*" मनचाहा " बोलने के लिए ,*
*" अनचाहा " सुनने की ताकत होनी चाहिए l*
*मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो*
*सिर्फ़ अंधेरे से है,,,,*
*हवा तो बेवजह ही मेरे*
*ख़िलाफ़ है!*
*हवा से कह दो कि खुद को*
*आज़मा के दिखाए,,,,,,*
*बहुत दीपक बुझाती है,*
*एक जला के दिखाए !!* 🌹
🌿🌿🌿🌿🌹🌹🌿🌿🌿
*" अनचाहा " सुनने की ताकत होनी चाहिए l*
*मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो*
*सिर्फ़ अंधेरे से है,,,,*
*हवा तो बेवजह ही मेरे*
*ख़िलाफ़ है!*
*हवा से कह दो कि खुद को*
*आज़मा के दिखाए,,,,,,*
*बहुत दीपक बुझाती है,*
*एक जला के दिखाए !!* 🌹
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