Yllix

योग में प्रत्याहार क्या है?

 योग में प्रत्याहार योग के आठ अंगों में पाँचवाँ अंग है, जिसे "इंद्रियों का निग्रह" या "इंद्रियों की वापसी" कहा जाता है। प्रत्याहार का अर्थ है बाहरी इंद्रिय-जगत से ध्यान हटाकर, आंतरिक रूप से केंद्रित होना। इसमें मनुष्य अपनी इंद्रियों को बाहरी विषयों से हटाकर, आत्मसंयम के साथ अंतर्मुखी होता है।


प्रत्याहार का अभ्यास मन और इंद्रियों को शांत करने में मदद करता है, जिससे ध्यान और धारणा की अवस्था में प्रवेश करना आसान हो जाता है। इसे योग साधना में महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह ध्यान और समाधि की तैयारी करता है, जिससे योगी अपने अंतर्मन से जुड़ सकता है।

No comments:

Post a Comment

Sab kuch

प्यार को मजबूत और स्थायी बनाने के 10 टिप्स

 प्यार एक गहरा और भावनात्मक संबंध है जो दो लोगों के बीच आत्मीयता, समझ और परस्पर सम्मान पर आधारित होता है। इसे मजबूत और स्थायी बनाने के लिए क...