सिद्धिदात्री साधना माँ सिद्धिदात्री की आराधना है, जो नवदुर्गा के नौवें रूप में मानी जाती हैं। "सिद्धिदात्री" का अर्थ है वह देवी जो साधकों को सिद्धियाँ प्रदान करती हैं। यह साधना आध्यात्मिक और भौतिक दोनों लाभों के लिए की जाती है।
साधना का प्रमुख उद्देश्य दिव्यता प्राप्त करना, जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना और सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करना होता है। माँ सिद्धिदात्री की साधना के दौरान विशेष रूप से निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:
### साधना की विधि:
1. **स्थान का चयन**: एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें जहाँ बिना किसी बाधा के ध्यान कर सकें।
2. **समय**: प्रातःकाल या रात्रि का समय उपयुक्त माना जाता है, विशेषकर नवरात्रि के नौवें दिन साधना करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
3. **ध्यान मुद्रा**: साधक पद्मासन या किसी अन्य ध्यान मुद्रा में बैठें। साधना के दौरान मन को शांत और
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