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स्कंदमाता साधना

 **स्कंदमाता साधना** (Skandamata Sadhana) एक विशेष साधना है जिसमें देवी दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की उपासना की जाती है। स्कंदमाता देवी की पूजा नवरात्रि के पाँचवे दिन की जाती है और यह साधना उनके भक्तों के लिए अत्यधिक फलदायी मानी जाती है। स्कंदमाता अपने पुत्र, भगवान स्कंद (कार्तिकेय), को गोद में लिए हुए दिखाई देती हैं और उन्हें पुत्र प्राप्ति, समृद्धि, एवं शांति का प्रतीक माना जाता है।


### स्कंदमाता साधना के लाभ:

- भौतिक एवं आध्यात्मिक समृद्धि।

- बाधाओं से मुक्ति।

- पारिवारिक सुख और शांति।

- रोगों एवं पीड़ा से मुक्ति।

- विशेषतः यह साधना पुत्र प्राप्ति के लिए भी की जाती है।


### स्कंदमाता साधना की विधि:


1. **साधना के लिए समय**:  

   - नवरात्रि के पाँचवे दिन यह साधना की जाती है। लेकिन साधक इसे अन्य दिनों में भी कर सकते हैं, खासकर शुक्रवार को।


2. **पूजा स्थल**:  

   - पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान चुनें और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके साधना करें। एक सफेद या लाल कपड़ा बिछाकर उस पर देवी स्कंदमाता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।


3. **सामग्री**:

   - सफेद फूल, सफेद वस्त्र, चंदन, धूप, दीपक, नैवेद्य (मिठाई), फल, और लाल सिंदूर।

   

4. **ध्यान**:  

   - साधना शुरू करने से पहले देवी स्कंदमाता का ध्यान करें।  

   - देवी का ध्यान इस प्रकार किया जाता है:  

   *"सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।  

   शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥"*


5. **मंत्र**:  

   - देवी को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्र का जप करें:  

   *"ॐ देवी स्कंदमातायै नमः"*  

   - इस मंत्र का 108 बार जाप करें। रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग कर सकते हैं।


6. **आरती और प्रसाद**:  

   - साधना के अंत में स्कंदमाता की आरती करें और उन्हें मिठाई और फल का प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद को अपने परिवार के साथ बांटें।


7. **विशेष निर्देश**:  

   - साधना के दौरान मन को स्थिर रखें और पूरी भक्ति से देवी का ध्यान करें। साधना के दौरान मौन रहें और पूर्ण शुद्धता बनाए रखें।


### साधना के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:

- साधना से पहले साधक को शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।

- मन को शांत और एकाग्र रखें।

- नियमित रूप से साधना करने पर देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।


स्कंदमाता साधना से साधक को मानसिक शांति, परिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

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