🙏 *जय श्री कृष्णा* 🙏
*अतितॄष्णा न कर्तव्या*
*तॄष्णां नैव परित्यजेत्।*
*शनै: शनैश्च भोक्तव्यं*
*स्वयं वित्तमुपार्जितम् ॥*
भावार्थः-
_अधिक इच्छाएं नहीं करनी चाहिए पर इच्छाओं का सर्वथा त्याग भी नहीं करना चाहिए। अपने कमाये हुए धन का धीरे-धीरे उपभोग करना चाहिये॥_
*अतितॄष्णा न कर्तव्या*
*तॄष्णां नैव परित्यजेत्।*
*शनै: शनैश्च भोक्तव्यं*
*स्वयं वित्तमुपार्जितम् ॥*
भावार्थः-
_अधिक इच्छाएं नहीं करनी चाहिए पर इच्छाओं का सर्वथा त्याग भी नहीं करना चाहिए। अपने कमाये हुए धन का धीरे-धीरे उपभोग करना चाहिये॥_
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