*कहीं ना कहीं कर्मो का डर है, नही तो गंगा पर क्यो इतनी भीड है?*
*जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नही*
*पाप शरीर नही करता विचार करते है*
*और गंगा विचारो को नही सिर्फ शरीर को धोती है...*
*जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नही*
*पाप शरीर नही करता विचार करते है*
*और गंगा विचारो को नही सिर्फ शरीर को धोती है...*
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