दस महाविद्या साधना तंत्र मार्ग की एक अत्यंत शक्तिशाली और गूढ़ साधना है। दस महाविद्याएँ दस अलग-अलग शक्तियों और देवियों का समूह है, जो तंत्र साधना में अत्यधिक पूजनीय हैं। इन दस महाविद्याओं की साधना से साधक को विविध प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं, जिनसे जीवन में सफलता, आध्यात्मिक उन्नति, और मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
दस महाविद्याओं के नाम और उनके विशेष गुण निम्नलिखित हैं:
### 1. **काली**:
- काली महाविद्या का संबंध समय और मृत्यु से है। इनकी साधना से भय का नाश और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
- मंत्र: "ॐ क्रीं काली कल्याणि महाकाल्यै नमः।"
### 2. **तारा**:
- तारा देवी ज्ञान, मोक्ष और सुरक्षा की देवी हैं। इनकी साधना से जीवन में कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है।
- मंत्र: "ॐ ह्रीं स्त्रीम हूम फट।"
### 3. **त्रिपुरसुंदरी (श्री विद्या)**:
- यह सौंदर्य और प्रेम की देवी हैं। इनकी साधना से साधक को ऐश्वर्य और सुंदरता की प्राप्ति होती है।
- मंत्र: "ॐ ऐं क्लीं सौः श्री महात्रिपुरसुंदरीयै नमः।"
### 4. **भुवनेश्वरी**:
- यह देवी संसार की रचयिता और नियंत्रक हैं। इनकी साधना से प्रभावशाली व्यक्तित्व और यश की प्राप्ति होती है।
- मंत्र: "ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः।"
### 5. **छिन्नमस्ता**:
- यह देवी आत्म-बलिदान और शक्तिशाली परिवर्तनों की देवी हैं। इनकी साधना से अद्वितीय साहस और बल प्राप्त होता है।
- मंत्र: "ॐ श्रीं ह्रीं हूम छिन्नमस्तायै नमः।"
### 6. **भैरवी**:
- भैरवी देवी दुर्जेय शक्ति और अनिष्ट को नष्ट करने वाली हैं। इनकी साधना से बाधाओं और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
- मंत्र: "ॐ ह्रीं भैरव्यै नमः।"
### 7. **धूमावती**:
- यह देवी विधवा रूप में होती हैं और इनकी साधना से दुःख और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
- मंत्र: "ॐ धूं धूं धूमावत्यै स्वाहा।"
### 8. **बगलामुखी**:
- यह देवी शत्रु नाश और विजय की देवी हैं। इनकी साधना से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- मंत्र: "ॐ ह्लीं बगलामुख्यै सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।"
### 9. **मातंगी**:
- यह देवी वाणी, कला और संगीत की देवी हैं। इनकी साधना से प्रभावशाली वाणी और ज्ञान प्राप्त होता है।
- मंत्र: "ॐ ह्रीं ऐं श्रीं मातंग्यै नमः।"
### 10. **कमला**:
- यह देवी धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं। इनकी साधना से भौतिक समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।
- मंत्र: "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलायै नमः।"
### साधना के चरण:
1. **साधना का स्थान**: एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। साधना के लिए विशेष रूप से बनाए गए तंत्र-मंत्र सिद्ध स्थान उपयुक्त होते हैं।
2. **आसन**: साधक को कुश या रेशम के आसन पर बैठना चाहिए।
3. **समय**: ब्रह्म मुहूर्त या रात्रि का समय साधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
4. **मंत्र जाप**: साधक को अपनी साधना देवी के मंत्र का श्रद्धा पूर्वक जाप करना चाहिए। जाप के लिए रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग कर सकते हैं।
5. **ध्यान**: देवी की मूर्ति या यंत्र का ध्यान करें, और अपने ध्यान में उन्हें अपने सामने उपस्थित अनुभव करें।
6. **नियम**: साधक को साधना काल में शुद्धता, सत्य, और संयम का पालन करना चाहिए। व्रत और अनुशासन साधना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
दस महाविद्याओं की साधना अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली है, इसलिए इसे गुरु की निगरानी में करना उचित होता है। सही विधि और नियम से की गई साधना से साधक को अद्भुत अनुभव और सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
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