई)
- एक दीपक और अगरबत्ती (यदि संभव हो)
- जल का बर्तन
3. **आरंभ:**
- सुबह के समय, विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त में साधना करना उत्तम होता है।
- स्नान करने के बाद, अपने मन और शरीर को साफ करें।
- आसन पर बैठें और आँखें बंद करें।
4. **ध्यान:**
- गायत्री मंत्र का जप करें। इसे 108 बार या जितनी बार संभव हो, जपना चाहिए।
- ध्यान केंद्रित करने के लिए, मंत्र का अर्थ समझते हुए उसका जाप करें।
5. **प्रार्थना:**
- साधना के अंत में मां गायत्री से प्रार्थना करें कि वे आपको ज्ञान और शक्ति प्रदान करें।
### लाभ
- मानसिक शांति और स्थिरता
- आत्मा की उन्नति
- नकारात्मकता से मुक्ति
- बेहतर निर्णय लेने की क्षमता
यह साधना नियमित रूप से करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और साधक का जीवन सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ता है।
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