**मां तारा साधना** तंत्र साधना की एक प्राचीन और महत्वपूर्ण साधना है। मां तारा देवी तंत्र की दस महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं और उन्हें शक्ति, ज्ञान, और सुरक्षा की देवी माना जाता है। मां तारा साधना करने से साधक को कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं।
### मां तारा का स्वरूप:
मां तारा का स्वरूप अत्यंत उग्र होता है। उन्हें नीले रंग की देवी के रूप में दर्शाया जाता है, जो अपनी कृपा से भक्तों को जीवन के संकटों से मुक्त करती हैं। तारा का अर्थ है "तारिणी", अर्थात वह देवी जो भक्तों को संकटों से पार लगाती हैं।
### मां तारा साधना के लाभ:
1. **संकट से मुक्ति:** मां तारा साधना जीवन के संकटों को दूर करती है।
2. **आध्यात्मिक जागरण:** साधक को अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होते हैं।
3. **ज्ञान और विवेक का विकास:** साधक में ज्ञान और विवेक का विकास होता है।
4. **भय से मुक्ति:** साधना करने से व्यक्ति अपने भीतर के भय से मुक्त हो जाता है।
### साधना करने की विधि:
1. **साधना का समय:** अमावस्या, पूर्णिमा या नवमी के दिन तारा साधना करने का विशेष महत्व है। रात्रि का समय अधिक उपयुक्त माना जाता है।
2. **आसन और दिशा:** साधक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। सफेद या लाल वस्त्र पहनें।
3. **मंत्र:** मां तारा का प्रमुख मंत्र है:
```
ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट् स्वाहा।
```
इस मंत्र का जप 108 बार (1 माला) या 1008 बार किया जा सकता है।
4. **ध्यान:** मां तारा के ध्यान के समय उन्हें नीले रंग की आभा में, चार भुजाओं वाली, खप्पर और तलवार धारण किए हुए देखना चाहिए।
### मां तारा की पूजा सामग्री:
1. नीले रंग के पुष्प
2. धूप, दीप, और कर्पूर
3. मां तारा की मूर्ति या चित्र
4. काले तिल, गुड़, और शहद का प्रसाद
साधना के दौरान साधक को पूर्ण एकाग्रता और श्रद्धा रखनी चाहिए।
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