योग में समाधि एक उच्चतम अवस्था है, जहां व्यक्ति अपने मन और आत्मा के गहरे अनुभव में पहुंचता है। इसे ध्यान या योग की अंतिम स्थिति माना जाता है, जिसमें मन पूरी तरह से शांत और एकाग्र होता है। समाधि में व्यक्ति अपने आत्म-साक्षात्कार की स्थिति में पहुंचता है, जहां उसे अपने अस्तित्व का गहरा अनुभव होता है और वह अपने और ब्रह्मांड के बीच की सीमाओं को पार कर जाता है।
समाधि के विभिन्न स्तर हो सकते हैं, जिनमें:
1. **साविकल्प समाधि**: यह एक प्रारंभिक अवस्था है, जहां ध्यान के दौरान विचार और संवेग होते हैं। इसमें व्यक्ति को कुछ विचार आते हैं, लेकिन वह ध्यान पर केंद्रित रहता है।
2. **निर्विकल्प समाधि**: यह एक गहरी अवस्था है, जहां मन पूरी तरह से शांत होता है। इस अवस्था में व्यक्ति को किसी भी विचार या संवेग का अनुभव नहीं होता है।
समाधि की प्राप्ति के लिए नियमित अभ्यास, ध्यान और मानसिक अनुशासन की आवश्यकता होती है। यह आत्मा की शांति और संतुलन की ओर ले जाती है।
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