**मां लक्ष्मी साधना** मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है, जिन्हें धन, समृद्धि, और वैभव की देवी माना जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से दीपावली के समय की जाती है, लेकिन यह साधना पूरे वर्ष किसी भी शुभ दिन पर की जा सकती है। लक्ष्मी साधना के कुछ महत्वपूर्ण चरण इस प्रकार हैं:
### 1. **साधना का समय**:
- सबसे उत्तम समय शुक्रवार को सूर्यास्त के बाद होता है, क्योंकि यह दिन मां लक्ष्मी को समर्पित माना गया है।
- पूर्णिमा का दिन भी लक्ष्मी साधना के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
### 2. **साधना स्थल**:
- साधना करने के लिए स्वच्छ और शांत जगह का चयन करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें और मां लक्ष्मी का चित्र या प्रतिमा रखें।
### 3. **सामग्री**:
- लाल या पीला कपड़ा (पूजा के लिए)
- कमल का फूल (मां लक्ष्मी का प्रिय फूल)
- शुद्ध घी का दीपक
- इत्र, अक्षत (चावल), कुमकुम, धनिया बीज, आदि
- मिष्ठान्न (मां लक्ष्मी को भोग लगाने के लिए)
### 4. **मंत्र और ध्यान**:
- साधना से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें।
- मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद निम्न मंत्र का जाप करें:
**मंत्र**:
"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।"
- इस मंत्र का 108 बार या 11 माला तक जाप करें।
### 5. **आरती और भोग**:
- मंत्र जाप के बाद मां लक्ष्मी की आरती करें।
- मां को भोग लगाएं और अंत में परिवार के सदस्यों में प्रसाद बांटें।
### 6. **साधना के बाद**:
- पूजा के बाद साधक को संयम और शुद्धता का पालन करना चाहिए।
- साधना से प्राप्त धन और समृद्धि का उचित उपयोग करना चाहिए।
### साधना के लाभ:
- मां लक्ष्मी की कृपा से धन, वैभव और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- घर में शांति और सौभाग्य का वास होता है।
- जीवन की हर मुश्किल का सामना करने के लिए आंतरिक शक्ति मिलती है।
अगर मां लक्ष्मी की साधना नियमित रूप से श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाए, तो साधक को निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
No comments:
Post a Comment