नव ग्रह शांति पूजा का आयोजन नवग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की शांति और उनकी शुभता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस पूजा का उद्देश्य ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति को बढ़ाना होता है।
### नव ग्रह शांति पूजा के प्रमुख चरण:
1. **स्नान और शुद्धता**: पूजा शुरू करने से पहले स्नान करना और स्वच्छ कपड़े पहनना आवश्यक है।
2. **पंडित या पुरोहित का आह्वान**: एक योग्य पंडित को बुलाकर पूजा की प्रक्रिया को सही ढंग से संपन्न करने के लिए।
3. **ग्रहों का आवाहन**: पूजा में नवग्रहों का आवाहन किया जाता है। इसके लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।
4. **अभिषेक**: प्रत्येक ग्रह के लिए जल, दूध, शहद, और अन्य सामग्री का अभिषेक किया जाता है।
5. **हवन**: अग्नि में घी और अन्य सामग्री डालकर हवन किया जाता है। यह नवग्रहों को संतुष्ट करने के लिए किया जाता है।
6. **प्रसाद वितरण**: पूजा के अंत में प्रसाद का वितरण किया जाता है।
### पूजा के लाभ:
- **नकारात्मक प्रभाव कम करना**: ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद मिलती है।
- **शांति और समृद्धि**: जीवन में शांति और समृद्धि का अनुभव होता है।
- **रोगों का निवारण**: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
आप यदि अधिक जानकारी या विशिष्ट मंत्रों की आवश्यकता हो तो बता सकते हैं।
नव ग्रह शान्ति मंत्र का जाप करने से ग्रहों की अशांति और दोषों को दूर करने में मदद मिलती है। यह मंत्र निम्नलिखित हैं:
1. **सूर्य** के लिए:
*ॐ घृणि सूर्याय नमः।*
2. **चन्द्रमा** के लिए:
*ॐ सोमाय नमः।*
3. **मंगल** के लिए:
*ॐ अंगारकाय नमः।*
4. **बुध** के लिए:
*ॐ बुन्धनाय नमः।*
5. **गुरु** के लिए:
*ॐ गुरु ब्रह्मा नमः।*
6. **शुक्र** के लिए:
*ॐ शुक्राय नमः।*
7. **शनि** के लिए:
*ॐ शनैश्चराय नमः।*
8. **राहु** के लिए:
*ॐ राहवे नमः।*
9. **केतु** के लिए:
*ॐ केतवे नमः।*
### नव ग्रह शान्ति मंत्र:
*ॐ नवग्रहाय नमः।*
इन मंत्रों का जाप नियमित रूप से करने से मानसिक शांति, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आप इस मंत्र का जाप किसी विशेष दिन, जैसे कि रविवार, सोमवार या किसी शुभ मुहूर्त पर कर सकते हैं।
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